प्रारंभिक परीक्षा
इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस
- 24 Sep 2024
- 7 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत आधिकारिक तौर पर इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (IBCA) में शामिल हो गया है जिसे वर्ष 2023 में बड़ी बिल्लियों एवं उनके अधिवासों की रक्षा करने हेतु शुरू किया गया था।
नोट:
- यद्यपि भारत ने एक वैश्विक संस्था के रूप में इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) की शुरुआत की, फिर भी इसे इसके फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर के साथ इसका अनुसमर्थन करना होगा जैसा कि इसने अन्य अंतर्राष्ट्रीय समझौतों एवं संस्थाओं जैसे पेरिस समझौता, जैवविविधता पर कन्वेंशन (CBD) और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के साथ किया है।
इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) क्या है?
- परिचय:
- इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) 96 बिग कैट रेंज देशों और गैर-रेंज देशों का एक बहु-देशीय, बहु-एजेंसी गठबंधन है जिसका उद्देश्य 7 बिग कैट और उनके आवासों का संरक्षण करना है।
- यह विचार पहली बार भारत के प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2019 में प्रस्तावित किया गया था और आधिकारिक तौर पर इसे प्रोजेक्ट टाइगर की 50 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर अप्रैल 2023 में शुरू किया गया था।
- उद्देश्य:
- सात बड़ी बिल्ली प्रजातियों से संबंधित अवैध वन्यजीव व्यापार को रोकना।
- इन सात बड़ी बिल्लियों के प्राकृतिक आवासों के संरक्षण को बढ़ावा देना।
- संरक्षण एवं सुरक्षा प्रयासों के कार्यान्वयन को समर्थन देने के लिये वित्तीय एवं तकनीकी संसाधन जुटाना।
- जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने की दिशा में कार्य करना।
- उन नीतिगत पहलों की वकालत करना जो जैवविविधता संरक्षण प्रयासों को स्थानीय आवश्यकताओं के साथ संरेखित करने के साथ सदस्य देशों में संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक हों।
- फोकस प्रजातियाँ:
- यह पहल सात बड़ी बिल्ली प्रजातियों के संरक्षण पर केंद्रित है : बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा।
- इनमें से पाँच - बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ और चीता - भारत में पाए जाते हैं, प्यूमा और जगुआर को छोड़कर।
- यह पहल सात बड़ी बिल्ली प्रजातियों के संरक्षण पर केंद्रित है : बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा।
- सदस्य देश:
- वर्तमान में 4 देश ( भारत, निकारागुआ, एस्वातिनी और सोमालिया) इसके सदस्य हैं।
- बजटीय आवंटन:
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक पाँच वर्षों के लिये IBCA हेतु 150 करोड़ रुपये की एकमुश्त बजटीय सहायता आवंटित की है।
- शासन संरचना:
- इसमें सदस्यों की एक सभा, एक स्थायी समिति और भारत स्थित एक सचिवालय शामिल है।
- यह रूपरेखा अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) के अनुरूप बनाई गई है जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा महानिदेशक (DG) की नियुक्ति की जाती है।
बड़ी बिल्लियाँ क्या हैं?
- बड़ी बिल्लियों से तात्पर्य बड़ी जंगली बिल्ली प्रजातियों से है, जो आमतौर पर पैंथेरा वंश से संबंधित होती हैं, हालांकि कुछ अन्य प्रजातियाँ भी इसमें शामिल हैं।
- घरेलू बिल्लियों सहित छोटी और मध्यम बिल्लियों को फेलिस जीनस के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाता है।
- प्रमुख बिंदु:
- शेर एकमात्र ऐसी बड़ी बिल्ली प्रजातियों से संबंधित हैं जो सामाजिक समूहों में रहने के साथ सामूहिक रूप से शिकार करते हैं। शावकों वाली माताओं को छोड़कर अन्य बड़ी बिल्लियाँ एकाकी होती हैं।
- साइबेरियाई बाघ (जो कि बड़ी बिल्ली प्रजातियों में सबसे बड़ा है) ट्रॉफी शिकार और चीन की पारंपरिक चिकित्सा में उपयोग के चलते खतरे में है।
- बड़ी बिल्लियाँ ऐसी प्रमुख प्रजातियाँ हैं जो पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य हेतु महत्त्वपूर्ण संकेतक हैं लेकिन अवैध शिकार, अवैध वन्यजीव व्यापार और आवास की क्षति के कारण इन पर खतरा बढ़ता जा रहा है।
- भारतीय उपमहाद्वीप ऐतिहासिक रूप से बंगाल टाइगर, एशियाई शेर, भारतीय तेंदुआ, भारतीय/एशियाई चीता और हिम तेंदुए का आवास स्थल है।
- वर्ष 1952 में भारत में चीता को विलुप्त घोषित कर दिया गया था। वर्ष 2022 में सरकार ने मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीकी चीतों को फिर से लाने की महत्त्वाकांक्षी पहल शुरू की थी।
भारत में बड़ी बिल्लियों के संरक्षण के प्रयास
- प्रोजेक्ट लायन
- प्रोजेक्ट तेंदुआ
- प्रोजेक्ट चीता
- चीता पुनः वापसी परियोजना
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972
- हिम तेंदुआ संरक्षण
और पढ़ें: कुनो नेशनल पार्क में चीता शावक
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत् वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स:प्रश्न: निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2012)
उपर्युक्त में से कौन-से भारत में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं? (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: (b) |