उत्तर प्रदेश
UP में डिजिटल इंडिया राज्य परामर्श कार्यशाला आयोजित
- 04 Dec 2024
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चर्चा में क्यों?
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (NeGD) ने उत्तर प्रदेश विकास प्रणाली निगम लिमिटेड (UPDESCO) के साथ साझेदारी में लखनऊ में डिजिटल इंडिया राज्य परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया।
मुख्य बिंदु
- कार्यशाला का उद्देश्य:
- डिजिटल इंडिया पहल के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
- डिजिटल इंडिया प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने के लिये राज्य IT परियोजनाओं के लिये अवसरों की पहचान करना।
- संभावित अनुकरण के लिये सफल परियोजनाओं का प्रदर्शन।
- ज्ञान साझाकरण, विचारों के आदान-प्रदान और उद्योग साझेदारी को सुविधाजनक बनाना।
- केंद्रित क्षेत्र:
- इस कार्यक्रम में डेटा और डिजिटल बुनियादी ढाँचे के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया तथा राज्य से अंतिम छोर तक डिजिटल पहुँच के लिये कनेक्टिविटी बढ़ाने का आग्रह किया गया।
- कार्यशाला में राज्य के अधिकारियों और ई-ज़िला प्रबंधकों को एक साथ लाकर सुशासन की दिशा में सहयोगात्मक रूप से कार्य करने की विशिष्टता पर ज़ोर दिया गया।
- डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय पहलों पर चर्चा की गई, जिनमें शामिल हैं:
- डिजिलॉकर: डिजिलॉकर ड्राइवर लाइसेंस, वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र और शैक्षणिक अंकतालिकाओं सहित विभिन्न दस्तावेजों के डिजिटल संस्करणों तक पहुँच की अनुमति देता है।
- एंटिटी लॉकर: एंटिटी लॉकर एक प्रमुख पहल है जिसे डिजिटल दस्तावेजों और प्रमाण-पत्रों के भंडारण, साझाकरण और सत्यापन के लिये एक सुरक्षित, क्लाउड-आधारित मंच प्रदान करके संगठनों को सशक्त बनाने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- API सेतु: API सेतु कोविड-19 संक्रमण के भय/जोखिम को संबोधित करता है और लोगों, व्यवसायों और अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति में लौटने में सहायता करेगा।
- ओपनफोर्ज (OpenForge): यह ई-गवर्नेंस अनुप्रयोगों के खुले सहयोगात्मक विकास के लिये भारत सरकार का मंच है। इसका उद्देश्य ई-गवर्नेंस अनुप्रयोग स्रोत कोड के साझाकरण और पुनः उपयोग को बढ़ावा देना है।
- माईस्कीम (myScheme): यह एक राष्ट्रीय मंच है जिसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं की एक ही स्थान पर खोज और जानकारी उपलब्ध कराना है।
- UMANG: UMANG मोबाइल ऐप एक सर्वसमावेशी एकल, एकीकृत, सुरक्षित, बहु-चैनल, बहुभाषी, बहु-सेवा मोबाइल ऐप है। यह संघ और राज्यों के विभिन्न संगठनों की उच्च-प्रभावी सेवाओं तक पहुँच प्रदान करता है।
- UX4G: इसका उद्देश्य वैयक्तिकृत, दृश्य रूप से आकर्षक, कुशल और सुलभ इंटरफेस प्रदान करके डिजिटल सेवाओं को उपयोगकर्त्ता के अनुकूल बनाना है।
- साइबर सुरक्षा और क्षमता निर्माण जैसे प्रमुख विषयों पर भी चर्चा की गई।
- राज्य स्तरीय चर्चाओं में CM हेल्पलाइन (1076), रजिस्ट्रेशन एवं स्टाम्प महानिरीक्षक (IGRS), UIDAI इकोसिस्टम और आधार (Aadhaar) प्रमाणीकरण सेवाएँ शामिल थीं।
- खुली परिचर्चा:
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों के बीच एक सहयोगात्मक सत्र आयोजित किया गया।
- सत्र के दौरान ई-गवर्नेंस परियोजनाओं में प्रमुख चुनौतियों और कार्यान्वयन मुद्दों पर चर्चा की गई।
- बाधाओं के समाधान तथा परियोजना क्रियान्वयन में सुधार के लिये फीडबैक एवं सुझाव मांगे गए।
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (NeGD)
- परिचय:
- NeGD की स्थापना वर्ष 2009 में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के तहत एक स्वतंत्र व्यापार प्रभाग के रूप में की गई थी।
- भूमिका और ज़िम्मेदारियाँ:
- NeGD देश भर में ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के प्रबंधन और कार्यान्वयन में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को सहयोग प्रदान करता है।
- यह केंद्रीय एवं राज्य मंत्रालयों, विभागों और अन्य सरकारी संगठनों को तकनीकी और सलाहकार सहायता प्रदान करता है।
- प्रमुख परिचालन क्षेत्र:
- कार्यक्रम प्रबंधन: ई-गवर्नेंस परियोजनाओं का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित करता है।
- परियोजना विकास: डिजिटल शासन को बढ़ाने के लिये पहल विकसित करना।
- प्रौद्योगिकी प्रबंधन: ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के तकनीकी पहलुओं की देख-रेख करता है।
- क्षमता निर्माण: सरकारी संगठनों के भीतर कौशल और क्षमताओं को मजबूत करता है।
- जागरूकता और संचार: डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत ई-गवर्नेंस पहल को बढ़ावा देना।