हिंदुस्तान-228 सिविल एयरक्राफ्ट
प्रिलिम्स के लियेहिंदुस्तान-228, उड़ान योजना, सारस एमके-2 मेन्स के लियेपरिवहन क्षेत्र के विकास में वायुमार्ग की भूमिका एवं सरकार द्वारा इस दिशा में किये जा रहे प्रयास |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने एक वाणिज्यिक विमान "हिंदुस्तान-228" (Do-228) का सफल ग्राउंड रन (Ground Run) और लो स्पीड टैक्सी (Low Speed Taxi) परीक्षण किया।
- एचएएल, उड़ान (UDAN- उड़े देश का आम नागरिक) योजना को बढ़ावा देने के लिये नागरिक विमानों का निर्माण कर रहा है। केंद्र सरकार का लक्ष्य उड़ान योजना के अंतर्गत 1,000 नए हवाई मार्ग एवं 100 नए हवाई अड्डे स्थापित करना है।
- एचएएल सार्वजनिक क्षेत्र की विमान निर्माण कंपनी है। इसने भारतीय वायु सेना (IAF) के लिये हल्के लड़ाकू विमान (LCA) का भी निर्माण किया है।
प्रमुख बिंदु
हिंदुस्तान-228 के विषय में:
- राष्ट्रीय वैमानिकी प्रयोगशाला (NAL) में 14 सीटर सारस विमान विकास कार्यक्रम को वर्ष 2009 में स्थगित किये जाने के बाद यह भारत में छोटा नागरिक परिवहन विमान विकसित करने की दिशा में पहला बड़ा प्रयास है।
- हालाँकि राष्ट्रीय वैमानिकी प्रयोगशाला उड़ान के लिये सारस एमके-2 (19-सीटर विमान) विमान को विकसित कर रहा है, क्योंकि इसमें "अकुशल", "अर्द्ध-निर्मित" और "बिना पक्की हवाई पट्टियों" में कार्य करने की क्षमता है।
- यह रक्षा बलों द्वारा उपयोग किये जाने वाले जर्मन डोर्नियर 228 रक्षा परिवहन विमान के मौजूदा फ्रेम पर बनाया गया है।
- उड़ान योजना के अंतर्गत लॉन्च एचएएल द्वारा निर्मित दो सिविल डीओ-228 का अधिकतम वज़न 6200 किलोग्राम है।
- यह एक डिजिटल कॉकपिट (वायुयान में चालक-कक्ष) से लैस है जो अधिक सटीक रीडिंग, सटीक जानकारी और फीडबैक के साथ आवश्यक डेटा प्रदर्शन तथा आपात स्थिति में पायलटों को सतर्क करने के लिये स्वतः जाँच क्षमता सुनिश्चित करेगा।
- यह एक बहुउद्देश्यीय उपयोगिता वाला विमान माना जाता है जो वीआईपी परिवहन, यात्री परिवहन, एयर एम्बुलेंस, निरीक्षण, क्लाउड सीडिंग, पैरा जंपिंग, हवाई निगरानी, फोटोग्राफी, रिमोट सेंसिंग और कार्गो परिवहन जैसी मनोरंजक गतिविधियों के लिये उपयोग किया जा सकता है।
- यह विमान 428 किमी. प्रति घंटे की अधिकतम क्रूज़ गति और 700 किमी. प्रति घंटे की रेंज के साथ रात में उड़ान भरने में सक्षम है।
- एचएएल इस विमान को नेपाल जैसे देशों को निर्यात करने पर भी विचार कर रहा है।
उड़ान योजना:
- 'उड़े देश का आम नागरिक' (उड़ान) योजना को वर्ष 2016 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत एक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के रूप में लॉन्च किया गया था। उड़ान योजना देश में क्षेत्रीय विमानन बाज़ार विकसित करने की दिशा में एक नवोन्मेषी कदम है।
- छोटे नागरिक विमानों को ‘उड़ान योजना’ का एक अनिवार्य घटक माना जाता है।
- इस योजना का उद्देश्य क्षेत्रीय मार्गों पर किफायती तथा आर्थिक रूप से व्यवहार्य और लाभदायक उड़ानों की शुरुआत करना है, ताकि छोटे शहरों में भी आम आदमी के लिये सस्ती उड़ानें शुरू की जा सकें।
- इस योजना के तहत मौजूदा हवाई-पट्टी और हवाई अड्डों के पुनरुद्धार के माध्यम से देश के गैर-सेवारत एवं कम उपयोग होने वाले हवाई अड्डों को कनेक्टिविटी प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। यह योजना 10 वर्षों की अवधि के लिये संचालित की जाएगी।
- कम उपयोग होने वाले हवाई अड्डे वे हैं, जहाँ एक दिन में एक से अधिक उड़ान नहीं भरी जाती, जबकि गैर-सेवारत हवाई अड्डे वे हैं जहाँ से कोई भी उड़ान नहीं भारी जाती है।
- चयनित एयरलाइनों को केंद्र, राज्य सरकारों और हवाई अड्डा संचालकों द्वारा वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है, ताकि वे गैर-सेवारत और कम उपयोग होने वाले हवाई अड्डों पर सस्ती उड़ानें उपलब्ध करा सकें।
- अब तक उड़ान योजना के तहत 5 हेलीपोर्ट्स और 2 वाटर एयरोड्रोम सहित 325 मार्गों एवं 56 हवाई अड्डों का परिचालन सुनिश्चित किया गया है।
- नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ (भारत@75) की शुरुआत के अवसर पर ‘उड़ान 4.1’ योजना के तहत लगभग 392 मार्गों को प्रस्तावित किया था।
- ‘उड़ान 4.1’ विशेष हेलीकॉप्टर और सीप्लेन मार्गों के साथ छोटे हवाई अड्डों को जोड़ने पर केंद्रित है। सागरमाला सीप्लेन सेवाओं के तहत कुछ नए मार्ग प्रस्तावित किये गए हैं।
- सागरमाला सी-प्लेन सेवा संभावित एयरलाइन ऑपरेटरों के साथ पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है।
- ‘उड़ान 4.1’ विशेष हेलीकॉप्टर और सीप्लेन मार्गों के साथ छोटे हवाई अड्डों को जोड़ने पर केंद्रित है। सागरमाला सीप्लेन सेवाओं के तहत कुछ नए मार्ग प्रस्तावित किये गए हैं।