किशोरियों पर WHO का अध्ययन | 31 Jul 2024

प्रिलिम्स के लिये:

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), कानूनी संपत्ति अधिकार, विरासत अधिकार, लैंगिक समानता, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, महिला शक्ति केंद्र, राष्ट्रीय क्रेच योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना

मेन्स के लिये:

महिलाओं से संबंधित मुद्दे, महिलाओं के मुद्दे

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में लैंसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक अध्ययन से पता चला है कि 15 से 19 वर्ष की आयु की किशोर लड़कियाँ जो किसी रिश्ते/रिलेशनशिप में रही हैं, के साथ शारीरिक या यौन हिंसा हुई है।

  • यह सर्वेक्षण 154 देशों और क्षेत्रों की हज़ारों किशोर लड़कियों के साथ किया गया था।

किशोरियों पर WHO के अध्ययन के मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • मुख्य हाइलाइट्स:
    • व्यापकता: यह दर्शाता है कि 20 वर्ष की आयु तक की लगभग एक चौथाई (24%) किशोर लड़कियाँ जो किसी रिश्ते में रही हैं, ने अंतरंग साथी द्वारा शारीरिक और/या यौन हिंसा का अनुभव किया है।
      • लगभग 6 में से 1 (16%) किशोर लड़कियों ने पिछले वर्ष में इस तरह की हिंसा का अनुभव किया है।
      • वर्तमान में कोई भी देश वर्ष 2030 में सतत् विकास लक्ष्य (लक्ष्य 5) की लक्षित तिथि तक महिलाओं और किशोरियों के साथ होने वाली हिंसा का उन्मूलन करने के लिये ट्रैक पर नहीं है।
    • क्षेत्रीय भिन्नताएँ: सबसे अधिक व्यापकता दर ओशिनिया (47%) में है (उदाहरण के लिये पापुआ न्यू गिनी में 49% किशोरियाँ अंतरंग साथी द्वारा की गई हिंसा का रिपोर्ट करती हैं) और मध्य उप-सहारा अफ्रीका में 40% (उदाहरण के लिये कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में 42% अंतरंग साथी द्वारा की गई हिंसा का रिपोर्ट करती हैं)।
      • सबसे कम दरें मध्य यूरोप (10%) और मध्य एशिया (11%) में हैं।
  • व्यापकता को प्रभावित करने वाले कारक: हिंसा की उच्च दर निम्न-आय वाले देशों, माध्यमिक शिक्षा में अध्ययनरत कम किशोरियों वाले क्षेत्र तथा उन क्षेत्रों में व्याप्त है जहाँ लड़कियों के पास कानूनी संपत्ति स्वामित्व और विरासत अधिकार की कमी है।
    • बाल विवाह से होने वाले शक्ति असंतुलन, आर्थिक निर्भरता और सामाजिक अलगाव के कारण अंतरंग साथी द्वारा हिंसा का जोखिम काफी बढ़ जाता है।
      • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, वर्ष 2022 में विश्व भर में 5 में से 1 युवा महिला (19%) का विवाह बचपन में ही अर्थात् उनका बाल विवाह करा दिया गया था।
  • अंतरंग साथी हिंसा के निहितार्थ:
    • चोट लगने, अवसाद, चिंता विकार, अनियोजित गर्भधारण और यौन संचारित संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
    • दीर्घकालिक शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव।
    • शैक्षिक उपलब्धि, भावी रिश्तों और आजीवन संभावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव

किशोरियों को सशक्त बनाने हेतु क्या कदम उठाने की आवश्यकता है?

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशें और हस्तक्षेप:
    • किशोरों के लिये सहायता सेवाओं और प्रारंभिक रोकथाम उपायों को सुदृढ़ करना।
    • स्कूल-आधारित कार्यक्रम लड़कों और लड़कियों दोनों को स्वस्थ संबंधों तथा हिंसा की रोकथाम के बारे में शिक्षित करते हैं।
    • महिलाओं और लड़कियों के लिये कानूनी सुरक्षा और आर्थिक सशक्तीकरण पहल
      • सभी लड़कियों के लिये माध्यमिक शिक्षा सुनिश्चित करना।
      • लिंग-समान संपत्ति अधिकार सुरक्षित करना।
      • बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करना।
    • महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को मापने और उससे निपटने में देशों को सहायता प्रदान करना।
  • अन्य आवश्यक कदम:
    • स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच: सुनिश्चित करना कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को अंतरंग साथी हिंसा के संकेतों को पहचानने और उनका जवाब देने के लिये प्रशिक्षित किया गया है।
      • प्रभावित लड़कियों के लिये मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ और परामर्श प्रदान करना।
    • लैंगिक मानदंडों को चुनौती देना: उन सामाजिक मानदंडों और दृष्टिकोणों को बदलने के लिये काम करना जो महिलाओं तथा लड़कियों के खिलाफ लैंगिक असमानता एवं हिंसा को कायम रखते हैं।
      • अंतरंग साथी हिंसा के संकेतों और परिणामों तथा लैंगिक समानता के महत्त्व के बारे में समुदायों में जागरूकता बढ़ाना
      • यह सुनिश्चित किया जाए कि लड़कियों और महिलाओं को संपत्ति पर समान स्वामित्व तथा उत्तराधिकार का अधिकार मिले।
    • सतत् निगरानी: अंतरंग साथी द्वारा हिंसा की व्यापकता और हस्तक्षेप कार्यक्रमों की प्रभावशीलता का आकलन करने हेतु नियमित सर्वेक्षण तथा अध्ययन करना
      • अंतरंग साथी हिंसा को कम करने के उद्देश्य से नीतियों और कार्यक्रमों को सूचित करने तथा विकसित करने के लिये डेटा का उपयोग करना।
    • वैश्विक प्रयास: सर्वोत्तम प्रथाओं और संसाधनों को साझा करने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करना।
      • स्वास्थ्य, शिक्षा और कानूनी क्षेत्रों को एकीकृत करते हुए अंतरंग साथी हिंसा से निपटने के लिये व्यापक राष्ट्रीय कार्य योजनाएँ विकसित करना।

भारत में किशोरियों के लिये पहल

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. भारत में किशोरियों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा कीजिये। इन चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिये क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा विश्व के देशों के लिये 'सार्वभौमिक लैंगिक अंतराल सूचकांक' का श्रेणीकरण प्रदान करता है? (2017)

(a) विश्व आर्थिक मंच
(b) संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद
(c) संयुक्त राष्ट्र महिला
(d) विश्व स्वास्थ्य संगठन

उत्तर: (a)


मेन्स:

प्रश्न 1.‘देखभाल अर्थव्यवस्था’ और ‘मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था’ के बीच अंतर कीजिये। महिला सशक्तीकरण के द्वारा देखभाल अर्थव्यवस्था को मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था में कैसे लाया जा सकता है? (2023)
प्रश्न 2. ''महिलाओं को सशक्त बनाना जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने की कुंजी है।'' चर्चा कीजिये। (2019)
प्रश्न 3.  भारत में महिलाओं पर वैश्वीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा कीजिये? (2015)