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कृषि सहकारी समितियों के लिये पहल

  • 28 Dec 2024
  • 6 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, सहकारिता मंत्रालय ने बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (MPACS) सहित कृषि में सहकारी समितियों के विकास के लिये कई पहल की हैं।

MPACS क्या है?

  • PACS के बारे में: PACS ग्राम-स्तरीय सहकारी ऋण समितियाँ हैं जो ग्रामीण कृषि उधारकर्त्ताओं को ऋण प्रदान करती हैं और उनसे पुनर्भुगतान एकत्र करती हैं।
    • PACS राज्य के संबंधित राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं और सहकारी समितियों के राज्य रजिस्ट्रार (RCS) द्वारा प्रशासित हैं। 
  • संवैधानिक समर्थन: 97 वें संशोधन अधिनियम, 2011 ने संविधान के भाग III के तहत अनुच्छेद 19(1)(c) में सहकारी समिति शब्द जोड़ा।
  • MPACS के बारे में: MPACS ग्रामीण समुदायों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करते हुए कृषि ऋण के अलावा सेवाओं की एक विस्तृत शृंखला प्रदान करता है।
    • इसमें ऋण समितियों के साथ-साथ डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियाँ भी शामिल हैं, और यह खाद, गैस, उर्वरक और पानी के भंडारण और वितरण सहित 32 गतिविधियों में संलग्न है, जो इसे अधिक बहुमुखी और प्रभावी बनाता है।

कृषि में सहकारी समितियों के विकास के लिये हाल की पहल क्या हैं?

  • बहुउद्देशीय PACS: डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के साथ-साथ 10,000 नव स्थापित बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (MPACS) का उद्घाटन किया गया।
    • भारत ने देश के विभिन्न क्षेत्रों के प्रत्येक पंचायत में सहकारी समितियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 5 वर्ष की अवधि में 2 लाख PACS गठित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • राष्ट्रीय जैविक सहकारी लिमिटेड (NOCL): किसानों से जैविक खेती के माध्यम से अपनी आय वर्द्धन करनें के उद्देश्य से NOCL से जुड़ने का आग्रह किया गया। 
  • मोबाइल ग्रामीण मार्ट पहल: इसे भारत ब्रांड के तहत वहनीय कीमतों पर दालें, चावल और गेहूँ का आटा जैसी आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराने के लिये NABARD के सहयोग से लॉन्च किया गया है।
    • भारत ब्रांड मध्यम वर्ग को सहायता प्राप्त कीमतों पर आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराता है।
  • माइक्रो-ATM: वित्तीय समावेशन और सहायता को सुविधाजनक बनाते हुए सहकारी समितियों को कम लागत वाले ऋण तक पहुँच के लिये RuPay किसान क्रेडिट कार्ड और माइक्रो-एटीएम की सुविधा प्रदान की जा रही है।

Cooperative_Agriculture_Credit_Structure

 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. भारत में ‘शहरी सहकारी बैंकों’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)

  1. राज्य सरकारों द्वारा स्थापित स्थानीय मंडलों द्वारा उनका पर्यवेक्षण एवं विनियमन किया जाता है।  
  2. वे इक्विटी शेयर और अधिमान शेयर जारी कर सकते हैं।  
  3. उन्हें वर्ष 1966 में एक संशोधन द्वारा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के कार्य-क्षेत्र में लाया गया था।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1                      
(b)  केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)  


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. कृषि क्षेत्र को अल्पकालिक ऋण परिदान करने के संदर्भ में ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंक (DCCBs) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की तुलना में अधिक ऋण प्रदान करते हैं। 
  2. DCCB का एक सबसे प्रमुख कार्य प्राथमिक कृषि साख समितियों को निधि उपलब्ध कराना है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (b)

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