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हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात पर प्रतिबंध समाप्त

  • 08 Apr 2020
  • 9 min read

प्रीलिम्स के लिये:

COVID-19, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन

मेन्स के लिये:

स्वास्थ्य क्षेत्र पर COVID-19 का प्रभाव, COVID-19 से निपटने हेतु सरकार के प्रयास

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (Hydroxychloroquine- HCQ) के निर्यात पर लगाए गए अपने पूर्व के प्रतिबंध को समाप्त कर इसके निर्यात की अनुमति दे दी है।

मुख्य बिंदु:

  • भारत सरकार ने 7 अप्रैल, 2020 को मलेरिया के उपचार में प्रयोग की जाने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के साथ कुछ अन्य दवाओं के निर्यात की अनुमति दे दी है।
  • विदेश मंत्रालय के अनुसार, COVID-19 महामारी के मानवीय पहलुओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इसके तहत भारत पर आश्रित (दवाओं के संदर्भ में) पड़ोसी देशों के लिये पैरासिटामाॅल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की उचित मात्रा को निर्यात करने की अनुमति दी गई है।
  • साथ ही इन आवश्यक दवाओं को उन देशों में भी भेजा जाएगा जो इस महामारी से विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं।
  • केंद्र सरकार के अनुसार, वर्तमान में निर्यात के लिये स्वीकृत HCQ और अन्य दवाएँ देश में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। सरकार के इस निर्णय के तहत दवाओं के स्टॉक की स्थिति और घरेलू मांग के आधार पर ही इन दवाओं का निर्यात किया जाएगा।
  • ध्यातव्य है कि 25 मार्च, 2020 को विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade- DGFT) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, HCQ को प्रतिबंधित वस्तुओं की सूची में डाल दिया था और 4 अप्रैल, 2020 को इस दवा के निर्यात को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था।

विदेश व्यापार महानिदेशालय

(Directorate General of Foreign Trade- DGFT):

  • DGFT केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) का एक संलग्न कार्यालय है।
  • इसकी अध्यक्षता विदेश व्यापार महानिदेशक द्वारा की जाती है।
  • DGFT का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। साथ ही देश के विभिन्न शहरों में इसके 38 क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं। इसके अतिरिक्त DGFT का एक एक्सटेंशन काउंटर (Extension Counter) इंदौर में स्थित है।
  • DGFT भारतीय निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ विदेश व्यापार नीति तैयार करने और उसे लागू करने का कार्य करता है।
  • DGFT निर्यातकों को अनुमति जारी करने तथा अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से इस संबंध में उनके दायित्त्वों की निगरानी का कार्य करता है।

क्या है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन?

  • हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन एक मलेरियारोधी दवा है। यह क्लोरोक्विन (Chloroquine) का एक यौगिक/डेरिवेटिव (Derivative) है, जिसे क्लोरोक्विन से कम विषाक्त (Toxic) माना जाता है।
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) और लूपस (Lupus) जैसी कुछ अन्य बीमारियों के मामलों में भी डॉक्टर की सलाह पर इस दवा का उपयोग किया जाता है।

भारत में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का उत्पादन:

  • दवा क्षेत्र की एक शोध संस्था के अनुसार, फरवरी 2020 से पूर्व के 12 महीनों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का व्यापार मात्र 152.8 करोड़ रुपये का था।
  • भारतीय बाज़ार में उपलब्ध लगभग 82% हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का उत्पादन मुंबई स्थित इप्का लेबोरेटरीज़ (Ipca Laboratories) द्वारा किया जाता है।
  • इप्का लेबोरेटरीज़ द्वारा उत्पादित 80% हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन को अन्य देशों में निर्यात कर दिया जाता है।
  • हालाँकि कंपनी के प्रबंध-निदेशक के अनुसार, सरकार की आवश्यकता की आपूर्ति के लिये कंपनी की दवा उत्पादन क्षमता में वृद्धि की गई है।
  • साथ ही इस दवा के दुरुपयोग, जमाखोरी आदि को रोकने के लिये वर्तमान में इसे देश के चयनित दवा केंद्रों पर ही उपलब्ध कराया जाएगा।

COVID-19 और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन:

  • विश्व की किसी भी स्वास्थ्य संस्था द्वारा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन को COVID-19 के उपचार के लिये प्रमाणित नहीं किया गया है।
  • मार्च 2020 में ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एंटीमाइक्रोबियल एजेंट’ (International Journal of Antimicrobial Agents- IJAA) में प्रकाशित एक फ्राँसीसी वैज्ञानिक के शोध के अनुसार, COVID-19 से संक्रमित 20 मरीज़ों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के प्रयोग से अन्य मरीज़ो की तुलना में बेहतर परिणाम पाए गए।
  • शोध के अनुसार, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के साथ एजिथ्रोमाइसिन (एक एंटीबायोटिक दवा) के प्रयोग से COVID-19 के उपचार में प्रभावी परिणाम देखे गए।
  • हालाँकि 3 अप्रैल 2020 को IJAA चलाने वाली संस्था ‘इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ एंटीमाइक्रोबियल कीमोथेरेपी’ (International Society of Antimicrobial Chemotherapy) ने कहा कि यह शोध संस्था के मानकों के अनुरूप नहीं था, क्योंकि इस अध्ययन में शामिल मापदंडों, मरीज़ों में बीमारी की गंभीरता का विवरण, उपचार के दौरान मरीज़ सुरक्षा आदि पहलुओं के मामले में विस्तृत व्याख्या का अभाव था।

भारत में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का प्रयोग:

  • 30 मार्च 2020 को ‘भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद’ (Indian Council of Medical Research- ICMR) ने COVID-19 से संक्रमित मरीज़ों का उपचार कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों और ऐसे मरीज़ों की देखभाल कर रहे परिजनों के लिये सुरक्षात्मक कदम के तहत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के उपयोग के संदर्भ में दिशा-निर्देश जारी किये थे।
  • ‘भारतीय औषधि महानियंत्रक’ (Drug Controller General of India- DGCI) द्वारा आपातकालकालीन स्थिति में ICMR के सुझावों के तहत इस दवा के सीमित प्रयोग की अनुमति दी गई है।
  • हालाँकि सरकार ने इस बात पर विशेष बल दिया है कि COVID-19 के मामलों में इस दवा का प्रयोग चिकित्सक की देख-रेख के बगैर नहीं किया जा सकता है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, बिना किसी चिकित्सीय परामर्श के इस दवा के प्रयोग के गंभीर नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं और इससे व्यक्ति की संक्रमण से लड़ने की क्षमता को भी नुकसान हो सकता है।

निष्कर्ष: वर्तमान में COVID-19 के किसी उपचार के प्रमाणिक उपचार के अभाव में इसके संक्रमण के प्रसार को रोकना ही इस बीमारी के नियंत्रण का सबसे सफल उपाय है। COVID-19 के उपचार हेतु हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के प्रयोग के संबंध में किसी वैज्ञानिक प्रमाण के अभाव में इस दवा के प्रयोग के पहले चिकित्सीय परामर्श लेना अति आवश्यक है। COVID-19 की वर्तमान वैश्विक महामारी में ज़रूरतमंद देशों को महत्त्वपूर्ण दवाओं के माध्यम से सहायता उपलब्ध करा पाना भारतीय दवा क्षेत्र के लिये एक बड़ी उपलब्धि है।

स्रोत: द हिंदू

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