बिहार
बिहार में क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम
- 02 Dec 2024
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री ने बिहार के मधुबनी ज़िले में क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम के दौरान 50,294 लाभार्थियों को 1,121 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया।
मुख्य बिंदु
- क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ:
- ड्रोन दीदी योजना:
- केंद्रीय वित्त मंत्री ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
- उन्होंने महिलाओं से वित्तीय सशक्तीकरण के लिये सरकारी योजनाओं में भाग लेने का आग्रह किया।
- उदाहरण के लिये, उन्होंने ड्रोन दीदी पहल का उल्लेख किया जिसका उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों (SHG) को सशक्त बनाना और "लखपतिदीदी" बनाना है अर्थात् ऐसे SHG सदस्य जिनकी वार्षिक घरेलू आय 1 लाख रुपए से अधिक हो।
- केंद्रीय वित्त मंत्री ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
- ऋण स्वीकृति पहल:
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम, किसान क्रेडिट कार्ड (फसल और पशुपालन एवं मत्स्य पालन), स्टैंड अप इंडिया, पीएम-स्वनिधि और पीएम विश्वकर्मा जैसे कार्यक्रमों के तहत ऋण स्वीकृति पत्र वितरित किये गए।
- बुनियादी ढाँचा और CSR (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) पहल:
- राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) ने 155.84 करोड़ रुपए और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) ने ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के लिये 75.52 लाख रुपए मंज़ूर किये।
- विभिन्न बैंकों ने CSR गतिविधियों के माध्यम से स्कूलों, विशेषकर लड़कियों के लिये, में बुनियादी ढाँचे में सुधार के लिये योगदान दिया।
- मधुबनी में कार्यक्रम:
- मंत्री ने मिथिला चित्रकला संस्थान का दौरा किया और मिथिला चित्रकला और टेराकोटा कला में विशेषज्ञता रखने वाले कलाकारों के साथ बातचीत की ।
- हाल ही में संविधान दिवस के अवसर पर उपस्थित लोगों को मैथिली और संस्कृत में संविधान की प्रतियाँ प्रदान की गईं।
- मंत्री ने बैंकों द्वारा वित्तपोषित स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्पों को प्रदर्शित करने वाले लगभग 25 स्टालों का दौरा किया।
- आयुष्मान भारत कार्ड वितरण:
- कार्यक्रम के दौरान 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) कार्ड प्राप्त हुए।
ड्रोन दीदी पहल
- इसे प्रधानमंत्री द्वारा 30 नवंबर, 2023 को विकसित भारत संकल्प यात्रा की महिला लाभार्थियों के साथ चर्चा करने के पश्चात लॉन्च किया गया था।
- इसका लक्ष्य अगले दो वर्षों में 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को ड्रोन उपलब्ध कराना है, जिन्हें कृषि उद्देश्यों के लिये किसानों को किराये पर दिया जाएगा।
- केंद्र सरकार प्रत्येक पहचाने गए स्वयं सहायता समूह को ड्रोन की लागत का 80% या अधिकतम 8 लाख रुपए तक सब्सिडी देगी। इससे उन्हें प्रति व्यक्ति लगभग 1 लाख रुपए की अतिरिक्त आय होने की आशा है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
- परिचय:
- PMMY को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था।
- PMMY छोटे व्यवसाय उद्यमों के लिये 10 लाख रुपए तक का ज़मानत-मुक्त संस्थागत ऋण प्रदान करता है।
- वित्तपोषण प्रावधान:
- यह सदस्य ऋण संस्थानों (MLI) अर्थात् अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (SCB), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFC) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (MFI) द्वारा प्रदान किया जाता है।
- प्रकार:
- ऋण का उपयोग विनिर्माण, व्यापार, सेवा क्षेत्र और कृषि में आय-सृजन गतिविधियों के लिये किया जा सकता है।
- PMMY के अंतर्गत तीन ऋण उत्पाद हैं:
- शिशु (50,000 रुपए तक का ऋण)
- किशोर (50,000 रुपए से 5 लाख रुपए के बीच ऋण)
- तरुण (5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए के बीच ऋण)
प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम
- भारत सरकार ने ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से रोज़गार के अवसर सृजित करने के लिये वर्ष 2008 में प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) नामक ऋण-संबद्ध सब्सिडी कार्यक्रम की शुरूआत को मंज़ूरी दी थी।
- यह उद्यमियों को कारखाने या इकाइयाँ स्थापित करने की अनुमति देता है।
- यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) द्वारा प्रशासित एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
- राष्ट्रीय स्तर पर कार्यान्वयन एजेंसी खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) है- जो MSME मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक वैधानिक संगठन है।
किसान क्रेडिट कार्ड
- परिचय:
- यह योजना वर्ष 1998 में किसानों को उनकी खेती तथा अन्य आवश्यकताओं जैसे कि बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि कृषि इनपुट की खरीद तथा उनकी उत्पादन आवश्यकताओं के लिये नकदी प्राप्त करने के लिये एकल खिड़की के अंतर्गत अनुकूल और सरलीकृत प्रक्रिया के साथ बैंकिंग प्रणाली से पर्याप्त और समय पर ऋण सहायता प्रदान करने के लिये शुरू की गई थी।
- वर्ष 2004 में इस योजना को किसानों की निवेश ऋण आवश्यकता अर्थात् संबद्ध और गैर-कृषि गतिविधियों के लिये आगे बढ़ाया गया।
- बजट 2018-19 में सरकार ने मत्स्यपालन और पशुपालन करने वाले किसानों को उनकी कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को पूर्ण करने में सहायता के लिये KCC की सुविधा का विस्तार करने की घोषणा की।
- कार्यान्वयन एजेंसियाँ:
- वाणिज्यिक बैंक
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB)
- लघु वित्त बैंक
- सहकारिता
स्टैंड-अप इंडिया योजना
- परिचय:
- स्टैंड अप इंडिया योजना वित्त मंत्रालय द्वारा अप्रैल 2016 में आर्थिक सशक्तीकरण और रोज़गार सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए ज़मीनी स्तर पर उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिये शुरू की गई थी।
- इस योजना को वर्ष 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
- उद्देश्य:
- महिलाओं, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देना।
- विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र तथा कृषि से संबद्ध गतिविधियों में ग्रीनफील्ड उद्यमों के लिये ऋण उपलब्ध कराना।
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की प्रत्येक शाखा से कम से कम एक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उधारकर्त्ता तथा कम से कम एक महिला उधारकर्त्ता को 10 लाख रुपए से 100 लाख रुपए के बीच बैंक ऋण की सुविधा प्रदान करना।
पीएम-स्वनिधि
- यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जो आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित है तथा इसके निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना;
- नियमित पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित करना तथा
- डिजिटल लेन-देन को पुरस्कृत करना
- क्रमशः 10,000 रुपए और 20,000 रुपए के प्रथम और द्वितीय ऋण के अतिरिक्त 50,000 रुपए तक के तीसरे ऋण की शुरूआत।
- ये ऋण बिना किसी संपार्श्विक के होंगे।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
- उद्देश्य: पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों की गुणवत्ता और बाज़ार पहुँच को बढ़ाकर उनका उत्थान करना तथा उन्हें घरेलू और वैश्विक मूल्य शृंखलाओं में एकीकृत करना।
- विशेषताएँ:
- योजना के लिये बजटीय आवंटन– 5 वित्तीय वर्षों (2023-24 से 2027-28) के लिये 13,000 करोड़ रुपए।
- पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और ID कार्ड के माध्यम से लाभार्थियों को मान्यता प्रदान की जाती है।
- कौशल प्रशिक्षण के लिये प्रतिदिन 500 रुपए का वजीफा तथा आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिये 15,000 रुपए का अनुदान।
- श्रेणी: केंद्रीय क्षेत्र योजना
- नोडल मंत्रालय: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME)