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जैव विविधता और पर्यावरण

भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के लिये खतरा: ओडिशा

  • 04 Sep 2021
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान, ब्राह्मणी नदी

मेन्स के लिये:  

भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के लिये उत्पन्न खतरे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में कुछ पर्यावरण कार्यकर्त्ताओं के अनुसार, ब्राह्मणी नदी बेसिन से ताज़े पानी के नियोजित पथांतरण के कारण ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान हेतु गंभीर खतरे की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

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प्रमुख बिंदु

  • मुद्दे:
    • उद्योगों के लिये अतिरिक्त जल आवंटन, जिससे समुद्र में ताज़े पानी के बहाव में कमी आने की संभावना है।
    • ताज़े पानी के सामान्य प्रवाह में कमी के कारण ऊपरी क्षेत्र में खारे जल का अंतर्ग्रहण बढ़ जाएगा, यह स्थानीय वनस्पतियों और जीवों के साथ-साथ ब्राह्मणी और खरसरोटा (ब्राह्मणी की सहायक नदी) नदियों पर निर्भर किसानों एवं मछुआरों की आजीविका को प्रभावित करेगा।
    • मानव-मगरमच्छ संघर्ष की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है क्योंकि मुहाने पर रहने वाले मगरमच्छ मुख्य अभयारण्य क्षेत्र को छोड़ देंगे और लवणता बढ़ने पर ऊपर की ओर पलायन करेंगे।
    • जल के बहाव में कमी से मैंग्रोव में कमी आएगी और मैंग्रोव के बिना गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य समुद्री रेगिस्तान बन जाएगा।
      • भितरकनिका से पोषक तत्त्व, गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य में प्रवाहित हो जाते हैं, जो विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाले ओलिव रिडले समुद्री कछुओं को नेस्टिंग/नीडन के लिये आकर्षित करता है।
  • भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान:
    • परिचय:
      • इसमें भारत का दूसरा सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है और यह रामसर स्थल है। इसे वर्ष 1988 में भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था।
      • भितरकनिका ब्राह्मणी, बैतरणी, धामरा और महानदी नदी प्रणालियों के मुहाने में स्थित है। यह ओडिशा के केंद्रपाड़ा ज़िले में है।
      • यह ओडिशा के बेहतरीन जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट में से एक है और अपने मैंग्रोव, प्रवासी पक्षियों, कछुओं, मुहाना के मगरमच्छों तथा अनगिनत खाड़ियों के लिये प्रसिद्ध है।
      • ऐसा कहा जाता है कि यहाँ देश के मुहाना या खारे जल के मगरमच्छों का 70% हिस्सा रहता है, जिसका संरक्षण वर्ष 1975 में शुरू किया गया था।
    • संरक्षित क्षेत्र: भितरकनिका का प्रतिनिधित्व 3 संरक्षित क्षेत्रों द्वारा किया जाता है जो इस प्रकार हैं:
      • भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान।
      • भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य।
      • गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य।
  • ब्राह्मणी नदी:
    • यह पूर्वोत्तर ओडिशा राज्य, पूर्वी भारत में एक नदी है। दक्षिणी बिहार राज्य में शंख और दक्षिण कोयल नदियों के संगम से बनी ब्राह्मणी 300 मील तक बहती है।
    • यह प्रायः दक्षिण-दक्षिण पूर्व में बोनाईगढ़ और तालचेर से होकर बहती है तथा फिर महानदी की उत्तरी शाखाओं में शामिल होने के लिये पूर्व की ओर मुड़ जाती है, जो तब पलमायरास पॉइंट पर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
    • यह उन कुछ नदियों में से एक है जो पूर्वी घाट को काटती है और इसने रेंगाली में एक छोटी घाटी बनाई है, जहाँ एक बाँध का निर्माण किया गया है।

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स्रोत: द हिंदू

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