विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
वीनस मिशन 2024
- 07 May 2022
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:रोबोटिक मिशन टू वीनस (दाविंची प्लस और वेरिटास), शुक्र पर भेजे गए पिछले मिशन, शुक्र की महत्त्वपूर्ण विशेषताएंँ मेन्स के लिये:इसरो स्पेस मिशन टू वीनस, स्पेस टेक्नोलॉजी |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के नए अध्यक्ष ने घोषणा की है कि दिसंबर 2024 तक वीनस मिशन को लॉन्च कर दिया जाएगा।
- इस मिशन का उद्देश्य शुक्र के वातावरण में मौजूद सल्फ्यूरिक एसिड के बादल, जिनकी प्रकृति विषाक्त और संक्षारक है, का अध्ययन करना है।
- इससे पहले नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने शुक्र के लिये दो नए रोबोटिक मिशन (DaVinci Plus और Veritas) की घोषणा की थी।
मिशन का प्रमुख उद्देश्य:
- सतही प्रक्रिया और उथली उप-सतह स्तर विज्ञान (Stratigraphy) की जांँच करना।
- शुक्र की उप-सतह का अब तक कोई पूर्व अवलोकन नहीं किया गया है।
- स्ट्रैटिग्राफी भूविज्ञान की एक शाखा है जिसमें चट्टानों की परतों और परतों के निर्माण का अध्ययन किया जाता है।
- वायुमंडल की संरचना, संघटक और गतिकी का अध्ययन करना।
- वीनसियन आयनमंडल के साथ सौर पवन की अंतःक्रिया की जांँच करना।
मिशन का महत्त्व:
- मिशन यह जानने में मदद करेगा कि पृथ्वी जैसे ग्रह कैसे घूमते हैं और पृथ्वी के आकार के एक्सोप्लैनेट (हमारे सूर्य के अलावा किसी अन्य तारे की परिक्रमा करने वाले ग्रह) पर क्या स्थितियांँ मौजूद हैं।
- यह पृथ्वी के जलवायु की मॉडलिंग में मदद करेगा तथा एक चेतावनी देने वाले के रूप में कार्य करेगा कि किसी ग्रह की जलवायु कितनी नाटकीय रूप से बदल सकती है।
मिशन के लिये चुनौतियाँ:
- घने वातावरण और सतह की गतिविधि को देखते हुए शुक्र मंगल की तुलना में अलग-अलग चुनौतियांँ पेश करता है, जो इसे एक जटिल ग्रह बनाता है।
- गहनता से समझने के लिये उपकरणों को वातावरण के माध्यम से गहराई तक ले जाने की ज़रूरत होती है।
- अंतरिक्ष एजेंसी अंतरिक्षयान पर जिन उपकरणों का उपयोग करने की योजना बना रही है, उनमें एक उच्च रिज़ॉल्यूशन सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) है जो ग्रह के चारों ओर बादलों (जो दृश्यता को कम करता है) के बावजूद शुक्र की सतह की जांँच करेगा, ।
- यह उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियों के निर्माण के लिये एक तकनीक को संदर्भित करता है। सटीकता के कारण रडार बादलों और अंधेरे में प्रवेश कर सकता है, जिसका अर्थ है कि यह किसी भी मौसम में दिन-रात डेटा एकत्र कर सकता है।
पूर्ववर्ती मिशन:
- अमेरिका:
- मेरिनर शृंखला 1962-1974, वर्ष 1978 में पायनियर वीनस 1 और पायनियर वीनस 2, 1989 में मैगलन।
- रूस:
- अंतरिक्षयान की वेनेरा शृंखला 1967-1983, वर्ष 1985 में वेगास 1 और 2.
- जापान:
- वर्ष 2015 में अकात्सुकी।
- यूरोप:
- वर्ष 2005 में वीनस एक्सप्रेस।
शुक्र ग्रह :
- इसका नाम प्रेम और सुंदरता की रोमन देवी के नाम पर रखा गया है। सूर्य से दूरी के हिसाब से यह दूसरा तथा द्रव्यमान और आकार में छठा बड़ा ग्रह है।
- यह चंद्रमा के बाद रात के समय आकाश में दूसरी सबसे चमकीली प्राकृतिक वस्तु है, शायद यही कारण है कि यह पहला ग्रह था जो दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व में आकाश में अपनी गति के कारण जाना गया।
- हमारे सौरमंडल के अन्य ग्रहों के विपरीत शुक्र और यूरेनस अपनी धुरी पर दक्षिणावर्त घूमते हैं।
- कार्बन डाइऑक्साइड की उच्च सांद्रता के कारण यह सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है जो एक तीव्र ग्रीनहाउस प्रभाव पैदा करता है।
- शुक्र ग्रह पर एक दिन पृथ्वी के एक वर्ष से ज़्यादा लंबा होता है। सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने की तुलना में शुक्र को अपनी धुरी पर घूर्णन में अधिक समय लगता है।
- अर्थात् 243 पृथ्वी दिन में एक घूर्णन के साथ सौरमंडल में किसी भी ग्रह का यह सबसे लंबा घूर्णन।
- सूर्य की एक कक्षा को पूरा करने के लिये केवल 224.7 पृथ्वी दिन।
- शुक्र को उसके द्रव्यमान, आकार और घनत्व तथा सौरमंडल में उसके समान सापेक्ष स्थानों में समानता के कारण पृथ्वी की जुडवाँ बहन कहा गया है।
- शुक्र से ज़्यादा कोई ग्रह पृथ्वी के करीब नहीं पहूँचता है; अपने निकटतम स्तर पर यह चंद्रमा के अलावा पृथ्वी का सबसे निकटतम बड़ा पिंड है।
- शुक्र का वायुमंडलीय दाब पृथ्वी से 90 गुना अधिक है।
विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs):प्रश्न. क्षुदग्रहों तथा धूमकेतु के बीच क्या अंतर होता है? (2011)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (B) व्याख्या:
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