उच्च न्यायालय ने जंगली हाथियों पर सुनवाई स्थगित | 16 Jan 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश (MP) उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई स्थगित कर दी।
- जनहित याचिका में छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश की ओर घूमने वाले जंगली हाथियों के संरक्षण और उचित देखभाल की मांग की गई है।
मुख्य बिंदु
- मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि मामले को सुनवाई कर रही नियमित पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया जाए।
- मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने न्यायालय को बताया था कि छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश के वनों में प्रवेश करने वाले जंगली हाथियों के संरक्षण और कल्याण के संबंध में याचिका में उठाए गए मुद्दों की जाँच के लिये एक अध्यक्ष और छह विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई थी।
- याचिकाकर्त्ता ने न्यायालय के समक्ष जंगली हाथियों के नियंत्रण में विशेषज्ञता रखने वाले व्यक्तियों की एक सूची प्रस्तुत की।
- राज्य सरकार ने याचिकाकर्त्ता के सुझाव के अनुसार राज्य के बाहर के विशेषज्ञों से परामर्श करने के लिये समय मांगा।
- पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्त्ता ने बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व क्षेत्र में 11 जंगली हाथियों की मौत का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि जंगली हाथियों को नियंत्रित करने के लिये मध्य प्रदेश में कोई विशेषज्ञ नहीं है।
बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व
- यह मध्य प्रदेश के उमरिया ज़िले में स्थित है और विंध्य पहाड़ियों पर विस्तृत है।
- यह ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, जिसका प्रमाण प्रसिद्ध बांधवगढ़ किले के साथ-साथ संरक्षित क्षेत्र में मौजूद अनेक गुफाएँ, शैलचित्र और नक्काशी है।
- 1968 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया तथा 1993 में इसे बाघ अभयारण्य घोषित किया गया।
- यह रॉयल बंगाल टाइगर्स के लिये जाना जाता है।
- अन्य महत्त्वपूर्ण शिकार प्रजातियों में चीतल, सांभर, काकड़ (भौंकने वाला हिरण), नीलगाय, चिंकारा, जंगली सुअर, चौसिंघा, लंगूर और रीसस मकाक शामिल हैं।
- बाघ, तेंदुआ, जंगली कुत्ता, भेड़िया और सियार जैसे प्रमुख शिकारी इन पर निर्भर हैं।