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QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: एशिया 2024

  • 11 Nov 2023
  • 6 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वैश्विक उच्च शिक्षा थिंक-टैंक क्वाक्वेरेली साइमंड्स द्वारा QS एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग: एशिया 2024 जारी की गई है, जिसमें एशिया के कुल 856 विश्वविद्यालयों की व्यापक सूची में भारत के 148 विश्वविद्यालय शामिल हैं।

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग क्या है?

  • QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग प्रतिवर्ष क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) द्वारा जारी की जाती है।
  • इस रैंकिंग में विश्व भर के विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन और गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है।
  • यह कार्यप्रणाली शैक्षणिक प्रतिष्ठा, संकाय-छात्र अनुपात, नियोक्ता प्रतिष्ठा, स्थिरता, रोज़गार परिणाम, अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क, प्रति संकाय उद्धरण, अंतर्राष्ट्रीय संकाय अनुपात और अंतर्राष्ट्रीय छात्र अनुपात जैसे संकेतकों पर विचार करती है।
  • इसके तहत विषय, क्षेत्र, छात्र शहर, बिज़नेस स्कूल और स्थिरता के आधार पर रैंकिंग प्रदान की जाती है।

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: एशिया 2024 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • शीर्ष रैंकिंग विश्वविद्यालय:
    • इस सूची में पेकिंग यूनिवर्सिटी (चीन) शीर्ष पर है, इसके बाद हॉन्गकॉन्ग यूनिवर्सिटी (हॉन्गकॉन्ग) तथा नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS), सिंगापुर हैं।
  • भारतीय विश्वविद्यालयों का प्रदर्शन:
    • IIT बॉम्बे ने भारत में अपनी शीर्ष रैंकिंग बरकरार रखी है और एशिया में 40वें स्थान पर है। 
    • सात भारतीय संस्थान एशिया के शीर्ष 100 में शामिल हैं, जिनमें से पाँच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs) हैं, साथ ही भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc),बैंगलोर और दिल्ली विश्वविद्यालय भी हैं।
      • अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालयों की बढ़ती दृश्यता भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य के विस्तार और वैश्विक अनुसंधान में इसके योगदान को दर्शाती है।

  • चीन से आगे निकला भारत:
    • QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: एशिया 2024 में शामिल विश्वविद्यालयों की संख्या में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है, भारत से 37 नई प्रविष्टियाँ शामिल हुईं, जबकि चीन से केवल सात ही नई प्रविष्टियाँ आईं।
  • भारत की शक्तियाँ और चुनौतियाँ:
    • अनुसंधान उत्पादन और पी.एच.डी. धारक उच्च प्रशिक्षित संकाय सदस्यों के मामले में भारत बाकी क्षेत्रों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करता है, लेकिन नियोक्ता और शैक्षणिक प्रतिष्ठा के मामले में यह पीछे है।
    • भारत के अनुसंधान उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2018 से 2022 तक 60% की वृद्धि दर्शाता है, जो वैश्विक औसत से दोगुने से भी अधिक है।
    • हालाँकि चीन के साथ विकास का अंतर कम हो रहा है, भारत अनुसंधान उत्पादन के मामले में आगे बढ़ रहा है।

शिक्षा और अनुसंधान से संबंधित भारतीय पहल क्या हैं?

  • विशिष्ट संस्थान योजना (IoE):
    • यह 20 संस्थानों (सार्वजनिक क्षेत्र से 10 एवं निजी क्षेत्र से 10) को विश्व स्तरीय शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थानों के रूप में स्थापित करने अथवा अपग्रेड करने के लिये नियामक वास्तुकला प्रदान करने की एक सरकार की योजना है, जिन्हें 'उत्कृष्ट संस्थान' कहा जाता है।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020
    • इसका उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली में स्कूल से लेकर कॉलेज स्तर तक कई बदलाव लाना तथा भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है।
  • इम्पेक्टिंग रिसर्च इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी (IMPRINT):
    • समावेशी विकास और आत्मनिर्भरता के लिये देश को सक्षम, सशक्त तथा प्रोत्साहित करने के लिये भारत को महत्त्वपूर्ण इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी चिंताओं का सामना करना होगा और साथ ही उनका समर्थन भी करना होगा। नई शिक्षा रणनीति तथा अनुसंधान की योजना तैयार करने के लिये यह देशभर के IITs व IISC के बीच यह अपनी तरह का पहला संयुक्त प्रयास है।
  • उच्चतर अविष्कार योजना (UAY):
    • इसकी घोषणा उच्च क्रम के नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी जो सीधे उद्योग की ज़रूरतों को प्रभावित करता है और इस तरह भारतीय विनिर्माण की प्रतिस्पर्धी बढ़त में सुधार करता है।
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