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शासन व्यवस्था

सागरमाला सीप्‍लेन सेवा

  • 05 Jan 2021
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

बंदरगाह, जहाज़रानी और जलमार्ग मंत्रालय (Ministry of Ports, Shipping and Waterways) संभावित एअर लाइन परिचालकों के ज़रिये सागरमाला सीप्‍लेन सेवा (Sagarmala Seaplane Services- SSS) शुरू करने की योजना बना रही है। 

  • सीप्लेन स्थिर पंखों वाला हवाई जहाज़ है जो पानी में उतरने में सक्षम होता है।

प्रमुख बिंदु

तंत्र:

  • इस परियोजना को भावी एयरलाइन ऑपरेटरों के माध्यम से एक विशेष प्रयोजन वाहन (Special Purpose Vehicle- SPV) ढाँचे के तहत शुरू किया जा रहा है।
  • SPV विशेष रूप से परिभाषित उद्देश्य के लिये गठित एक विधिक प्रयोजन है।

परियोजना कार्यान्वयन:

  • इस परियोजना को सागरमाला विकास कंपनी लिमिटेड (Sagarmala Development Company Ltd- SDCL) के माध्यम लागू किया जाएगा जोकि बंदरगाह, जहाज़रानी और जलमार्ग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है।
  • SDCL के साथ SPV का निर्माण करने हेतु एयरलाइन ऑपरेटरों को आमंत्रित किया जाएगा।
  • मार्गों को सरकार की सब्सिडी वाले ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (UDAN) योजना के तहत संचालित किया जा सकता है।

अवस्थिति: सीप्लेन संचालन के लिये कई स्थलों की परिकल्पना की गई है:

Proposed-Locations

लाभ और महत्त्व:

  • सीप्लेन सेवा एक गेम-चेंज़र साबित होगी जो पूरे देश में तेज़ और आरामदायक परिवहन का एक पूरक साधन प्रदान करेगी।
  • विभिन्न दूरस्थ धार्मिक/पर्यटन स्थानों को हवाई संपर्क प्रदान करने के अलावा, यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हॉलिडे निर्माताओं (ट्रैवल एजेंसियों) के लिये पर्यटन को बढ़ावा देगा।
  • यह यात्रा के समय को कम करेगा और विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में या नदियों/झीलों आदि में स्थानबद्ध छोटी दूरी की यात्रा को प्रोत्साहित करेगा।
  • यह संचालन के स्थानों पर बुनियादी ढाँचे में वृद्धि करेगा।
  • यह रोज़गार के अवसर प्रदान करेगा।

पूर्व के प्रोजेक्ट:

  • इस तरह की एक सीप्लेन सेवा गुजरात के नर्मदा ज़िले में केवडिया के पास स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट के मध्य पहले से चल रही है, जिसकी शुरुआत अक्तूबर 2020 में की गई थी।

सागरमाला परियोजना

  • सागरमाला कार्यक्रम को वर्ष 2015 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था जिसका उद्देश्य आधुनिकीकरण, मशीनीकरण और कम्प्यूटरीकरण के माध्यम से 7,516 किलोमीटर लंबी समुद्री तट रेखा के आस-पास बंदरगाहों के इर्द-गिर्द प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विकास को बढ़ावा देना है।
  • इस बंदरगाह के नेतृत्व वाले विकास ढाँचे के तहत सरकार अपने कार्गो यातायात को तीन गुना बढ़ाने की उम्मीद करती है।
  • इसमें बंदरगाह टर्मिनलों के साथ रेल/सड़क संपर्क की स्थापना भी शामिल है, जैसे- बंदरगाहों को अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्रदान करना, नए क्षेत्रों के साथ संपर्क का विकास, रेल, अंतर्देशीय जलमार्गों, तटीय एवं सड़क सेवाओं सहित मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी में वृद्धि करना।

स्रोत: पी.आई.बी.

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