हरियाणा विधानसभा भंग | 16 Sep 2024

चर्चा में क्यों

हाल ही में 6 महीने के भीतर अनिवार्य रूप से सत्र बुलाने के संभावित संवैधानिक मुद्दे को रोकने के लिये चुनाव से पहले हरियाणा विधानसभा को भंग कर दिया गया था।

प्रमुख बिंदु

  • हरियाणा विधानसभा को मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद की सिफारिश पर संविधान के अनुच्छेद 174(2)(b) के तहत राज्यपाल द्वारा भंग कर दिया गया था।
    • संविधान का अनुच्छेद 174(2)(b) राज्यपाल को मंत्रिमंडल की सहायता और सलाह पर विधानसभा को भंग करने की शक्ति देता है। हालाँकि राज्यपाल तब अपना विवेक इस्तेमाल कर सकते हैं जब सलाह किसी ऐसे मुख्यमंत्री की ओर से आए जिसका बहुमत संदेह में हो।
  • विघटन का उद्देश्य अंतिम विधानसभा बैठक, जो 13 मार्च, 2024 को हुई थी , के छह महीने के भीतर सत्र बुलाने की आवश्यकता को रोकना था, जिसका सत्र 12 सितंबर, 2024 तक होना था।
  • अनुच्छेद 174(1): राज्यपाल समय-समय पर राज्य विधानमंडल के सदन या प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर अधिवेशित होने के लिये बुलाएगा, जैसा वह ठीक समझे, किंतु एक सत्र में उसकी अंतिम बैठक और अगले सत्र में उसकी प्रथम बैठक के लिये नियत तिथि के बीच छह माह का अंतर नहीं होगा।

राज्यपाल 

  • अनुच्छेद 153 के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिये एक राज्यपाल होगा। एक व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया जा सकता है।
    • राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा वह केंद्र सरकार का नामित व्यक्ति होता है।
  • ऐसा माना जाता है कि राज्यपाल की दोहरी भूमिका होती है।
    • वह राज्य का संवैधानिक प्रमुख है, जो अपने मंत्रिपरिषद की सलाह से बाध्य है।
    • वह केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच एक महत्त्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता हैं।
  • अनुच्छेद 157 और 158 राज्यपाल के पद के लिये पात्रता आवश्यकताओं को विनिर्दिष्ट करते हैं
  • राज्यपाल को क्षमादान, दण्ड-स्थगन आदि देने की शक्ति प्राप्त है (अनुच्छेद 161)।
  • राज्यपाल को उनके कार्यों के निर्वहन में सहायता और सलाह देने के लिये, विवेकाधिकार की कुछ शर्तों को छोड़कर, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति होती है। (अनुच्छेद 163)
  • राज्यपाल मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है (अनुच्छेद 164)।
  • राज्यपाल विधान सभा द्वारा पारित विधेयक को अनुमति देता है, अनुमति रोक लेता है या राष्ट्रपति के विचार के लिये सुरक्षित रखता है (अनुच्छेद 200)।
  • राज्यपाल कुछ विशेष परिस्थितियों में अध्यादेश जारी कर सकते हैं। (अनुच्छेद 213)