वैश्विक आयुध निर्माताओं पर SIPRI की रिपोर्ट | 21 Dec 2024
प्रिलिम्स के लिये:हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, गाज़ा, यूक्रेन, ब्रह्मोस, ASEAN, आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली, पिनाका, FDI, रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (DAP)-2020, सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची, रक्षा उत्कृष्टता के लिये नवाचार (iDEX) योजना, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME), रक्षा औद्योगिक गलियारे मेन्स के लिये:भारत के रक्षा क्षेत्र का वैश्विक निष्पादन, भारत के रक्षा निर्यात के विकास चालक |
स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड
चर्चा में क्यों?
हाल ही में स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने विश्व के 100 शीर्ष आयुध निर्माताओं पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें शीर्ष वैश्विक आयुध निर्माताओं में तीन भारतीय कंपनियाँ शामिल हैं।
SIPRI की रिपोर्ट से संबंधित प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?
- वैश्विक आयुध राजस्व: विश्व का आयुध राजस्व 2023 में 632 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो युद्धों, क्षेत्रीय तनावों और पुनः शस्त्रीकरण के कारण 4.2% की हुई वृद्धि को दर्शाता है।
- भारतीय कंपनियों का प्रदर्शन: तीन भारतीय कंपनियाँ अर्थात् हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (रैंक 43), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (रैंक 67), और मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (रैंक 94) का शीर्ष 100 वैश्विक आयुध निर्माताओं में स्थान रहा।
- इन कंपनियों का संयुक्त राजस्व 5.8% से बढ़कर वर्ष 2022 में 6.37 बिलियन अमेरिकी डॉलर और वर्ष 2023 में 6.74 बिलियन अमेरिकी डॉलर (56,769 करोड़ रुपए) हो गया।
- प्रमुख वैश्विक उत्पादक:
- अमेरिका: शीर्ष 100 में शामिल 41 अमेरिकी कंपनियों ने वर्ष 2023 में 317 बिलियन अमेरिकी डॉलर कमाए, जो वैश्विक शस्त्र राजस्व का आधा है, तथा शीर्ष पाँच उत्पादक अमेरिकी हैं।
- चीन: शीर्ष 100 में शामिल नौ चीनी कंपनियों ने वर्ष 2023 में कुल 103 बिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व दर्ज किया।
- रूस: जिन दो रूसी कंपनियों के बारे में आँकड़े उपलब्ध थे, उनका शस्त्र राजस्व ऑर्डर और उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण 40% बढ़कर अनुमानतः 25.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
- क्षेत्रीय विशेषताएँ: विश्व के सभी क्षेत्रों में शस्त्रों से होने वाले राजस्व में वृद्धि देखी गई, विशेष रूप से रूस और मध्य पूर्व (पश्चिम एशिया) स्थित कंपनियों में तीव्र वृद्धि देखी गई।
- शस्त्र राजस्व वृद्धि के कारण: गाज़ा और यूक्रेन में युद्ध, पूर्वी एशिया में बढ़ते तनाव और वैश्विक स्तर पर पुनःशस्त्रीकरण कार्यक्रमों के कारण मांग में वृद्धि हुई।
- संघर्ष क्षेत्रों से बढ़ती मांग को पूरा करने में छोटे हथियार उत्पादक अधिक कुशल थे।
- वर्ष 2024 के लिये आउटलुक: वर्ष 2023 में शस्त्रों से होने वाले राजस्व में वृद्धि हुई और वर्ष 2024 में इसके बढ़ने की उम्मीद है। कंपनियाँ अधिक भर्ती कर रही हैं, जिससे भविष्य की बिक्री को लेकर उम्मीद की किरण दिखाई दे रहा है।
नोट: शस्त्र राजस्व से तात्पर्य घरेलू और विदेशी सैन्य ग्राहकों को सैन्य वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री से प्राप्त राजस्व से है।
स्टॉकहोम अंतर्राष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान (SIPRI)
- SIPRI एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है जो संघर्ष, शस्त्रास्त्र, शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण पर अनुसंधान के लिये समर्पित है।
- वर्ष 1966 में स्थापित SIPRI नीति निर्माताओं, शोधकर्त्ताओं, मीडिया और इच्छुक जनता को खुले स्रोतों पर आधारित डेटा, विश्लेषण और सिफारिशें प्रदान करता है।
भारत के रक्षा निर्यात में प्रमुख उपकरण क्या हैं?
- ब्रह्मोस मिसाइलें: भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की पहली खेप सौंपी, जिसके लिये उसने तीन तट-आधारित, एंटी-शिप मिसाइल बैटरियों के लिये 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सौदा किया था।
- आसियान देश तथा कुछ खाड़ी देश ब्रह्मोस मिसाइलें हासिल करने में रुचि दिखा रहे हैं।
- डोर्नियर-228 विमान: भारत विभिन्न देशों को डोर्नियर-228 विमान का निर्यात करता है, जो रक्षा एवं नागरिक अनुप्रयोगों हेतु एक बहुमुखी एवं विश्वसनीय विमान है।
- सहायक विमान भाग: भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला एवं ऑफसेट प्रतिबद्धताओं के हिस्से के रूप में बोइंग तथा लॉकहीड मार्टिन जैसे रक्षा क्षेत्र के दिग्गजों को विमान के सहायक उपकरण निर्यात करता है।
- सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण: भारत रक्षा अनुप्रयोगों के लिये फ्राँस को सॉफ्टवेयर एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्यात करता है।
- 155mm तोपें: भारत आर्मेनिया जैसे देशों को 155mm तोपें निर्यात कर रहा है, जिससे उन्नत तोपखाना प्रणालियों के उत्पादन में इसकी क्षमताओं पर प्रकाश पड़ता है।
- आकाश मिसाइल प्रणाली: आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली (जिसमें इसका संस्करण आकाश-1S भी शामिल है) की निर्यात में प्रमुख भूमिका रही है, जिसका आर्मेनिया पहला अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक है।
- पिनाका: पिनाका बहु-प्रक्षेपण रॉकेट प्रणालियों के निर्यात में आर्मेनिया प्रमुख खरीदार है।
भारत की उपलब्धियाँ
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रक्षा स्वदेशीकरण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये भारत की क्या पहल हैं?
- उदारीकृत FDI नीति: रक्षा क्षेत्र में FDI सीमा को वर्ष 2020 में नए रक्षा औद्योगिक लाइसेंस प्राप्त करने वाली कंपनियों के लिये स्वचालित मार्ग के माध्यम से 74% तक बढ़ा दिया गया तथा आधुनिक प्रौद्योगिकी तक पहुँच की संभावना वाली कंपनियों के लिये सरकारी मार्ग के माध्यम से 100% तक बढ़ा दिया गया।
- घरेलू खरीद को प्राथमिकता: रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (DAP)-2020 के तहत घरेलू स्रोतों से पूंजीगत वस्तुओं की खरीद पर ज़ोर दिया गया है।
- सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियाँ: 509 वस्तुओं वाली पाँच सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियाँ और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (DPSUs) की 5,012 वस्तुओं वाली पाँच सूचियाँ जारी की गईं, जिनमें निर्दिष्ट समय-सीमा के बाद आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
- इसके अतिरिक्त, MSMEs सहित भारतीय उद्योग द्वारा स्वदेशीकरण को सुविधाजनक बनाने के लिये संयुक्त कार्रवाई के माध्यम से आत्मनिर्भर पहल (सृजन) पोर्टल का शुभारंभ किया गया।
- iDEX योजना: रक्षा नवाचार में स्टार्टअप्स और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को शामिल करने के लिये रक्षा उत्कृष्टता के लिये नवाचार (iDEX) योजना शुरू की गई है।
- सार्वजनिक खरीदी वरीयता: घरेलू निर्माताओं को समर्थन देने के लिये सार्वजनिक खरीदी (मेक इन इंडिया को वरीयता) आदेश 2017 का कार्यान्वयन।
- रक्षा औद्योगिक गलियारे: रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा औद्योगिक गलियारों की स्थापना।
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) को उद्योग और स्टार्टअप के लिये खोल दिया गया है ताकि नवाचार और सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
निष्कर्ष:
भारत के रक्षा क्षेत्र ने स्वदेशीकरण में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है, जिसमें प्रमुख पहलों ने उत्पादन और निर्यात में वृद्धि को बढ़ावा दिया है। वैश्विक स्तर पर हथियारों के राजस्व में वृद्धि, वैश्विक रक्षा बाज़ार में भारत की बढ़ती हिस्सेदारी के साथ, आत्मनिर्भरता और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से रणनीतिक नीतियों की सफलता को दर्शाती है।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न सरकारी पहलों को सूचीबद्ध कीजिये। |
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