विवर्तनिकी घटनाओं के कारण गंगा नदी के मार्ग में परिवर्तन | 10 Aug 2024

प्रिलिम्स के लिये:

गंगा डेल्टा, पैलियोचैनल, इंडो-बर्मा पर्वत शृंखलाएँ, प्लेट् विवर्तनिकी , गंगा-मेघना-ब्रह्मपुत्र डेल्टा, भूकंपीय तरंगें, सैंड डाईक्स, द्रवीकरण, ऑप्टिकली स्टिम्युलेटेड ल्यूमिनेसेंस (OSL) डेटिंग, बाढ़, अवतलन

मेन्स के लिये:

पृथ्वी की स्थलाकृति को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूभौतिकीय घटनाओं की भूमिका।

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में, शोधकर्त्ताओं ने बांग्लादेश में अवस्थित गंगा के डेल्टाई क्षेत्र में नदी मार्ग का अध्ययन किया है।

  • उन्होंने एक पैलियोचैनल (प्राचीन नदी मार्ग) की खोज की, जो दर्शाता है कि लगभग 2,500 वर्ष पूर्व भूकंप के कारण गंगा ने अपना मार्ग अकस्मात् बदल दिया था।

भूकंप गंगा नदी के मार्ग को किस प्रकार प्रभावित करते हैं?

  • भूकंप की उत्पत्ति: शोधकर्त्ताओं ने अनुमान लगाया कि भूकंप की उत्पत्ति इंडो-बर्मा पर्वत शृंखलाओं या शिलांग पहाड़ियों से हुई होगी, जहाँ भारतीय व यूरेशियन विवर्तनिक प्लेटें जुड़ती हैं।
  • प्रभाव: इस खोज से यह पता चलता है कि बड़े भूकंप से नदियों में बड़े पैमाने पर अस्थिरता/उच्छेदन (नदी के प्रवाह के मार्ग में परिवर्तन) हो सकता है, जिससे विशेष रूप से गंगा-मेघना-ब्रह्मपुत्र डेल्टा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में विनाशकारी बाढ़ आ सकती है।
  • भूकंपीय साक्ष्य:
    • भूकंपीय संरचना: भूकंपीय तरंगों के दबाव के कारण जलीय रेत की परत पर दबाव पड़ने से विकृत अवसादी तल बनते हैं, जिससे मृदा की परतों में दरार बन जाती है। 
    • सैंड डाईक्स: शोधकर्त्ताओं ने पैलियोचैनल की पूर्व दिशा में एक किलोमीटर की दूरी पर दो बड़ी सैंड डाईक्स पाईं। सैंड डाईक्स तब बनती हैं, जब भूकंप नदी के तल में कंपन करते हैं और अवसादों के द्रवीकरण का कारण बनते हैं।
    • डेटिंग तकनीक: शोधकर्त्ताओं ने सैंड डाईक्स के निर्माण और उच्छेदन के समय का अनुमान लगाने के लिये ऑप्टिकली स्टिम्युलेटेड ल्यूमिनेसेंस (OSL) डेटिंग का उपयोग किया। उन्होंने निर्धारित किया कि दोनों घटनाएँ लगभग 2,500 वर्ष पूर्व हुई थीं, जिससे पता चलता है कि भूकंप के कारण नदी का उच्छेदन हुआ।
  • भविष्य के खतरे और सिफारिशें:
    • संभावित प्रभाव: इस प्रकार की भूकंपीय गतिविधियाँ वर्तमान में भारत और बांग्लादेश में 170 मिलियन लोगों को प्रभावित करने वाले क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है।
    • बढ़ा हुआ जोखिम: तेज़ी से होने वाले अवतलन और जलवायु परिवर्तन से प्रेरित समुद्र के स्तर में वृद्धि जैसे कारक नदी के कटाव के जोखिम को बढ़ाते हैं।
    • भविष्य का अनुसंधान: भूकंप से प्रेरित कटाव की आवृत्ति को समझने और भूकंप के पूर्वानुमान में सुधार करने पर ज़ोर दिया जाना चाहिये।
    • तैयारी: ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिये अनुसंधान, निगरानी और तैयारियों के लिये भारत, बांग्लादेश एवं म्याँमार के बीच सहयोग की आवश्यकता है।

विवर्तनिक गतिविधियाँ क्या हैं?

  • विवर्तनिक गतिविधियाँ:
    • पृथ्वी की बाह्यतम परत स्थलमंडल (जिसमें भू-पर्पटी और ऊपरी मेंटल शामिल है) बड़ी चट्टानी प्लेटों में टूटी हुई है।
      • ये प्लेटें आंशिक रूप से पिघली हुई परत पर टिकी हुई हैं जिसे एस्थेनोस्फीयर कहा जाता है।
      • एस्थेनोस्फीयर में संवहन धारा के कारण प्लेटें अलग-अलग दरों पर गति करती हैं, प्रति वर्ष 2-15 सेंटीमीटर। 
      • इस गतिविधि से हिमालय, पूर्वी अफ्रीकी दरार और कैलिफोर्निया में सैन एंड्रियास फॉल्ट सहित विभिन्न भू-वैज्ञानिक संरचनाएँ बनती हैं।
    • यह बताता है कि किस प्रकार पर्वतों का निर्माण, ज्वालामुखी गतिविधि और भूकंप सहित प्रमुख भू-आकृतियाँ पृथ्वी की सतह के नीचे की गतिविधियों से निर्मित होती हैं।
    • सबसे बड़ी से सबसे छोटी तक सूचीबद्ध सात प्रमुख प्लेटें हैं: प्रशांत, उत्तरी अमेरिकी, यूरेशियन, अफ्रीकी, अंटार्कटिका, इंडो-ऑस्ट्रेलियाई और दक्षिण अमेरिकी प्लेट।

  • टेक्टोनिक/विवर्तनिक गतिविधियों के कारण भूकंप:
    • विवर्तनिक गतिविधियाँ मुख्य रूप से पृथ्वी की विवर्तनिक प्लेटों की गति के माध्यम से भूकंप का कारण बनती हैं। 
    • भूकंप सामान्यतः विवर्तनिक प्लेटों की सीमाओं पर आते हैं जिन्हें तीन मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
      • अभिसारी सीमाएँ: प्लेटें एक-दूसरे की ओर बढ़ती हैं, जिससे एक प्लेट दूसरी के नीचे खिसक जाती है (सबडक्शन)। यह प्रक्रिया तीव्र दबाव उत्पन्न कर सकती है और शक्तिशाली भूकंपों को उत्पन्न कर सकती है।
      • अपसारी सीमाएँ: प्लेटें एक-दूसरे से दूर जाती हैं जिससे मैग्मा ऊपर उठता है और नई परत बनाता है। यहाँ भूकंप सामान्यतः कम शक्तिशाली होते हैं लेकिन प्रायः आते हैं।
      • परिवर्तन सीमाएँ: प्लेटें क्षैतिज रूप से एक-दूसरे के पीछे खिसकती हैं। प्लेटों के बीच घर्षण के कारण तनाव उत्पन्न हो सकता है जो भूकंप का कारण बनता है।

गंगा नदी प्रणाली के विषय में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • गंगा नदी उत्तराखंड के गंगोत्री ग्लेशियर से 3,892 मीटर की ऊँचाई पर भागीरथी के रूप में निकलती है। 
  • कई छोटी-छोटी नदियाँ गंगा की मुख्य धाराएँ हैं। इनमें अलकनंदा, धौलीगंगा, पिंडर, मंदाकिनी और भीलंगना प्रमुख हैं।
    • देवप्रयाग में, जहाँ अलकनंदा भागीरथी से मिलती है, नदी को गंगा नाम मिलता है। यह बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले 2525 किलोमीटर की यात्रा करती है।
  • गंगा छह मुख्य धाराओं और उनके पाँच संगमों से बनी है।
    • देवप्रयाग: भागीरथी नदी और अलकनंदा नदी का संगम।
    • रुद्रप्रयाग: मंदाकिनी नदी और अलकनंदा नदी का संगम।
    • नंदप्रयाग: नंदाकिनी नदी और अलकनंदा नदी का संगम।
    • कर्णप्रयाग: पिंडर नदी और अलकनंदा नदी का संगम।
    • विष्णुप्रयाग: धौलीगंगा नदी और अलकनंदा नदी का संगम।
  • भागीरथी, जिसे मूल धारा माना जाता है, गौमुख में गंगोत्री ग्लेशियर के तल से निकलती है। यह अंततः बंगाल की खाड़ी में गिरती है। 
  • गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ:
    • बाएँ तट की सहायक नदियाँ: रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, कोशी, महानंदा।
    • दाहिने तट की सहायक नदियाँ: यमुना, टोंस, करमनासा, सोन, पुनपुन, फल्गु, किऊल, चंदन, अजॉय, दामोदर, रूपनारायण।
  • गंगा नदी पहाड़ियों से निकलकर मैदानी क्षेत्रों में प्रवेश करती है और इलाहाबाद में यमुना से मिलती है।
  • डेल्टा और बहिर्वाह:
    • लगभग 2,510 किलोमीटर की यात्रा के बाद गंगा नदी बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी के साथ मिलकर पद्मा नदी बनाती है। 
    • पद्मा नदी फिर मेघना नदी से मिलती है और मेघना मुहाने के माध्यम से बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

विवर्तनिक गतिविधियाँ और हड़प्पा सभ्यता का पतन

  • मोहनजोदड़ो में गाद की कई परतें दर्शाती हैं कि सिंधु नदी में बार-बार आने वाली बाढ़ ने हड़प्पा सभ्यता के पतन में योगदान दिया। 
  • शोधकर्त्ताओं ने तर्क दिया कि मोहनजोदड़ो में बाढ़ विवर्तनिक गतिविधियों का परिणाम थी। 
  • सिद्धांत के अनुसार सिंधु क्षेत्र एक अशांत भूकंपीय क्षेत्र है और विवर्तनिक गतिविधियों के कारण एक विशाल प्राकृतिक बाँध का निर्माण हुआ जिसने सिंधु को समुद्र की ओर बहने से रोक दिया और मोहनजोदड़ो के आसपास के क्षेत्र को एक विशाल झील में बदल दिया।
    • इसके कारण सिंधु नदी के तट पर स्थित शहर लंबे समय तक जलमग्न रह गए।
  • उन्होंने तर्क दिया कि ऐसी बाढ़, जो 30 फीट से भी ऊपर की इमारतों को डुबो सकती है, सिंधु नदी में सामान्य बाढ़ का परिणाम नहीं हो सकती। 

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न. प्लेट विवर्तनिकी क्या है? यह पृथ्वी पर विभिन्न भू-भौतिकीय घटनाओं को कैसे प्रभावित करता है?

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ) 

मेन्स:

प्रश्न. वर्ष 2021 में घटित ज्वालामुखी विस्फोटों की वैश्विक घटनाओं का उल्लेख करते हुए क्षेत्रीय पर्यावरण पर उनके द्वारा पड़े प्रभाव को बताइये। (2021)

प्रश्न. विश्व की प्रमुख पर्वत शृंखलाओं के संरेखण का संक्षेप में उल्लेख कीजिये तथा उनके स्थानीय मौसम पर पड़े प्रभावों का सोदाहरण वर्णन कीजिये। (2021)

प्रश्न. इंडोनेशियाई और फिलीपींस द्वीपसमूह में हज़ारों द्वीपों के विचरण की व्याख्या कीजिये। (2014)