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भारतीय अर्थव्यवस्था

धन प्रेषण प्रवाह में रुझान

  • 29 Jun 2024
  • 13 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विश्व बैंक, धनप्रेषण, विदेशी मुद्रा, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन, खाड़ी सहयोग परिषद, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम

मेन्स के लिये:

विश्व भर में धन प्रेषण के रुझान, भारत में धन प्रेषण प्रवाह को प्रभावित करने वाले कारक, धन प्रेषण प्रवाह को बढ़ाने के उपाय।

स्रोत: बिजनेस स्टैंडर्ड.

चर्चा में क्यों?

विश्व बैंक की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रेषण की वृद्धि 2023 की तुलना में 2024 में आधी होने की संभावना है।

  • इस मंदी का कारण "तेल की कीमतों में गिरावट और उत्पादन में कटौती के बीच खाड़ी सहयोग परिषद (Gulf Cooperation Council- GCC) देशों से होने वाले बहिर्गमन में कमी" को माना जा रहा है।

धनप्रेषण क्या है?

  • परिचय:
    • धनप्रेषण वह धन या वस्तुएँ हैं जो प्रवासी अपने देश में अपने परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये भेजते हैं।
      • वे कई विकासशील देशों, विशेषकर दक्षिण एशिया के देशों के लिये आय और विदेशी मुद्रा का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
    • धन प्रेषण से गरीबी कम करने, जीवन स्तर सुधारने, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल को समर्थन देने तथा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
    • भारत 2023 में 18.7 मिलियन प्रवासियों को बाहर भेजेगा।
  • धन प्रेषण में वृद्धि:
    • भारत को वर्ष 2023 में 7.5% की वृद्धि के साथ 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर का धन प्रेषण प्राप्त होगा।
    • वर्ष 2024 में इसके 3.7% की दर से बढ़कर 124 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, जबकि 2025 के लिये वृद्धि अनुमान 4% है और वर्ष 2025 तक इसके 129 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।

  • देशों में धन प्रेषण प्रवाह:
    • वर्ष 2023 में भारत प्रेषण प्रवाह सूची में शीर्ष पर होगा, उसके बाद मैक्सिको (66 बिलियन अमरीकी डॉलर), चीन (50 बिलियन अमरीकी डॉलर), फिलीपींस (39 बिलियन अमरीकी डॉलर) और पाकिस्तान (27 बिलियन अमरीकी डॉलर) का स्थान होगा।
    • RBI के आँकड़ों के अनुसार 2023-24 में भारत की विदेशी संपत्ति देनदारियों से अधिक बढ़ी।

प्रवासन के रुझान:

  • विश्व बैंक के आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023 में वैश्विक स्तर पर लगभग 302.1 मिलियन अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी होंगे।
    • कुल अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों में आर्थिक प्रवासियों की सँख्या लगभग 252 मिलियन है।
  • संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) के अनुसार, वर्ष 2023 में शरणार्थियों और शरण चाहने वालों की सँख्या लगभग 50.3 मिलियन होगी।

 भारत में धन प्रेषण प्रवाह को प्रभावित करने वाले कारक क्या हैं?

  • भारत में धन प्रेषण के शीर्ष स्रोत:
    • भारत में कुल धन प्रेषण प्रवाह का लगभग 36% संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और सिंगापुर जैसे 3 उच्च आय वाले देशों में निवास करने वाले उच्च कुशल भारतीय प्रवासियों द्वारा होता है।
      • महामारी के बाद की रिकवरी ने इन क्षेत्रों में श्रम बाज़ार को बाधित किया है, जिसके परिणामस्वरूप वेतन वृद्धि हुई और धन प्रेषण को बढ़ावा मिला।
    • भारतीय प्रवासियों से अन्य उच्च आय वाले गंतव्यों, जैसे कि खाड़ी सहयोग परिषद् (GCC) देशों, संयुक्त अरब अमीरात से भारत को धन प्रेषण प्रवाह का 18% भाग प्राप्त हुआ, जबकि सऊदी अरब, कुवैत, ओमान और कतर से 11% भाग प्राप्त हुआ।
  • निरंतर धन प्रेषण प्रवाह के कारण:
    • मज़बूत आर्थिक परिस्थितियाँ:
      • अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं में, न्यून मुद्रास्फीति और मज़बूत श्रम बाज़ारों ने कुशल भारतीय पेशेवरों को लाभान्वित किया है, जिसके परिणामस्वरूप भारत में धन प्रेषण प्रवाह में वृद्धि हुई है।
      • यूरोप में उच्च रोज़गार वृद्धि और मुद्रास्फीति में सामान्य कमी से विश्व भर में धन प्रेषण में वृद्धि हुई है
    • विविध प्रवासी समूह:
      • भारत का प्रवासी समूह अब केवल उच्च आय वाले देशों तक ही सीमित नहीं है। इसका एक महत्त्वपूर्ण भाग खाड़ी सहयोग परिषद् (GCC) में निवासरत है, जो किसी भी क्षेत्र में आर्थिक मंदी के दौरान एक अंतस्थ (Buffer) प्रदान करता है।
      • GCC में अनुकूल आर्थिक परिस्थितियों, जिसमें उच्च ऊर्जा मूल्यों और नियंत्रित खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति शामिल हैं, ने भारतीय प्रवासियों, विशेष रूप से कम-कुशल क्षेत्रों में रोज़गार और आय को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।
        • भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने सीमा पार लेनदेन के लिये भारतीय रुपए (INR) और UAE दिरहम (AED) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये एक स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली (LCSS) स्थापित करने हेतु वर्ष 2023 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किये, जिससे प्रेषण प्रवाह को और बढ़ावा मिलेगा।
    • बेहतर धन प्रेषण शृंखला:
      • यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) जैसी पहलों ने वास्तविक समय में फंड ट्रांसफर को सक्षम किया है, जिससे धन को शीघ्र भेजा और प्राप्त किया जा सकता है।
      • नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने NRI के लिये सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, ओमान, कतर, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यूनाइटेड किंगडम, श्रीलंका, भूटान, मॉरीशस, फ्राँस, नेपाल सहित कई देशों में UPI का उपयोग करने की अनुमति दी है।

भारत में धन प्रेषण प्रवाह को कैसे बढ़ाया जा सकता है?

  • वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना: विश्व बैंक के आँकड़ों के अनुसार, केवल 80% भारतीयों के पास बैंक खाते हैं। हालाँकि औपचारिक वित्तीय सेवाओं का विस्तार, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक शाखाओं, एटीएम और डिजिटल प्लेटफॉर्म के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से फंड ट्रांसफर में सुविधा प्रदान कर सकता है।
  • धन प्रेषण लागत में कमी: विश्व बैंक के आँकड़ों के अनुसार, भारत में धन प्रेषण लागत अधिक (5-6%) है।
    • धन प्रेषण सेवा प्रदाताओं के बीच प्रतिस्पर्द्धा बढ़ाने और डिजिटल शृंखलाओं को बढ़ावा देने से लेनदेन की लागत में कमी हो सकती है, जिससे औपचारिक शृंखलाओं में सरकारी प्रोत्साहन के अपनाने को बढ़ावा मिल सकता है।
  • धन प्रेषण अवसंरचना को बढ़ाना: भुगतान प्रणालियों को उन्नत करना और ब्लॉकचेन जैसी नवीन तकनीकों का लाभ उठाना, धन प्रेषण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर सकता है।
  • लक्षित प्रवासी जुड़ाव (Targeted Diaspora Engagement): प्रवासी भारतीय दिवस और भारत को जानो कार्यक्रम जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से भारतीय प्रवासियों के साथ सरकार की बढ़ती भागीदारी, संबंधों को मज़बूत कर सकती है।
  • आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देना:
    • मजबूत समष्टि आर्थिक नीतियों का क्रियान्वयन, व्यापार को आसान बनाना तथा भ्रष्टाचार से निपटना प्रवासी समुदाय के विश्वास के लिये महत्त्वपूर्ण है, जिससे धन प्रेषण प्रवाह के लिये अधिक आकर्षक वातावरण का निर्माण हो सकता है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

भारत में धन प्रेषण प्रवाह को प्रभावित करने वाले कारकों का विश्लेषण कीजिये तथा भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को बढ़ाने के लिये कार्यान्वित किये जा सकने वाले नीतिगत उपायों पर चर्चा कीजिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा,विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन पूंजी खाता का निर्माण करता है? (2013)

  1. विदेशी ऋण
  2. विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
  3. निजी प्रेषण
  4. पोर्टफोलियो निवेश

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) 1, 2 और 3
(b) 1, 2 और 4
(c) 2, 3 और 4
(d) 1, 3 और 4

उत्तर: (b)


प्रश्न. डिजिटल भुगतान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. भीम (BHIM) एप उपयोग करने वालों के लिये यह एप U.P.I. सक्षम बैंक खाते से किसी को धन अंतरण करना संभव बनाता है।
  2.  जहाँ एक चिप-पिन डेबिट कार्ड में प्रमाणीकरण के चार घटक होते हैं, BHIM एप में प्रमाणीकरण के सिर्फ दो घटक होते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? 

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों 
(d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर: (a) 


प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन 'एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI)' को लागू करने का सबसे संभावित परिणाम है? (2017)

(a) ऑनलाइन भुगतान के लिये मोबाइल वॉलेट की आवश्यकता नहीं होगी।
(b) लगभग दो दशकों में पूरी तरह से भौतिक मुद्रा का स्थान डिजिटल मुद्रा ले लेगी।
(c) FDI के अंतर्वाह में भारी वृद्धि होगी।
(d) निर्धन व्यक्तियों को उपदानों (सब्सिडीज़) का प्रत्यक्ष अंतरण बहुत प्रभावकारी हो जाएगा।

उत्तर: (a)


मेन्स

प्रश्न. अमेरिका एवं यूरोपीय देशों की राजनीति एवं अर्थव्यवस्था में भारतीय प्रवासियों को एक निर्णायक भूमिका निभानी है। उदाहरणों सहित टिप्पणी कीजिये। (2020)

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