उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में फसल-विशिष्ट बोर्ड स्थापित किये जाएंगे
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार 50,000 करोड़ रुपए के वार्षिक कृषि निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम के रूप में फसल-विशिष्ट वस्तु बोर्ड स्थापित करने की योजना बना रही है।
मुख्य बिंदु
- इस पहल का उद्देश्य अगले चार वर्षों में कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना, खाद्य प्रसंस्करण को उत्प्रेरित करना और कृषि मूल्य शृंखला को पुनः सक्रिय करना है।
- रोज़गार सृजन के लिये सरकार कृषि-केंद्रित स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही है।
- राज्य में स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट और फूलों जैसे बागवानी उत्पादों की भारी मांग है।
- भारतीय मसाला बोर्ड की तर्ज़ पर राज्य स्तरीय बागवानी वस्तु बोर्ड स्थापित किये जाएंगे।
- भारतीय खाद्य एवं कृषि चैंबर (Indian Chamber of Food and Agriculture- ICFA) ने कृषि उद्योग और निर्यात को बढ़ावा देने हेतु उत्तर प्रदेश राज्य कृषि परिषद का गठन किया है।
- इससे सरकार, कृषि विशेषज्ञों और किसानों के बीच समंवय को बढ़ावा मिलेगा।
- परिषद सतत् कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने, बाज़ार पहुँच बढ़ाने और निर्यात को समर्थन देने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
- यह फरवरी 2025 में लखनऊ में ‘एग्रो वर्ल्ड 2025’ शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।
भारतीय मसाला बोर्ड
- मसाला बोर्ड का गठन 26 फरवरी, 1987 को मसाला बोर्ड अधिनियम, 1986 के अंतर्गत तत्कालीन इलायची बोर्ड (वर्ष 1968) और मसाला निर्यात संवर्द्धन परिषद (वर्ष 1960) के विलय से किया गया था।
- वाणिज्य विभाग के अंतर्गत पाँच वैधानिक कमोडिटी बोर्ड हैं।
- ये बोर्ड चाय, कॉफी, रबर, मसालों और तंबाकू के उत्पादन, विकास तथा निर्यात के लिये ज़िम्मेदार हैं।
- यह 52 अनुसूचित मसालों के निर्यात संवर्द्धन और इलायची के विकास के लिये ज़िम्मेदार है।
- मसाला बोर्ड भारतीय मसालों के विकास और विश्वव्यापी प्रचार-प्रसार के लिये प्रमुख संगठन है।
- बोर्ड भारतीय निर्यातकों और विदेशी आयातकों के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय कड़ी है।
भारतीय खाद्य एवं कृषि चैंबर (ICFA)
- पूर्व में भारतीय खाद्य एवं कृषि परिषद के नाम से जानी जाने वाली भारतीय खाद्य एवं कृषि चैंबर की स्थापना वर्ष 2015 में हुई थी।
- यह भारत में शीर्ष निकाय है, जो व्यापार, नीति और विकास एजेंडा पर कार्य करता है तथा व्यापार सुविधा, साझेदारी, प्रौद्योगिकी एवं कृषि व्यवसाय सेवाओं के लिये एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है
उत्तर प्रदेश Switch to English
पुतिन ने हाथरस भगदड़ त्रासदी पर संवेदना व्यक्त की
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर प्रदेश में एक धार्मिक समागम में हुई भगदड़ पर शोक व्यक्त किया जिसमें 121 लोग मारे गए थे।
- भगदड़ भीड़ का एक आवेगपूर्ण सामूहिक आंदोलन है जिसके परिणामस्वरूप अक्सर चोटें और मौतें होती हैं।
मुख्य बिंदु
- भगदड़ उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में हुई। पीड़ित हज़ारों लोगों की भीड़ का हिस्सा थे जो एक धार्मिक उपदेशक के 'सत्संग' के लिये सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गाँव के पास एकत्र हुए थे।
- उत्तर प्रदेश पुलिस ने धार्मिक समागम के आयोजकों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की है।
- आयोजकों पर साक्ष्य छिपाने और केवल 80,000 लोगों के उपस्थित होने की अनुमति के बावजूद 2.5 लाख लोगों को कार्यक्रम में एकत्रित होने की अनुमति देकर शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप है।
प्रथम सूचना रिपोर्ट (First Information Report- FIR)
- प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) एक लिखित दस्तावेज़ है जो पुलिस द्वारा तब तैयार की जाती है जब उसे किसी संज्ञेय अपराध के बारे में सूचना प्राप्त होती है।
- यह एक सूचना रिपोर्ट है जो समय पर सबसे पहले पुलिस तक पहुँचती है, इसीलिये इसे प्रथम सूचना रिपोर्ट कहा जाता है।
- यह आमतौर पर एक संज्ञेय अपराध के शिकार व्यक्ति द्वारा या उसकी ओर से किसी व्यक्ति द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत होती है। कोई भी व्यक्ति संज्ञेय अपराध की सूचना मौखिक या लिखित रूप में दे सकता है।
- FIR शब्द भारतीय दंड संहिता (IPC), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), 1973 या किसी अन्य कानून में परिभाषित नहीं है।
- हालाँकि पुलिस नियमों या कानूनों में CrPC की धारा 154 के तहत दर्ज की गई जानकारी को प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) के रूप में जाना जाता है।
हरियाणा Switch to English
न्यायमूर्ति शील नागू: पंजाब एवं हरियाणा के मुख्य न्यायाधीश
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शील नागू को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
मुख्य बिंदु
उन्हें वर्ष 2011 में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। मामलों के निस्तारण के माध्यम से न्यायपालिका में उनका योगदान, 12 वर्षों से अधिक के अपने कार्यकाल के दौरान 499 से अधिक रिपोर्ट किये गए निर्णय हैं।
उच्च न्यायालय (HC) के न्यायाधीशों की नियुक्ति
- संविधान का अनुच्छेद 217: इसमें कहा गया है कि किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), राज्य के राज्यपाल के परामर्श से की जाएगी।
- मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श किया जाता है।
- परामर्श प्रक्रिया: उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सिफारिश एक कॉलेजियम द्वारा की जाती है जिसमें CJI और दो वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।
- यह प्रस्ताव दो वरिष्ठतम सहयोगियों के परामर्श से संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा किया जाता है।
- सिफारिश मुख्यमंत्री को भेजी जाती है, जो केंद्रीय कानून मंत्री को प्रस्ताव राज्यपाल को भेजने की सलाह देता है।
- उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति इस नीति के आधार पर की जाती है कि राज्य का मुख्य न्यायाधीश संबंधित राज्य से बाहर का होगा।
- पदोन्नति पर निर्णय कॉलेजियम द्वारा लिया जाता है।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा के शहर भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल
चर्चा में क्यों?
सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की एक रिपोर्ट के अनुसार, जून 2024 में भारत के शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से आधे से अधिक शहर हरियाणा के होंगे।
मुख्य बिंदु
- अध्ययन में शामिल 251 भारतीय शहरों में रोहतक सबसे प्रदूषित था।जून में रोहतक में PM2.5 (सूक्ष्म श्वास कण) की औसत सांद्रता 116µg/m³ थी, जो भारत में निर्धारित सुरक्षित स्तर 60µg/m³ से दोगुनी से भी अधिक थी।
- जून में शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों में रोहतक 28 बार शामिल रहा
- उसके बाद चरखी दादरी एवं पंचकूला 16-16 बार, बल्लभगढ़ 11 बार और फरीदाबाद 10 बार शामिल रहा।
- कुल 60 शहर दैनिक सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल हुए। इनमें से 23 शहर कम-से-कम पाँच बार सूची में शामिल हुए। केवल फरीदाबाद ही राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) का हिस्सा है।
- शिकागो विश्वविद्यालय की 2021 वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (Air Quality Life Index- AQLI) रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश है, जहाँ सूक्ष्म कण वायु प्रदूषण (PM2.5) औसत नागरिक की जीवन प्रत्याशा को 5.3 वर्ष कम कर देता है।
कणिका पदार्थ
- इसे कण प्रदूषण भी कहा जाता है, जो वायु में पाए जाने वाले ठोस कणों और तरल बूंदों के मिश्रण के लिये एक शब्द है। इससे श्वसन संबंधी समस्याएँ होती हैं तथा दृश्यता भी कम हो जाती है।
- इसमें शामिल है:
- PM10: साँस के साथ अंदर जाने वाले कण, जिनका व्यास आमतौर पर 10 माइक्रोमीटर और उससे छोटा होता है
- PM2.5: साँस के साथ अंदर जाने वाले सूक्ष्म कण, जिनका व्यास आमतौर पर 2.5 माइक्रोमीटर और उससे छोटा होता है।
- PM के स्रोत:
- इनमें से कुछ प्रत्यक्षतः जैसे- निर्माण स्थल, कच्ची सड़कें, खेत, अथवा आग किसी स्रोत से उत्सर्जित होते हैं।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम
- इसे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा जनवरी 2019 में लॉन्च किया गया था।
- समयबद्ध कटौती लक्ष्य के साथ वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिये एक राष्ट्रीय ढाँचा तैयार करने का यह देश में पहला प्रयास है।
- इसका उद्देश्य मोटे कणों (10 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास वाले कणिका पदार्थ (PM) या PM10) और बारीक कणों (2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास वाले कणिका पदार्थ, या PM2.5) की सांद्रता को अगले पाँच वर्षों में कम-से-कम 20% तक कम करना है, जिसकी तुलना के लिये आधार वर्ष 2017 रखा गया है।
- इसमें 132 गैर-प्राप्ति शहरों को शामिल किया गया है, जिनकी पहचान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board- CPCB) द्वारा की गई थी।
मध्य प्रदेश Switch to English
लाडली बहना योजना
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अनुसार, लाडली बहना योजना की 14वीं किस्त लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा कर दी गई है।
मुख्य बिंदु
- इस योजना के तहत सरकार महिलाओं को प्रतिमाह 1250 रुपए देगी
- यह योजना मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2023 में शुरू की गई है
- इसका उद्देश्य महिलाओं के लिये वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देना, उनके स्वास्थ्य और पोषण में निरंतर सुधार करना है
- जिससे परिवार के स्तर पर निर्णय लेने में महिलाओं की प्रभावी भूमिका को भी बढ़ावा मिलेगा।
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