NBWL और वन्यजीव संरक्षण | 04 Mar 2025

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL), गिर राष्ट्रीय उद्यान, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, घड़ियाल, भू-स्थानिक प्रतिचित्रण, प्रोजेक्ट चीता, गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य, बन्नी घास स्थल, प्रोजेक्ट लायन, मालधारी समुदाय, वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) 

मेन्स के लिये:

वन्यजीव संरक्षण में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की हालिया पहलें और भूमिका

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री ने विश्व वन्यजीव दिवस (3 मार्च) के अवसर पर गिर राष्ट्रीय उद्यान (जूनागढ़, गुजरात) में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की 7वीं बैठक की अध्यक्षता की और वन्यजीव संरक्षण के लिये कई पहलों की घोषणा की।

विश्व वन्यजीव दिवस क्या है?

  • परिचय: यह दिवस प्रतिवर्ष 3 मार्च को मनाया जाता है (CITES द्वारा वर्ष 1973 में अंगीकृत) जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, जैवविविधता ह्रास और प्रदूषण जैसे तीन ग्रहीय संकट के दौरान जैवविविधता की रक्षा की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालना है।
  • उद्गम: इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा दिसंबर वर्ष 2013 में की गई थी।
  • वर्ष 2025 थीम: वाइल्डलाइफ कंज़रवेशन फाइनेंस: इन्वेस्टिंग इन पीपल एंड प्लेनेट।
    • यह संधारणीय भविष्य सुनिश्चित करने के लिये वन्यजीव संरक्षण में वित्तीय निवेश के महत्त्व पर बल देता है।

NBWL की 7वीं बैठक की प्रमुख घोषणाएँ कौन सी हैं?

  • नई पहल:
    • ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का संरक्षण: गंभीर रूप से संकटग्रस्त इस प्रजाति की घटती जनसंख्या के समाधान हेतु राष्ट्रीय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड संरक्षण योजना की घोषणा की गई।
    • घड़ियाल संरक्षण: घड़ियालों की घटती जनसंख्या के समाधान हेतु एक नवीन घड़ियाल संरक्षण पहल शुरू की गई।
    • मानव-वन्यजीव संघर्ष केंद्र: मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन हेतु उत्कृष्टता केंद्र की घोषणा की गई और यह भारतीय वन्यजीव संस्थान के कोयंबटूर परिसर में स्थित होगा।
      • यह त्वरित प्रतिक्रिया टीमों को उन्नत ट्रैकिंग एवं निगरानी से लैस करने के साथ संघर्ष क्षेत्रों में पहचान प्रणालियाँ तैनात करने तथा क्षेत्रीय कर्मचारियों और समुदायों को न्यूनीकरण के संबंध में प्रशिक्षित करने पर केंद्रित है।
      • प्रधानमंत्री ने वनाग्नि और मानव-पशु संघर्ष के समाधान हेतु AI, ML, रिमोट सेंसिंग तथा भू-स्थानिक मानचित्रण के उपयोग पर बल दिया है।
      • WII और भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N) द्वारा मानव-वन्यजीव संघर्ष से निपटने में सहयोग किया जाएगा। 
    • राष्ट्रीय वन्यजीव रेफरल केंद्र: प्रधानमंत्री ने जूनागढ़ में राष्ट्रीय वन्यजीव रेफरल केंद्र की आधारशिला रखी , जो वन्यजीव स्वास्थ्य एवं रोग प्रबंधन का केंद्र होगा।
    • नवीन कार्यबल: भारतीय भालू , घड़ियाल और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के संरक्षण हेतु नवीन कार्य बलों का गठन किया गया।
  • प्रोजेक्ट चीता का विस्तार: सरकार ने प्रोजेक्ट चीता को गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य (मध्य प्रदेश) और बन्नी घास के मैदानों (गुजरात) तक विस्तारित करने की घोषणा की है।
  • प्रोजेक्ट लायन को मज़बूत करना: सरकार ने गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में एशियाई शेरों के क्षेत्र का विस्तार करने के क्रम में प्रोजेक्ट लायन को 10 वर्षों के लिए बढ़ा दिया है।
    • 16वाँ एशियाई शेर संख्या आकलन, मई 2025 में होगा। यह प्रत्येक पाँच वर्ष में आयोजित किया जाता है (आखिरी बार वर्ष 2020 में किया गया था)। 
  • नदी डॉल्फिन आकलन: भारत की पहली नदी डॉल्फिन आकलन रिपोर्ट में गंगा, ब्रह्मपुत्र तथा सिंधु नदी घाटियों में 6,327 डॉल्फिन की पुष्टि की गई। 
  • वन्यजीव संरक्षण में पारंपरिक ज्ञान: प्रधानमंत्री ने NBWL और पर्यावरण मंत्रालय से अनुसंधान और विकास के लिये वनों और वन्यजीवों के संरक्षण और प्रबंधन के संबंध में भारत के विभिन्न क्षेत्रों के पारंपरिक ज्ञान और पांडुलिपियों को एकत्र करने का आग्रह किया।
  • सामुदायिक भागीदारी: उन्होंने वन्यजीव संरक्षण, वन अग्नि प्रबंधन और सतत् सह-अस्तित्व में  सामुदायिक भागीदारी पर ज़ोर दिया।

NBWL क्या है?

  • NBWL: NBWL वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (WPA, 1972) के तहत गठित वन्यजीव संरक्षण और विकास पर एक सर्वोच्च वैधानिक निकाय है
  • संरचना: NBWL एक 47 सदस्यीय समिति है, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं, जो इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं, जबकि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री इसके उपाध्यक्ष हैं।
  • इसके सदस्यों में शामिल हैं:
    • वन्यजीव संरक्षण में शामिल अधिकारी
    • थल सेनाध्यक्ष, रक्षा सचिव और व्यय सचिव।
    • केंद्र सरकार द्वारा नामित दस प्रख्यात संरक्षणवादी, पारिस्थितिकीविद् और पर्यावरणविद्।
  • कार्य: इसका उद्देश्य वन्यजीव और वन के संरक्षण और विकास को बढ़ावा देना है।
  • बाघ अभयारण्यों में कार्य: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के मार्गदर्शन से किसी भी बाघ अभयारण्य को बिना अनुमति के असंवहनीय उपयोग के लिये हस्तांतरित नहीं किया जाएगा।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न.भारत के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) के महत्त्व पर चर्चा कीजिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित संरक्षित क्षेत्रों पर विचार कीजिये: (2012)

  1. बांदीपुर 
  2. मानस 
  3. भितरकनिका
  4. सुंदरबन

उपर्युक्त में से किसे टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया है?

 (a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (b)


मेन्स: 

प्रश्न. भारत में जैवविविधता किस प्रकार अलग-अलग पाई जाती है? वनस्पतिजात और प्राणीजात के संरक्षण में जैवविविधता अधिनियम, 2002 किस प्रकार सहायक है? (2018)