आंतरिक सुरक्षा
विशिष्ट रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध
- 10 Aug 2020
- 9 min read
प्रिलिम्स के लियेआत्मनिर्भर भारत अभियान, रक्षा खरीद प्रक्रिया, आयुध निर्माणी बोर्ड मेन्स के लियेभारतीय रक्षा क्षेत्र: चुनौती और संभावनाएँ, रक्षा क्षेत्र संबंधी FDI नीति |
चर्चा में क्यों?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 101 वस्तुओं की सूची की घोषणा की है, जिनके आयात पर रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रतिबंध लगाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- रक्षा मंत्रालय के हालिया निर्णय का अर्थ है कि सशस्त्र बल, नौसेना और वायु सेना के लिये इन 101 वस्तुओं की खरीद केवल घरेलू विनिर्माताओं के माध्यम से ही की जाएगी।
- घोषित नियमों के अनुसार, यह घरेलू निर्माता, निजी क्षेत्र से भी हो सकता है और रक्षा क्षेत्र का कोई सार्वजनिक उपक्रम भी हो सकता है।
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आने वाले समय में इस सूची में कुछ अन्य वस्तुओं को भी शामिल किया जा सकता है।
- इसके अलावा देश में रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिये चालू वित्त वर्ष में घरेलू पूंजीगत खरीद हेतु 52,000 करोड़ रुपए का एक अलग बजट प्रावधान किया गया है।
सूची में शामिल वस्तुएँ
- रक्षा मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी की गई सूची में रक्षा क्षेत्र से संबंधित सामान्य वस्तुओं से लेकर उन्नत तकनीक संबंधी वस्तुओं को शामिल किया गया है।
- इस सूची में पॉल्यूशन कंट्रोल वेसल्स, लाइट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, रडार, असॉल्ट राइफलें, सोनार सिस्टम, आर्टिलरी गन्स आदि शामिल हैं।
- गौरतलब है कि रक्षा आयात संबंधी सरकार के उक्त प्रतिबंध चरणबद्ध तरीके से लागू किये जाएंगे, सरकार द्वारा घोषित 101 वस्तुओं की सूची में कुल 69 वस्तुओं के आयात पर इसी वर्ष दिसंबर माह से प्रतिबंध लगाया जाएगा। अगले चरण में 11 वस्तुओं के आयात पर वर्ष 2021 के अंत तक प्रतिबंध लागू किया जाएगा।
- वहीं सूची में शामिल 12 वस्तुओं पर वर्ष 2023 के अंत में और 8 वस्तुओं पर वर्ष 2024 में प्रतिबंध लागू होंगे।
- इसके अंतिम चरण में लॉन्ग रेंज - लैंड अटैक क्रूज मिसाइल शामिल है, जिसके आयात पर वर्ष 2025 के अंत में प्रतिबंध लागू किये जाएंगे।
आवश्यकता
- बीते कई वर्षों से भारत विश्व के शीर्ष तीन रक्षा आयातकों में से एक रहा है, इसी तथ्य के मद्देनज़र अब सरकार रक्षा क्षेत्र में आयातित वस्तुओं पर निर्भरता को कम करना चाहती है और घरेलू रक्षा विनिर्माण उद्योग को एक नई ऊर्जा प्रदान करना चाहती है।
- विश्व स्तर पर रक्षा निर्यात और आयात को ट्रैक करने वाली संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, कुल 16.75 बिलियन डॉलर के आयात के साथ भारत वर्ष 2014 से वर्ष 2019 के बीच विश्व का दूसरा सबसे बड़ा रक्षा उपकरण आयातक देश था।
- ध्यातव्य है कि सूची में शामिल उत्पादों की तकरीबन 260 योजनाओं के लिये अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच तीनों सेनाओं ने लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए का अनुबंध किया था।
महत्त्व
- मुख्य रक्षा उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाकर सरकार ने घरेलू रक्षा उद्यमों को आगे बढ़ाने और तीनों सेनाओं की रक्षा संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने का एक महत्त्वपूर्ण अवसर दिया है।
- ध्यातव्य है कि रक्षा मंत्रालय ने रक्षा क्षेत्र के निजी विनिर्माताओं और रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों को अपने स्वयं के डिज़ाइन और विकास क्षमताओं का उपयोग करके मंत्रालय द्वारा घोषित सूची में शामिल वस्तुओं के निर्माण का एक महत्त्वपूर्ण अवसर दिया है।
- इस संबंध में घोषणा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अब रक्षा मंत्रालय प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान और रक्षा उत्पादन के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिये पूरी तरह से तैयार है।
- सरकार को उम्मीद है कि भारत का रक्षा विनिर्माण क्षेत्र केवल घरेलू बाज़ार की आवश्यकताओं को पूरा करके ही नहीं, बल्कि रक्षा क्षेत्र में एक निर्यातक बनकर भी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
- सरकार को उम्मीद है कि आगामी 6 से 7 वर्ष के भीतर घरेलू उद्योग के साथ सूची में शामिल वस्तुओं को लेकर लगभग 4 लाख करोड़ रुपए के अनुबंध किये जाएंगे।
थल सेना, नौसेना और वायु सेना से विमर्श
- सरकार ने घोषणा की है कि प्रतिबंध वस्तुओं की सूची की घोषणा उन सभी संबंधित हितधारकों (जिसमें तीन सेवाएँ भी शामिल हैं) से विचार-विमर्श करने के बाद ही की गई है, जो सूची में शामिल उपकरणों, हथियारों और प्लेटफार्मों का उपयोग करते हैं।
- 101 वस्तुओं की सूची की घोषणा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने उपकरणों की इस सूची से संबंधित निर्णय के लिये भारतीय घरेलू उद्योग की वर्तमान और भविष्य की क्षमता का आकलन करते हुए सशस्त्र बल और निजी तथा सार्वजनिक विनिर्माताओं समेत सभी हितधारकों के साथ कई दौर की परामर्श प्रक्रिया के बाद सूची तैयार की है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान और रक्षा क्षेत्र
- आत्मनिर्भर भारत अभियान संबंधी राहत पैकेज की घोषणा करते हुए मई माह में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा क्षेत्र से संबंधित इस प्रकार की सूची बनाने के संकेत दिये थे।
- वित्त मंत्री ने उल्लेख किया था कि सरकार एक निश्चित समय सीमा में आयात पर प्रतिबंध के लिये हथियारों और उपकरणों की एक सूची अधिसूचित करेगी और आयातित उपकरणों के स्वदेशीकरण पर ज़ोर देगी।
- निर्मला सीतारमण के अनुसार, सरकार ‘रक्षा उपकरणों की घरेलू खरीद के लिये अलग बजट प्रावधान बनाएगी, जिसमें विशाल रक्षा आयात बिल को कम करने में मदद मिलेगी।
- वित्त मंत्री द्वारा रक्षा क्षेत्र को लेकर आत्मनिर्भर भारत अभियान संबंधी राहत पैकेज के तहत की गई अन्य घोषणाओं में स्वत: रूट (Automatic Route) के तहत रक्षा विनिर्माण में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना, आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण के माध्यम से उसकी स्वायत्तता और जवाबदेही में सुधार करना और समयबद्ध रक्षा खरीद प्रक्रिया और तेज़ी से निर्णय लेने संबंधी प्रक्रिया का निर्माण आदि शामिल था।