उत्तराखंड
उत्तराखंड में जलविद्युत परियोजना को हरित मंजूरी
- 08 Oct 2024
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड में फाटा ब्युंग जलविद्युत परियोजना के लिये नई मंजूरी पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंजूरी पर निर्भर है।
मुख्य बिंदु
- परियोजना:
- यह रुद्रप्रयाग में मंदाकिनी नदी पर 76 मेगावाट की रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है।
- वर्ष 2013 में बादल प्रस्फोटन से आई बाढ़ के दौरान इस परियोजना को अत्यधिक नुकसान हुआ था।
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वन एवं राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (National Board for Wildlife- NBWL) की मंजूरी पर ज़ोर दिया।
- चिंताएँ:
- हिमनद झील के प्रस्फोटन से आने वाली बाढ़ एक बड़ी चिंता का विषय है।
- इस स्थल के निकट 24 झीलें हैं, जिनमें से 6 को गंभीर माना गया है।
मंदाकिनी नदी
- यह उत्तराखंड में अलकनंदा नदी की एक सहायक नदी है ।
- यह नदी रुद्रप्रयाग और सोनप्रयाग क्षेत्रों के बीच लगभग 81 किलोमीटर तक बहती है और चोराबाड़ी ग्लेशियर से निकलती है।
- मंदाकिनी नदी सोनप्रयाग में सोनगंगा नदी से मिल जाती है और उखीमठ में मध्यमहेश्वर मंदिर के पास से बहती है।
- अपने मार्ग के अंत में यह अलकनंदा में गिरती है, जो गंगा में मिल जाती है।
हिमनद झील के प्रस्फोटन से बाढ़ (Glacial Lake Outburst Flood- GLOF)
- परिचय:
- हिमनद झील के प्रस्फोटन से आने वाली बाढ़ विनाशकारी होती है, यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हिमनद झील का बाँध कमज़ोर हो जाता है और जल तेज़ प्रवाह के साथ बहने लगता है।
- इस प्रकार की बाढ़ आमतौर पर हिमनदों के तेज़ी से पिघलने, अत्यधिक वर्षा, झील में जल के बढ़ने के कारण आती है।
- फरवरी 2021 में उत्तराखंड के चमोली ज़िले में अचानक बाढ़ आई, जिसके बारे में संदेह है कि यह GLOF के कारण आई थी।
- कारण:
- ये बाढ़ अनेक कारकों से उत्पन्न हो सकती है, जिनमें हिमनद के आयतन में परिवर्तन, झील के जल स्तर में परिवर्तन और भूकंप शामिल हैं।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority- NDMA) के अनुसार, हिंदू कुश हिमालय के अधिकांश भागों में जलवायु परिवर्तन के कारण हिमनदों के पीछे हटने से अनेक नई हिमानी झीलों का निर्माण हुआ है, जो GLOF का प्रमुख कारण हैं।