शासन व्यवस्था
रक्षा क्षेत्र में हालिया सुधार
- 09 Jun 2021
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प्रिलिम्स के लिये:चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020, मेक इन इंडिया, रक्षा उपकरण निर्यातक देशों की सूची, राफेल लड़ाकू विमान, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, सीमा सड़क संगठन, अटल सुरंग, राष्ट्रीय कैडेट कॉर्प्स, वंदे भारत मिशन, INS ऐरावत, भारतीय तटरक्षक मेन्स के लिये:रक्षा क्षेत्र से संबंधित सुधार तथा उनका महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रक्षा मंत्री ने ‘2020 में 20 सुधार’ (20 Reforms in 2020) नामक ई-पुस्तिका का विमोचन किया, जिसमें रक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2020 में किये गए प्रमुख सुधारों को रेखांकित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ और सैन्य मामलों का विभाग:
- भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की नियुक्ति और सैन्य मामलों के विभाग (Department of Military Affairs- DMA) का निर्माण सरकार द्वारा लिये गए बड़े फैसलों में शामिल थे।
- जनरल बिपिन रावत को पहला CDS नियुक्त किया गया जो DMA के सचिव की ज़िम्मेदारियों को भी पूरा करते हैं।
- CDS के पद का सृजन सशस्त्र बलों के बीच दक्षता एवं समन्वय को बढ़ाने और दोहराव को कम करने के लिये किया गया था, जबकि DMA की स्थापना बेहतर नागरिक-सैन्य एकीकरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई थी।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता:
- रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिये अगस्त 2020 में 101 रक्षा मदों की सूची अधिसूचित की गई थी, जबकि सितंबर 2020 में रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 का अनावरण किया गया था।
- 2020-21 में स्वदेश निर्मित रक्षा उपकरणों के लिये 52,000 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया था।
रक्षा निर्यात में वृद्धि
- निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी बढ़ने से रक्षा निर्यात में काफी वृद्धि हुई है।
- कुल रक्षा निर्यात का मूल्य वर्ष 2014-15 के 1,941 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 9,116 करोड़ रुपए हो गया। इसके अलावा पहली बार भारत रक्षा उपकरण निर्यातक देशों की सूची में शामिल हुआ क्योंकि इसका रक्षा निर्यात 84 से अधिक देशों में विस्तारित हुआ है।
रक्षा अधिग्रहण
- जुलाई 2020 में पहले पाँच राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुँचे तथा इसके बाद कई और आए जिन्होंने भारतीय वायु सेना के शस्त्रागार की मारक क्षमता में बढ़ोतरी की।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास में सुधार
- युवाओं द्वारा नवाचार को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2020 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) की पाँच युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं को शुरू किया गया।
- DRDO ने डिज़ाइन एवं विकास में निजी क्षेत्र के साथ हाथ मिलाया है और उद्योग के लिये डिज़ाइन, विकास तथा निर्माण हेतु 108 प्रणालियों/उपप्रणालियों की पहचान की है।
डिजिटल रूपांतरण
- महानिदेशालय गुणवत्ता आश्वासन (Directorate General Quality Assurance- DGQA) ने सुरक्षा खतरों से निपटने के लिये मई 2020 में ऑनलाइन प्री-डिलिवरी निरीक्षण की शुरुआत की।
- सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (Armed Forces Tribunal) ने अगस्त 2020 में पहली बार डिजिटल सुनवाई शुरू की।
सीमा पर बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करना
- सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation- BRO) के भीतर प्रक्रियाओं और कार्य प्रवाहों में सुधार से कुछ मामलों में निर्धारित समय से पहले लक्ष्य प्राप्त किया जा सका।
- लेह-मनाली राजमार्ग पर रोहतांग में 10,000 फीट से अधिक ऊँचाई पर विश्व की सबसे लंबी सुरंग ‘अटल सुरंग’ का उद्घाटन किया गया।
सशस्त्र बलों में स्त्री शक्ति
- भारतीय सेना के दस शाखाओं में शॉर्ट सर्विस कमीशन (Short Service Commission- SSC) महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान कर दिया गया, जबकि भारतीय नौसेना में पहली बार महिला पायलटों की शुरुआत की गई।
- शैक्षणिक सत्र 2020-21 से सभी सैनिक स्कूल छात्राओं के लिये खोल दिये गए।
राष्ट्रीय कैडेट कॉर्प्स (NCC) में सुधार
- सुदूर इलाकों तक राष्ट्रीय कैडेट कॉर्प्स (National Cadet Corps) का विस्तार एक प्रमुख घोषणा थी।
- मई 2020 से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (Central Armed Police Forces) में रोज़गार में NCC कैडेटों को वरीयता देने का निर्णय लिया गया।
कोविड-19 के दौरान नागरिक प्रशासन को सहायता
- रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिये संसाधन जुटाए हैं।
- DRDO ने राज्यों में कोविड रोगियों के इलाज के लिये कई अस्पतालों की स्थापना की है, निजी क्षेत्र को बड़े पैमाने पर वेंटिलेटर, ऑक्सीजन संयंत्र, दवाएँ, परीक्षण किट और पीपीई किट के निर्माण के लिये प्रौद्योगिकी संबंधी अनुभव प्रदान किया है।
सीमाओं से परे मदद
- सशस्त्र बलों ने संकट में पड़ने वाले देशों को मदद का हाथ बढ़ाया। भारतीय नौसेना ने 2020-21 के दौरान आठ राहत मिशन शुरू किये।
- वंदे भारत मिशन (Vande Bharat Mission) के तहत ईरान, श्रीलंका और मालदीव से फंसे भारतीयों को निकालने के अलावा भारतीय नौसेना के जहाज़ों ने पाँच देशों को दवाओं और डॉक्टरों सहित सहित 19 चिकित्सा राहत प्रदान की।
- INS ऐरावत ने प्राकृतिक आपदाओं से सूडान, जिबूती और इरिट्रिया को 270 मीट्रिक टन भोजन संबंधी सहायता प्रदान की।
- भारतीय तटरक्षक (Indian Coast Guard- ICG) ने श्रीलंका के तट को बड़े तेल रिसाव से बचाने के लिये बचाव अभियान का नेतृत्व किया।