इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

अफ्रीकन स्वाइन फीवर और पिग्मी हॉग

  • 02 May 2023
  • 5 min read

जर्नल साइंस (Science) में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, अफ्रीकी स्वाइन फीवर विश्व के सबसे दुर्लभ एवं छोटे सूअर पिग्मी हॉग की आबादी को घातक रूप से प्रभावित कर सकता है।

  • वर्ष 2018 में चीन में आगमन के बाद से ही इस बीमारी ने पूरे एशिया में पॉर्सिन (सूअरों से संबंधित) आबादी को पहले ही खत्म कर दिया है।

नोट:

  • यह पहली बार वर्ष 1920 के दशक में अफ्रीका में पाया गया था; यह बीमारी पूरे अफ्रीका, एशिया और यूरोप के घरेलू एवं जंगली दोनों प्रकार के सूअरों में दर्ज की गई है।
  • इसके कारण होने वाली मृत्यु दर लगभग 95% से 100% है और चूँकि इस बुखार का कोई इलाज नहीं है ऐसे में इसके प्रसार को रोकने का एकमात्र तरीका पशुओं को मार देना (Culling) है।
  • ASF विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (OIE) के स्थलीय पशु स्वास्थ्य कोड (Terrestrial Animal Health Code) में सूचीबद्ध एक बीमारी है।

पिग्मी हॉग की विशेषताएँ

  • वैज्ञानिक नाम:
    • पोर्कुला साल्वेनिया (Porcula Salvania)
  • विशेषताएँ:
    • यह उन गिने-चुने स्तनधारियों में से एक है जो एक 'छत' के साथ अपना घर या घोंसला बनाते हैं।
    • यह एक संकेतक प्रजाति भी है। इनकी उपस्थिति इसके प्राथमिक आवास, क्षेत्र, गीले घास के मैदानों के स्वास्थ्य की स्थिति को दर्शाती है।
  • आवास:
    • ये आर्द्र घास के मैदान में पाए जाते हैं।
    • पूर्व में हिमालय की तलहटी- नेपाल के तराई क्षेत्रों और बंगाल के दुअर क्षेत्रों से होते हुए उत्तर प्रदेश से असम तक- में लंबे और गीले घास के मैदानों की एक संकीर्ण पट्टी में पाए जाते थे।
      • वर्तमान में ये केवल भारत (असम) में पाए जाते हैं।
  • संरक्षण स्थिति:
  • खतरा:
    • पर्यावास (घास का मैदान) का नष्ट होना
    • अवैध शिकार
  • संरक्षण प्रयास - पिग्मी हॉग संरक्षण कार्यक्रम 1995:
    • विलुप्त माने जाने के बाद वर्ष 1971 में इसे फिर से खोजा गया। वर्ष 1995 में यूनाइटेड किंगडम के ड्यूरेल वाइल्डलाइफ कंज़र्वेशन ट्रस्ट, IUCN, असम वन विभाग एवं MoEF&CC ने पिग्मी हॉग संरक्षण कार्यक्रम शुरू करने हेतु संयुक्त प्रयास किया।
      • यह वर्तमान में गैर सरकारी संगठनों आरण्यक और इकोसिस्टम्स इंडिया द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
    • वर्ष 2008 और 2022 के बीच, 152 को पिग्मी हॉग्स का असम के चार संरक्षित क्षेत्रों में पुनःप्रवेश कराया गया, जिसमें हाल ही में 36 पिग्मी हॉग्स का हाल ही में छोड़ा जाना भी शामिल है।
      • वर्ष 2011 और 2015 के बीच जानवरों को ओरंग नेशनल पार्क में फिर से लाया गया।
      • वर्ष 2025 तक PHCP मानस नेशनल पार्क में 60 पिग्मी हॉग्स को छोड़ने की योजना बना रहा है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2013)

  1. तारा कछुआ
  2. मॉनिटर छिपकली
  3. वामन सूअर
  4. स्पाइडर वानर

उपरोक्त में से कौन-से भारत में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं?

(a) केवल 1, 2 और 3

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 4

(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (a)


स्रोत: डाउन टू अर्थ

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2