प्रारंभिक परीक्षा
भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में सरीसृप गणना
- 25 Jan 2025
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स्रोत: डाउन टू अर्थ
भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान (BNP) में सरीसृप की वार्षिक गणना की गई जिसके अनुसार वर्ष 2025 में BNP में लवणीय जल मगरमच्छों की संख्या 1,826 है, जिनमें 18 एल्बिनो मगरमच्छ (दुर्लभ सफेद मगरमच्छ) शामिल हैं।
नोट: यह गणना टाइमस्टैम्प कैमरा ऐप की सहायता से समय वॉटरमार्क और GPS के साथ वीडियो रिकॉर्ड कर की गई थी, जिससे सटीकता में सुधार हुआ और मानवीय त्रुटि की संभावना न्यूनतम हुई।
मगरमच्छ संरक्षण परियोजना क्या है?
- परिचय: इस परियोजना का शुभारंभ वर्ष 1975 में ओडिशा के भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में मगरमच्छों की तीन लुप्तप्राय प्रजातियों, मगर, घड़ियाल और लवणीय जल मगरमच्छ की समष्टि की रक्षा और संरक्षण के उद्देश्य से किया गया था।
- लक्ष्य: इसकी शुरुआत इनकी संख्या में वृद्धि किये जाने के उद्देश्य से की गई थी जिसका लक्ष्य प्रति किलोमीटर जल क्षेत्र में 5 से 6 मगरमच्छ की उपस्थिति सुनिश्चित करना था।
- उद्देश्य:
- संरक्षण: अभयारण्यों का निर्माण कर मगरमच्छों की शेष समष्टि को उनके प्राकृतिक पर्यवासों में संरक्षित करना।
- संख्या में पुनः वृद्धि: अंड एकत्रण, ऊष्मायन, पालन, अवमुक्त किये जाने और निगरानी के माध्यम से 'ग्रो एंड रिलीज़' अथवा 'रियर एंड रिलीज़' दृष्टिकोण पर कार्य किया गया।
- कार्मिक प्रशिक्षण: परियोजना स्थलों और केंद्रीय मगरमच्छ प्रजनन एवं प्रबंधन संस्थान, हैदराबाद में कार्मिकों को प्रशिक्षण देना।
- कार्यान्वयन: यह परियोजना संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की सहायता से शुरू की गई थी।
- लवणीय जल मगरमच्छों के लिये भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान (ओडिशा)।
- घड़ियालों के लिये राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य (मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में विस्तृत)।
- महत्त्वपूर्ण मगरमच्छ संरक्षण अभयारण्य निम्नवत हैं:
- उपलब्धि: वर्ष 1975 में मगरमच्छ संरक्षण परियोजना के शुभारंभ के बाद से, लवणीय जल मगरमच्छों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है।
- पार्क में मगरमच्छ संप्रजनन कार्यक्रम को समष्टि संतृप्ति के कारण वर्ष 2024 में रोक दिया गया था, लेकिन अभी भी वार्षिक रूप से अंड एकत्र किये जाते हैं और पर्यटन संबंधी प्रयोजनों हेतु इनका जनन किया जाता है।
BNP से संबंधित मुख्य बिंदु क्या हैं?
- ओडिशा में स्थित BNP सुंदरबन के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र है।
- रामसर साइट के रूप में मान्यता प्राप्त यह अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की एक महत्त्वपूर्ण आर्द्रभूमि है।
- पारिस्थितिकी तंत्र: BNP में खाड़ियों और नहरों की एक शृंखला विद्यमान है, जहाँ ब्राह्मणी, बैतरणी, धामरा और पटसाला जैसी नदियों कल जल पहुँचता है, जिससे एक अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होता है।
- बंगाल की खाड़ी से इसकी निकटता के कारण मृदा में लवण की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय अंतराज्वारीय वनस्पति पोषित होता है।
- प्राणी जात: यहाँ भारत में सबसे अधिक लवणीय जल मगरमच्छ पाए जाते हैं। अन्य उल्लेखनीय प्रजातियों में जलीय मॉनिटर छिपकली, अजगर और लकड़बग्घा शामिल हैं।
- प्रमुख विशेषताऐं:
- गहिरमाथा बीच: BNP में स्थित यह बीच ओलिव रिडले समुद्री कछुओं का सबसे बड़ा नीडन स्थल है।
- बागागहाना (बकाशय): यह सूरजपुर खाड़ी के समीप स्थित है और यह असंख्य पक्षियों का नीडन स्थल और संगम से पूर्व ये पक्षियाँ आकाशीय कलाबाजियाँ करते हैं, जिससे एक मनोरम दृश्य उत्पन्न होता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. यदि आप घडि़याल को उनके प्राकृतिक आवास में देखना चाहते हैं, तो निम्नलिखित में से किस स्थान पर जाना सबसे सही है?(2017) (a) भितरकनिका मैन्ग्रोव उत्तर: (b) प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2010) संरक्षित क्षेत्र - के लिये प्रसिद्ध
उपर्यक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (A) केवल 1 उत्तर: (B) |