स्वतंत्रता दिवस पर पाएँ सभी ऑनलाइन, पेनड्राइव कोर्सेज़, डीएलपी और टेस्ट सीरीज़ पर 40% की छूट। 15-18 अगस्त । डिस्काउंट का लाभ उठाने के लिये यह फॉर्म ज़रूर भरें। कॉलबैक फॉर्म:
अभी रजिस्टर करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


आपदा प्रबंधन

बहुआयामी भेद्यता सूचकांक (MVI)

  • 22 Aug 2024
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

बहुआयामी भेद्यता सूचकांक (MVI), छोटे द्वीप विकासशील राज्य (SIDS), प्रति व्यक्ति GDP, राष्ट्रीय आय, संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान (IFI), ऋण, MVI सचिवालय, MVI सलाहकार समीक्षा पैनल।

मेन्स के लिये:

जलवायु परिवर्तन से प्रेरित आपदाओं के प्रति अधिक लचीला बनाने के लिये जलवायु वित्तपोषण का महत्त्व।

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने छोटे द्वीप विकासशील राज्य (SIDS) को कम ब्याज दर पर वित्तपोषण प्राप्त करने में सहायता प्रदान करने के लिये बहुआयामी भेद्यता सूचकांक (MVI) लॉन्च किया।

  • वर्ष 1990 के दशक से SIDS जो अपेक्षाकृत प्रति व्यक्ति  उच्च GDP के कारण कम ब्याज दर वाले विकास ऋण के लिये अर्हता प्राप्त नहीं करते हैं, ऐसे मानदंड की मांग कर रहे हैं जो जलवायु परिवर्तन जैसे बाह्य झटकों/कारकों के प्रति उनकी भेद्यता को ध्यान में रखते हों।

बहुआयामी भेद्यता सूचकांक (MVI) क्या है?

  • परिचय: MVI राष्ट्रीय स्तर पर सतत् विकास के कई आयामों में संरचनात्मक भेद्यता और संरचनात्मक अनुकूलता की कमी का आकलन करने के लिये एक नया अंतर्राष्ट्रीय मात्रात्मक बेंचमार्क है। 
  • MVI की आवश्यकता:
    • वर्तमान सीमाएँ: राष्ट्रीय आय, जिसका निर्धारण आमतौर पर प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय द्वारा किया जाता है, विकास और कल्याण का एक अपर्याप्त संकेतक है, विशेषकर उन देशों के लिये जो बाह्य कारकों के उच्च जोखिम का सामना कर रहे हैं।
    • रियायती वित्तपोषण तक पहुँच: देश प्रायः रियायती सहायता जैसे किफायती विकास समर्थन तक पहुँचने के लिये संघर्ष करते हैं, क्योंकि उनकी पात्रता भेद्यता के बजाय आय सीमा पर आधारित होती है।
    • समावेशी सहायता आवंटन: एक व्यापक रूप से स्वीकृत MVI विकास नीतियों, सहायता आवंटन को बेहतर ढंग से निर्देशित कर सकता है और अंतर्राष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता वाले देशों की प्रारंभिक पहचान प्रदान कर सकता है।
  • MVI की संरचना: इसमें दो मुख्य घटक शामिल हैं।
    • सार्वभौमिक स्तर पर मात्रात्मक मूल्यांकन: एक सारांश सूचकांक एक सामान्य पद्धति का उपयोग करके देशों को उनकी संरचनात्मक भेद्यता और लचीलेपन के आधार पर रैंक करता है। इसे समग्र MVI स्कोर के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
    • भेद्यता-लचीलापन देश प्रोफाइल (VRCP): यह किसी देश की भेद्यता और लचीलापन कारकों का अधिक विस्तृत, अनुरूपित और वैयक्तिकृत लक्षण-वर्णन है।

  • MVI सूचकांक निर्माण को निर्देशित करने वाले प्रमुख सिद्धांत: यह MVI के निर्माण में कई मार्गदर्शक सिद्धांतों का पालन करता है।
    • बहुआयामी: प्रयुक्त संकेतकों में सतत् विकास के सभी तीन आयाम अर्थात् आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक शामिल होने चाहिये
    • सार्वभौमिकता: सूचकांक के डिज़ाइन में सभी विकासशील देशों की कमज़ोरियों को ध्यान में रखा जाना चाहिये ताकि विश्वसनीयता और तुलनात्मकता सुनिश्चित हो सके।
    • बाह्यता: सूचकांक को नीति-प्रेरित और बहिर्जात (या विरासत में मिले) कारकों के बीच स्पष्ट रूप से अंतर करना चाहिये, ताकि देशों द्वारा सामना की जाने वाली संरचनात्मक और अंतर्निहित चुनौतियों को प्रतिबिंबित किया जा सके, जो उनकी सरकारों की राजनीतिक इच्छा से स्वतंत्र हो।
    • उपलब्धता: सूचकांक में उपलब्ध, मान्यता प्राप्त, तुलनीय और विश्वसनीय डेटा का उपयोग किया जाना चाहिये।
    • पठनीयता: सूचकांक का डिज़ाइन स्पष्ट और आसानी से समझने योग्य होना चाहिये।
  • MVI के लिये संकल्पनात्मक रूपरेखा: MVI दो मुख्य स्तंभों पर आधारित है।
    • संरचनात्मक भेद्यता: यह किसी देश के प्रतिकूल बाहरी झटकों और तनावों के प्रति जोखिम से जुड़ी है।
    • संरचनात्मक लचीलापन: किसी देश की ऐसे झटकों को झेलने और उनसे उबरने की क्षमता।
    • संकल्पनात्मक रूपरेखा सतत् विकास के तीन आयामों अर्थात आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक को विस्तृत रूप से बताती है, क्योंकि वे प्रत्येक स्तंभ पर लागू होते हैं:
      • आर्थिक भेद्यता: प्रतिकूल बाहरी आर्थिक झटकों से जोखिम।
      • पर्यावरणीय भेद्यता: प्राकृतिक खतरों, जलवायु परिवर्तन और मानवजनित झटकों से जोखिम।
      • सामाजिक भेद्यता: सामाजिक झटकों से जोखिम।
      • संरचनात्मक आर्थिक लचीलापन: अंतर्निहित आर्थिक क्षमताएँ और पूंजी, जो किसी देश की उबरने की क्षमता को मज़बूत बनाती हैं।
      • संरचनात्मक पर्यावरणीय लचीलापन: पारिस्थितिक संसाधनों और बुनियादी ढाँचे सहित अंतर्निहित पर्यावरणीय पूंजी, जो भेद्यता को कम करती है।
      • संरचनात्मक सामाजिक लचीलापन: सामाजिक सामंजस्य और मानव पूंजी सहित अंतर्निहित सामाजिक क्षमताएँ, जो अनुकूलन क्षमता को बढ़ाती हैं।

  • संकेतक चयन और सूचकांक निर्माण: MVI पैनल ने उपलब्ध संयुक्त राष्ट्र डेटा का उपयोग करके उच्चतम गुणवत्ता वाले संकेतकों को चुना। उन्होंने इन संकेतकों को पुनर्मापन, एकत्रीकरण और भार के माध्यम से एकल भेद्यता मीट्रिक में संयोजित किया।
    •  MVI पैनल द्वारा मुख्य अवलोकन: 
      • सहसंबंध: उच्च संरचनात्मक भेद्यता वाले देशों में कम संरचनात्मक लचीलापन होता है। 
      • आय स्वतंत्रता: MVI स्कोर आय के साथ सहसंबंधित नहीं हैं, जो इसे GNI के लिये एक मूल्यवान पूरक बनाता है। 
      • छोटे द्वीप विकासशील राज्य (SIDS): एमवीआई छोटे देशों के साथ भेदभाव नहीं करता है, SIDS का 70% स्कोर औसत से ऊपर है।
      • रैंकिंग और सीमा: अधिकांश देश मध्यम रूप से कमज़ोर हैं। परिणामस्वरूप  विकास सहायता आवंटित करने के लिये आमतौर पर उपयोग की जाने वाली आय कटऑफ के समान भेद्यता सीमा या कटऑफ स्थापित करना मुश्किल है।
  • MVI का अनुशंसित उपयोग:
    • दानदाताओं द्वारा समावेशन: अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं (IFI) सहित दानदाताओं को यह जाँच लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिये  कि MVI को मौजूदा नीतियों और प्रथाओं में कैसे शामिल किया जा सकता है, ताकि यथासंभव अधिकतम सीमा तक साझा दृष्टिकोण अपनाया जा सके।
    • ऋण मूल्यांकन: वर्तमान आय-आधारित आकलन के अतिरिक्त, MVI का उपयोग किसी देश के बाह्य ऋण स्थायित्व और रियायती ऋण पुनर्गठन की आवश्यकता का आकलन करने के लिये किया जा सकता है।

निष्कर्ष

बहुआयामी भेद्यता सूचकांक कमज़ोर देशों के सामने आने वाली जटिल चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। भेद्यता और लचीलेपन का एक व्यापक, बहुआयामी मूल्यांकन प्रदान करके, MVI में वैश्विक विकास नीतियों को नया रूप देने और यह सुनिश्चित करने की क्षमता है कि सहायता वहाँ निर्देशित की जाए जहाँ इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न: जलवायु परिवर्तन से प्रेरित आपदाओं का वित्तपोषण निम्न आय वाले देशों (LICs) और छोटे द्वीप विकासशील राज्यों (SIDS) के लिये अनिवार्य हो गया है। इस संदर्भ में चर्चा कीजिये कि हाल ही में लॉन्च किया गया बहुआयामी भेद्यता सूचकांक LICs और SIDS की किस तरह सहायता कर सकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

मेन्स:

प्रश्न. भारत में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डी० आर० आर०) के लिये 'सेंडाई आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रारूप (2015-2030)' हस्ताक्षरित करने से पूर्व एवं उसके पश्चात् किये गए विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिये। यह प्रारूप 'हगेगो कार्रवाई प्रारूप, 2005' से किस प्रकार भिन्न है? (2018)

प्रश्न. विपदा-पूर्व प्रबंधन के लिये संवेदनशीलता व जोखिम निर्धारण कितना महत्त्वपूर्ण है? प्रशासक के रूप में आप विपदा प्रबंधन प्रणाली में किन मुख्य बिन्दुओं पर ध्यान देंगे? (2013)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2