भारत में डिजिटल बुनियादी ढाँचे का पुनरुद्धार | 06 Feb 2025

प्रिलिम्स के लिये:

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंडियाAI मिशन, लाॅर्ज मल्टीमॉडल मॉडल्स, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI), सतत् विकास, आधार, UPI

मेन्स के लिये:

भारत के डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) की चुनौतियाँ और शमन, इंडियाAI मिशन, AI नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देना, भारत में AI पारिस्थितिकी तंत्र

स्रोत: पी.आई.बी

चर्चा में क्यों?

भारत का डिजिटल बुनियादी ढाँचा तेज़ी से विकसित हुआ है, जिसने वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 11.74% का योगदान दिया है और वर्ष 2029-30 तक सकल घरेलू उत्पाद के 20% तक पहुँचने का अनुमान है। 

  • इस वृद्धि को और तेज करने के लिये, केंद्रीय बजट 2025-26 में AI बुनियादी ढाँचे और कौशल निर्माण कार्यक्रमों को विकसित करने के लिये इंडियाAI मिशन के लिये 2,000 करोड़ रुपए मंजूर किये गए हैं।

भारत के डिजिटल अवसंरचना विकास में प्रमुख उपलब्धियाँ क्या हैं?

  • एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI): UPI को वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था, यह अब वैश्विक वास्तविक समय लेनदेन के 49% को संचालित करता है (ACI वर्ल्डवाइड रिपोर्ट 2024)। 
    • डिजिटल लेन-देन 707.93 करोड़ रुपए (वर्ष 2016) से बढ़कर 23.24 लाख करोड़ रुपए (वर्ष 2024) हो गया, जिसमें भाग लेने वाले बैंकों की संख्या 35 से बढ़कर 641 हो गई। इसका विस्तार UAE, सिंगापुर और फ्राँस सहित 7 देशों तक हो गया है।
  • इंटरनेट अवसंरचना:
    • टेलीफोन कनेक्शन 933 मिलियन (वर्ष 2014) से बढ़कर 1,188.70 मिलियन (वर्ष 2024) हो गए।
      • इंटरनेट कनेक्शन 25.15 करोड़ (वर्ष 2014) से बढ़कर 96.96 करोड़ (वर्ष 2024) हो गए, जो 285% की वृद्धि है।
      • ब्रॉडबैंड की पहुँच 1,452% बढ़कर 6.1 करोड़ (वर्ष 2014) से 94.92 करोड़ (वर्ष 2024) हो गई।
    • ग्राम पंचायतों को किफायती हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिये वर्ष 2011 में शुरू की गई भारतनेट योजना के तहत वर्ष 2025 तक 2.14 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ा जाएगा, 6.92 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जाएगी तथा 1.04 लाख वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित किये जाएंगे।
  • आधार: वर्ष 2009 में शुरू किया गया आधार बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय डेटा को जोड़ने वाला एक डिजिटल पहचान प्रणाली है। इसने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, वित्तीय समावेशन और भ्रष्टाचार को कम करने में मदद की है। 
    • मार्च, 2023 तक 136.65 करोड़ आधार कार्ड जारी किये जा चुके थे। आधार फेस ऑथेंटिकेशन ने 100 करोड़ लेनदेन (जनवरी 2025) को पार कर लिया तथा ई-केवाईसी लेनदेन 0.01 करोड़ (2014) से बढ़कर 1,470.22 करोड़ (2023) हो गया।
  • डिजिलॉकर और उमंग: वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया डिजिलॉकर, डिजिटल दस्तावेज़ों तक सुरक्षित पहुँच प्रदान करता है, जिससे भौतिक रिकॉर्ड पर निर्भरता कम हो जाती है। 
    • फरवरी, 2025 तक, इसके 46.52 करोड़ उपयोगकर्त्ता हैं, वार्षिक साइनअप 9.98 लाख (2015) से बढ़कर 2025.07 लाख (2024) हो गया है।
    • ई-गवर्नेंस सेवाओं को एकीकृत करने के लिये लॉन्च की गई उमंग ऐप के वर्ष 2024 में 7.34 करोड़ पंजीकृत उपयोगकर्त्ता होंगे, जो वर्ष 2017 में 0.25 लाख थे।
  • ONDC और GeM: ONDC (2022 में लॉन्च) निष्पक्ष ई-कॉमर्स प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देता है, जिससे MSME को लाभ होता है। दिसंबर, 2024 तक, इसका विस्तार 616+ शहरों तक हो गया, जिसमें 7.64 लाख विक्रेता तथा 154.4 मिलियन ऑर्डर थे। 
    • वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया GeM, वित्त वर्ष 2024-25 में 4.09 लाख करोड़ रुपए के GMV के साथ सरकारी खरीद को सुव्यवस्थित करता है, 1.6 लाख खरीदारों और 22.5 लाख विक्रेताओं को समर्थन प्रदान करता है, छोटे उद्यमों के लिये पारदर्शिता तथा दक्षता को बढ़ावा देता है।
  • भाषिणी: भाषिणी ने 22 से अधिक भारतीय भाषाओं में डिजिटल पहुँच को बढ़ाया है, मासिक 100 मिलियन से अधिक अनुमान लगाने की सुविधा प्रदान की है तथा 500,000 से अधिक ऐप डाउनलोड किये गए हैं, जिससे समावेशी डिजिटल शासन को बढ़ावा मिला है, जिससे भाषाई विभाजन के अंतर को कम किया जा रहा है।

इंडियाAI मिशन क्या है?

  • परिचय: इंडियाAI मिशन भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य AI में नवाचार, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने हेतु एक व्यापक AI इकोसिस्टम का निर्माण करना है। 
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य उच्च निष्पादन कंप्यूटिंग अवसंरचना की स्थापना, डेटा गुणवत्ता बढ़ाना और AI मॉडल को परिष्कृत बनाना, स्वदेशी AI प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना तथा स्वास्थ्य सेवा, कृषि एवं शासन जैसे क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देकर एक सुदृढ़ AI पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
    • इस मिशन के अंतर्गत AI स्टार्टअप्स की सहायता करने, प्रतिभा को आकर्षित करने और नैतिक AI प्रथाओं को सुनिश्चित करने का भी कार्य किया जाता है।
  • बजटीय आवंटन: वर्ष 2025-26 के लिये इस मिशन हेतु 2,000 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं, जो योजना के कुल परिव्यय का लगभग पाँचवाँ हिस्सा है।
  • प्रमुख घटक:

निष्कर्ष:

भारत के डिजिटल बुनियादी ढाँचे से आर्थिक विकास, शासन दक्षता और वित्तीय समावेशन को व्यापक बढ़ावा मिला है। इस प्रगति को बनाए रखने और वर्ष 2047 तक 'विकसित भारत' लक्ष्य प्राप्त करने हेतु, साइबर सुरक्षा का उन्नयन किये जाने, 5G का विस्तार करने और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। देश की डिजिटल क्षमताओं का पूर्णतम उपयोग कर, भारत सतत् विकास को आगे बढ़ा सकता है, सेवा वितरण में सुधार कर सकता है और डिजिटल युग में नागरिकों का सशक्तीकरण कर सकता है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. इंडियाAI मिशन के उद्देश्य और मुख्य घटक क्या हैं? इसके अंतर्गत भारत के कृत्रिम बुद्धिमत्ता परिदृश्य को किस प्रकार रूपांतरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)

  1. औद्योगिक इकाइयों में विद्युत की खपत कम करना    
  2. सार्थक लघु कहानियों और गीतों की रचना    
  3. रोगों का निदान    
  4. टेक्स्ट-से-स्पीच (Text-to-Speech) में परिवर्तन    
  5. विद्युत ऊर्जा का बेतार संचरण

नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2, 3 और 5
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (b)


मेन्स:

प्रश्न. भारत के प्रमुख शहरों में IT उद्योगों के विकास से उत्पन्न होने वाले मुख्य सामाजिक-आर्थिक निहितार्थ क्या हैं? (2022)

प्रश्न. "चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के प्रादुर्भाव ने ई-गवर्नेंस को सरकार का अविभाज्य अंग बनाने में पहल की है"। विवेचना कीजिये। (2020)