प्रारंभिक परीक्षा
भितरकनिका में लवणीय जल के मगरमच्छों की आबादी में मामूली वृद्धि
- 19 Jan 2024
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
अपने विविध पारिस्थितिकी तंत्र के लिये प्रसिद्ध ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में 2024 में वार्षिक जनगणना के दौरान लवणीय जल के मगरमच्छों (क्रोकोडायलस पोरोसस) की आबादी में मामूली वृद्धि देखी गई है।
लवणीय जल के मगरमच्छों से संबंधित मुख्य बिंदु क्या हैं?
- परिचय: लवणीय जल का मगरमच्छ सभी प्रकार के मगरमच्छों में सबसे विशाल है, दुनिया में सबसे बड़ा सरीसृप है, जिसे विश्व स्तर पर एक ज्ञात आदमखोर (मैनईटर) के रूप में जाना जाता है।
- मादा लवणीय जल के मगरमच्छ अपने नर समकक्षों की तुलना में आकार में छोटे होते हैं, आमतौर पर उनकी अधिकतम लंबाई 2.5 से 3 मीटर तक होती है।
- वे जल की लवणता को सहन करते हैं और अधिकतर तटीय जल या नदियों के निकट पाए जाते हैं। वे नदियों और दलदलों के पास मीठे जल में भी पाए जाते हैं।
- संवाद: लवणीय जल के मगरमच्छ फुसफुसाने, गुर्राने और चहचहाने सहित कई ध्वनियों का उपयोग करके संवाद करते हैं।
- वितरण: लवणीय जल के मगरमच्छ पूर्वी भारतीय तथा पश्चिमी प्रशांत महासागरों में उष्णकटिबंधीय से उष्म समशीतोष्ण अक्षांश में पाए जाते हैं।
- पर्यावास: इनके पर्यावास में मैंग्रोव वन तथा अन्य तटीय आवास शामिल हैं।
- शिकार: लवणीय जल के मगरमच्छ विभिन्न प्रकार के जीवों का शिकार करते हैं। किशोर मगरमच्छ लघु कीटों, उभयचर, सरीसृप, क्रस्टेशियाई (Crustaceans) तथा अन्य छोटी मछलियों का शिकार करते हैं।
- जबकि सामान्य मगरमच्छ केकड़े, कछुए, साँप, पक्षी, भैंस, जंगली सूअर तथा बंदरों का शिकार करते हैं।
- लवणीय जल के मगरमच्छ जल में छिपते हैं तो केवल उनकी आँखें और नाक ही दिखाई देती हैं। वे शिकार पर झपटकर उन्हें अपने जबड़े की सहायता से मार देते हैं और फिर शिकार को सरलता से भोजन बनाने के लिये उसे जल की तह की ओर खींच ले जाते हैं।
- संरक्षण की स्थिति:
- IUCN रेड लिस्ट: कम चिंतनीय
- WPA, 1972: अनुसूची I
- CITES: परिशिष्ट I/II
नोट:
भितरकनिका पश्चिम बंगाल में सुंदरबन के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है। दोनों क्षेत्र लवणीय जल मगरमच्छ के तीन प्रमुख क्षेत्रों में से हैं जिसमें तीसरा क्षेत्र अंडमान और निकोबार द्वीप समूह है।
भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान (NP) के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- भितरकनिका NP मूल रूप से खाड़ियों और नहरों का एक नेटवर्क है जो ब्राह्मणी, बैतरणी, धामरा एवं पातासला नदियों के जल से भर जाता है तथा एक अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करता है।
- अभयारण्य की पूर्वी सीमा पर गहिरमाथा समुद्र तट है जो ऑलिव रिडले समुद्री कछुओं का सबसे बड़ा निवास स्थान है।
- इस उद्यान में एक अन्य अनूठा स्थल सूरजपुर क्रीक के निकट स्थित बगागहना है जो एक हेरोनरी (जलीय पक्षियों का प्रजनन स्थल) है।
- घोंसले बनाने के लिये हज़ारों पक्षी यहाँ की खाड़ी में निवास करते हैं और संसर्ग से पूर्व हवाई कलाबाज़ी का अनूठा प्रदर्शन करते हैं।
- भितरकनिका में किंगफिशर पक्षियों की आठ किस्मों का भी निवास स्थान है जो दुर्लभ है