अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषदों के सचिवों की क्षेत्रीय वार्ता | 23 Feb 2024
प्रिलिम्स के लिये:भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR), ह्यूमेनिटेरियन एयर कॉरिडोर, अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, UNSCR 2593, रणनीतिक साझेदारी समझौता मेन्स के लिये:भारत-अफगानिस्तान संबंध और क्षेत्रीय सुरक्षा, शांति तथा समृद्धि पर इसका महत्त्व |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषद के सचिवों/राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) की छठी क्षेत्रीय वार्ता बिश्केक, किर्गिस्तान में आयोजित की गई।
- भारत ने आतंकवाद से निपटने के लिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संकल्प में उल्लिखित समाधान जो की आतंकवाद की रोकथाम के लिये संयुक्त प्रयासों का आह्वान करता है, को दोहराया।
अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता क्या है?
- अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता का आशय उच्च स्तरीय बैठकों की एक शृंखला से है जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान, चीन, रूस, भारत और अन्य मध्य एशियाई राज्यों सहित संबद्ध क्षेत्र के देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अथवा वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी शामिल होते हैं।
- ये वार्ता सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और अफगानिस्तान तथा अन्य संबद्ध क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिये क्षेत्रीय दृष्टिकोणों पर चर्चा तथा समन्वय स्थापित करने के लिये मंच प्रदान करते हैं।
- अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में UNSCR 2593 के उद्देश्य का अनुसरण किया जाता है।
- 15-सदस्यीय देशों (UNSC) द्वारा पारित यह प्रस्ताव, अफगान क्षेत्र का किसी भी राष्ट्र के विरुद्ध खतरे उत्पन्न करने अथवा हमला शुरू करने के लिये इस्तेमाल होने से रोकने का आह्वान करता है।
- सुरक्षा परिषद और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा प्रस्ताव का अंगीकरण करना अफगानिस्तान के संबंध में दृढ़ संकल्पों को प्रदर्शित करता है।
- यह अफगानिस्तान के भीतर आतंकवाद की रोकथाम की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करता है।
अफगानिस्तान के निवासियों के लिये भारत द्वारा क्या प्रयास किये गए हैं?
- भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) ने अगस्त 2021 से 600 अफगान लड़कियों सहित 3,000 से अधिक छात्रों को प्रवेश देकर शिक्षा को बढ़ावा देने में सराहनीय प्रयास किया है।
- आवाजाही में सुगमता के लिये दिल्ली और काबुल के बीच एक ह्यूमेनिटेरियन एयर कॉरिडोर निर्मित किया गया है।
- यह गलियारा आवगमन और सहायता वितरण की सुविधा प्रदान करता है जो मानवीय आवश्यकताओं के प्रति भारत की सक्रिय प्रतिक्रिया को प्रदर्शित करता है।
- भारत ने मानवीय सहायता की कई खेप की आपूर्ति की है जिसमें 50,000 मीट्रिक टन गेहूँ, 250 टन चिकित्सा सहायता तथा 28 टन भूकंप राहत सहायता शामिल है।
- भारत ने अफगान ड्रग उपयोगकर्त्ता आबादी, विशेषकर महिलाओं के कल्याण हेतु सहायता प्रदान करने के लिये अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध कार्यालय (UNODC) के साथ साझेदारी की है।
- इस साझेदारी के तहत, भारत ने वर्ष 2022 से UNODC, काबुल को 11,000 यूनिट स्वच्छता किट, शिशु आहार, कंबल, कपड़े, चिकित्सा सहायता और अन्य विविध वस्तुओं की आपूर्ति की है।
- भारत और अफगानिस्तान विशेष रूप से चाबहार बंदरगाह के माध्यम से व्यापार तथा संचालन जारी रखते हैं।
भारत-अफगानिस्तान संबंधों को प्रभावित करने वाले मुख्य मुद्दे क्या हैं?
- क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव: अफगानिस्तान (गोल्डन क्रीसेंट) से होने वाला नशीली दवाओं का व्यापार क्षेत्र में अस्थिरता और हिंसा में एक प्रमुख योगदानकर्त्ता रहा है, जो अफगानिस्तान एवं भारत जैसे पड़ोसी देशों दोनों के लिये चुनौतियाँ उत्पन्न करता है।
- भारतीय हित एवं प्रभाव: वर्ष 1996 में तालिबान द्वारा काबुल पर कब्ज़ा करने के बाद, क्षेत्र में भारत के रणनीतिक हितों और प्रभाव को झटका लगा।
- आर्थिक एवं बुनियादी ढाँचे की बाधाएँ: तालिबान के हाथों अफगानिस्तान पर नियंत्रण (2021) ने सलमा बाँध एवं संसद भवन जैसे बुनियादी ढाँचे के निर्माण के साथ-साथ देश में निवेश करने के भारत के प्रयासों में अत्यधिक बाधाएँ प्रस्तुत कीं। ये प्रयास सुरक्षा चिंताओं, भ्रष्टाचार एवं विभिन्न अन्य चुनौतियों के कारण बाधित हुए हैं।
- भारतीय नागरिकों पर आक्रमण: काबुल में ISIS-K द्वारा दावा किए गए सिख गुरुद्वारे पर बमबारी ने भारत के लिये चिंता बढ़ा दी है।
- सुरक्षा गतिशीलता में परिवर्तन: अगस्त 2021 तक, भारत अपनी सुरक्षा के लिये काबुल में एक मित्रवत सरकार और अफगानिस्तान में संयुक्त राज्य अमेरिका की सुरक्षा उपस्थिति पर निर्भर था।
- अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के कारण भारत द्वारा सुरक्षा परिदृश्य का सावधानीपूर्वक पुनर्मूल्यांकन करना आवश्यक हो गया।
अफगानिस्तान के साथ भारत के संबंध कैसे हैं?
- इतिहास:
- अफगानिस्तान के प्रति भारत की नीति सदियों पुराने ऐतिहासिक एवं सभ्यतागत संबंधों में निहित है।
- भारत, ऐतिहासिक रूप से अफगानिस्तान के साथ अपेक्षाकृत अच्छे संबंध रहे हैं, जो वर्ष 1950 की मैत्री संधि से चले आ रहे हैं।
- एक निकटवर्ती पड़ोसी के रूप में, भारत के अफगानिस्तान में वैध आर्थिक और सुरक्षा हित हैं।
- अफगानिस्तान के प्रति भारत की नीति सदियों पुराने ऐतिहासिक एवं सभ्यतागत संबंधों में निहित है।
- आर्थिक संबंध:
- सभी 34 प्रांतों में व्याप्त लगभग 500 परियोजनाओं के माध्यम से, भारत ने विद्युत ऊर्जा, जल आपूर्ति, सड़क कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, कृषि और क्षमता निर्माण जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
- भारतीय सेना के सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation- BRO) ने वर्ष 2009 में सुदूर अफगान प्रांत निमरोज़ में एक प्रमुख सड़क का निर्माण किया, जो डेलाराम को जरंज से जोड़ती है।
- यह ईरान में चाबहार बंदरगाह के माध्यम से अफगानिस्तान तक माल की शुल्क-मुक्त आवागमन के लिये एक व्यवहार्य वैकल्पिक मार्ग साबित हुआ है।
- अफगान व्यापारियों को दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौते के तहत टैरिफ रियायतें प्रदान की जाती रहेंगी।
- सलमा बाँध, अफगान-भारत मैत्री बांध (Afghan-India Friendship Dam- AIFD) पश्चिमी अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में हरि नदी पर स्थित एक जलविद्युत और सिंचाई बाँध परियोजना है।
- वर्ष 2006 में, भारत ने इस परियोजना को पूरा करने के लिये वित्त पोषण की प्रतिबद्धता जताई।
- राजनयिक संबंध:
- भारत-अफगानिस्तान संबंध रणनीतिक साझेदारी समझौते से मज़बूत हुए हैं, जिस पर अक्तूबर 2011 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर किये गए थे।
- दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक साझेदारी समझौता (Strategic Partnership Agreement- SPA) अफगानिस्तान की अवसंरचना और संस्थानों, शिक्षा एवं तकनीकी सहायता के पुनर्निर्माण में सहायता प्रदान करता है।
- भारत अफगान के लोकतंत्र का प्रबल समर्थक रहा है और उसने निरंतर स्थिर, शांतिपूर्ण तथा समृद्ध अफगानिस्तान की स्थापना का समर्थन किया है।
- मानवीय सहायता:
- कोविड-19 की वैश्विक महामारी और खाद्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिये भारत वर्ष 2020 में अफगानिस्तान को 75,000 मीट्रिक टन गेहूँ उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध रहा है।
- भारत ने वर्ष 2020 में अफगानिस्तान सरकार को हाइड्रॉक्सी-क्लोरोक्वीन, पेरासिटामोल की गोलियों और सर्जिकल ग्लव्स/दस्ताने की भी आपूर्ति की है।
- लगभग 1.5 मिलियन स्कूली बच्चों को अनाज और बिस्कुट दोनों के रूप में 11 लाख टन गेहूँ की खाद्य सहायता का प्रावधान किया गया।
- अनावृष्टि/सूखे के दौरान विशेष रूप से बच्चों के लिये खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में भारत ने वर्ष 2018 में अफगानिस्तान को 2000 टन दालें वितरित कीं।
- भारत ने वर्ष 2015 में काबुल में एक मेडिकल डायग्नोस्टिक सेंटर की स्थापना की, जो अफगानी बच्चों को नवीनतम नैदानिक सुविधाएँ प्रदान करता है और भारत के लिये सद्भावना पैदा करता है।
- कोविड-19 की वैश्विक महामारी और खाद्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिये भारत वर्ष 2020 में अफगानिस्तान को 75,000 मीट्रिक टन गेहूँ उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध रहा है।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद क्या है?
- भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) विदेश मंत्रालय के तहत भारत सरकार का एक स्वायत्त संगठन है। इसकी स्थापना विदेशों में भारतीय संस्कृति और इसके मूल्यों को बढ़ावा देने तथा भारत एवं अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी।
- इसकी स्थापना वर्ष 1950 में स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने की थी।
- ICCR को वर्ष 2015 से विदेशों में भारतीय मिशनों/केंद्रों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उत्सव को सुविधाजनक बनाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
निष्कर्ष
- अफगानिस्तान के साथ भारत के गहरे ऐतिहासिक, आर्थिक और राजनीतिक संबंध देश की स्थिरता तथा समृद्धि के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।
- रणनीतिक साझेदारी, महत्त्वपूर्ण निवेश और मानवीय सहायता के माध्यम से, भारत अफगानिस्तान की विकास यात्रा का समर्थन करने में आवश्यक भूमिका निभा रहा है।
- सद्भावना को बढ़ावा देकर और आवश्यक सेवाएँ प्रदान करके, भारत क्षेत्रीय शांति तथा सुरक्षा में योगदान करते हुए, अफगानिस्तान के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (2022)
उपर्युक्त में से किनकी सीमाएँ अफगानिस्तान के साथ लगती है? (a) केवल 1, 2 और 5 उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. वर्ष 2014 में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (ISAF) की अफगानिस्तान से प्रस्तावित वापसी क्षेत्र के देशों के लिये बड़े खतरों (सुरक्षा उलझनों) भरा है। इस तथ्य के आलोक में परीक्षण कीजिये कि भारत के सामने भरपूर चुनौतियाँ हैं तथा उसे अपने सामरिक महत्त्व के हितों की रक्षा करने की आवश्यकता है। (2013) |