आंतरिक सुरक्षा
भारत के हथियार आयात में गिरावट: SIPRI
- 17 Mar 2021
- 6 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वैश्विक संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (Stockholm International Peace Research Institute-SIPRI) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत के हथियार आयात में वर्ष 2011-2015 और वर्ष 2016-2020 के बीच एक-तिहाई (लगभग 33%) की कमी आई है।
प्रमुख बिंदु
भारत विशिष्ट जानकारी
- दूसरा सबसे बड़ा आयातक:
- भारत विश्व में हथियारों का सऊदी अरब के बाद दूसरा सबसे बड़ा आयातक है।
- भारत को हथियार आपूर्तिकर्त्ता:
- रूस दोनों अवधि (वर्ष 2011-2015 और वर्ष 2016-2020) में भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्त्ता देश है। हालाँकि भारत को हथियारों के आयात में रूस की हिस्सेदारी 70% से गिरकर 49% हो गई है।
- वर्ष 2016-20 के दौरान भारत को सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्त्ता के रूप में फ्राँस और इज़राइल क्रमशः दूसरे तथा तीसरे स्थान पर थे। भारत के हथियार आयात में फ्राँस और इज़राइल की हिस्सेदारी में क्रमशः 709% तथा 82% की वृद्धि हुई है।
- भारत को हथियारों की आपूर्ति में अमेरिका वर्ष 2016-20 की अवधि में चौथे स्थान पर था, जबकि वर्ष 2011-15 की अवधि में दूसरे स्थान पर था।
- भारत का निर्यात:
- वर्ष 2016-20 के दौरान वैश्विक हथियारों के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 0.2% थी, जिससे यह विश्व में 24वाँ सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बन गया।
- यह वर्ष 2011-15 की अवधि की तुलना में निर्यात में 200% से अधिक की वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है।
- इस दौरान भारत के सैन्य उपकरणों के शीर्ष प्राप्तकर्त्ता म्याँमार, श्रीलंका और मॉरीशस थे।
- भविष्य के रुझान:
- पाकिस्तान-चीन से बढ़ते खतरों और घरेलू रक्षा विनिर्माण में देरी के कारण आने वाले वर्षों में भारत के हथियारों के आयात में वृद्धि होने की उम्मीद है।
आयात में गिरावट के कारण:
- भारत का आत्मनिर्भरता पर ज़ोर: इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस गिरावट का कारण रक्षा विनिर्माण में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास है।
- इसके अतिरिक्त सशस्त्र बलों के लिये पूंजीगत व्यय का 60% से अधिक का आवंटन घरेलू रूप से उत्पादित हथियारों और प्लेटफॉर्मों हेतु किया गया है।
- इससे पहले सरकार ने 101 रक्षा उपकरणों की एक नकारात्मक आयात सूची की घोषणा की थी और प्लेटफॉर्म इस नकारात्मक सूची में शामिल वस्तुओं के निर्माण का अवसर प्रदान करेगा।
- जटिल खरीद प्रक्रिया: भारतीय हथियारों के आयात में गिरावट मुख्य रूप से इसकी जटिल खरीद प्रक्रियाओं के कारण आई है, जो रूसी हथियारों पर निर्भरता को कम करने के प्रयास से जुड़ा है।
अंतर्राष्ट्रीय स्थानांतरण:
- वर्ष 2016-2020 की अवधि में शीर्ष पाँच वैश्विक हथियार निर्यातक देश अमेरिका, रूस, फ्राँस, जर्मनी और चीन थे।
- प्रमुख हथियारों का अंतर्राष्ट्रीय हस्तांतरण वर्ष 2011-15 और वर्ष 2016-20 के बीच समान स्तर पर रहा।
- इस अवधि के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्राँस और जर्मनी के हथियार निर्यात में पर्याप्त वृद्धि हुई थी, जबकि रूस तथा चीन के हथियारों के निर्यात में गिरावट आई।
- रूसी निर्यात में भारत को होने वाले आयात में कमी के कारण गिरावट आई।
- भले ही रूस ने वर्ष 2011-15 और वर्ष 2016-20 के बीच चीन, अल्जीरिया तथा मिस्र को अपने हथियारों की आपूर्ति को बढ़ा दिया हो लेकिन इससे रूस से भारत को होने वाले हथियारों की आपूर्ति में गिरावट नहीं आई।
- इस अवधि के दौरान मध्य-पूर्व के देशों को (विशेष रूप से सऊदी अरब) हथियारों के आयात में वृद्धि हुई।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है जो युद्ध, आयुध, हथियार नियंत्रण व नि:शस्त्रीकरण में अनुसंधान के लिये समर्पित है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1966 में स्टॉकहोम (स्वीडन) में हुई थी।
- यह नीति निर्माताओं, शोधकर्त्ताओं, मीडिया एवं जागरूक नागरिकों को पारदर्शी स्रोतों के आधार पर डेटा, डेटा विश्लेषण एवं सिफारिशें प्रदान करता है।