रैपिड फायर
चीता संरक्षण पर केन्या-भारत सहयोग
- 05 Jun 2024
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हाल ही में केन्याई प्रतिनिधिमंडल ने वन्यजीव संरक्षण प्रयासों के सहयोग पर चर्चा करने हेतु भारत का दौरा किया, जिसमें चल रहे चीता पुनरुत्पादन परियोजना (प्रोजेक्ट चीता) पर विशेष बल दिया गया है।
- प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority - NTCA) के समक्ष सहयोग का प्रस्ताव करते हुए एक मसौदा समझौता ज्ञापन प्रस्तुत किया।
- क्षमता निर्माण एवं ज्ञान साझा करने के साथ-साथ इसमें क्षेत्रीय गश्त और वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को बढ़ाने के लिये केन्याई वन रेंजरों को उपकरण आपूर्ति करने का प्रावधान भी शामिल था।
- प्रोजेक्ट चीता:
- परियोजना का पहला चरण वर्ष 2022 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य देश में वर्ष 1952 में विलुप्त घोषित किये गए चीतों की आबादी को बहाल करना है।
- इसमें दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित करना शामिल है।
- यह परियोजना NTCA द्वारा मध्य प्रदेश वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India- WII) के सहयोग से कार्यान्वित किया गया है।
- परियोजना के दूसरे चरण के अंतर्गत भारत समान आवासों के कारण केन्या से चीते मंगाने पर विचार कर रहा है।
- चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य (मध्य प्रदेश) में स्थानांतरित किया जाएगा।
- परियोजना का पहला चरण वर्ष 2022 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य देश में वर्ष 1952 में विलुप्त घोषित किये गए चीतों की आबादी को बहाल करना है।
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