जैव विविधता और पर्यावरण
मीथेन अलर्ट एंड रिस्पांस सिस्टम
- 14 Nov 2022
- 14 min read
प्रिलिम्स के लिये:मीथेन अलर्ट एंड रिस्पांस सिस्टम, COP, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन, मीथेन गैस, संबंधित पहलें मेन्स के लिये:मीथेन उत्सर्जन, मीथेन गैस में कटौती के लिये वैश्विक और राष्ट्रीय पहल |
चर्चा में क्यों:
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (UN) ने मीथेन उत्सर्जन पर नज़र रखने और सरकारों एवं निगमों को प्रतिक्रिया देने हेतु सतर्क करने के लिये एक उपग्रह-आधारित निगरानी प्रणाली "MARS: मीथेन अलर्ट एंड रिस्पांस सिस्टम" स्थापित करने का निर्णय लिया है।
- MARS पहल का उद्देश्य मीथेन उत्सर्जन में कटौती के प्रयासों को सुदृढ़ करना है।
मीथेन अलर्ट एंड रिस्पांस सिस्टम (MARS):
- परिचय:
- MARS को मिस्र के शर्म अल-शेख में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के पक्षकारों के 27वें सम्मेलन (COP27) में लॉन्च किया गया था।
- डेटा-टू-एक्शन प्लेटफ़ॉर्म को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के अंतर्राष्ट्रीय मीथेन उत्सर्जन वेधशाला (IMEO) रणनीति के हिस्से के रूप में स्थापित किया गया था ताकि नीति-प्रासंगिक डेटा को उत्सर्जन शमन के लिये आवश्यक कदम उठाये जा सके।
- यह प्रणाली सार्वजनिक रूप से उपलब्ध पहली वैश्विक प्रणाली होगी जो मीथेन के डेटा को अधिसूचना प्रक्रियाओं से पारदर्शी रूप से जोड़ेगी।
- उद्देश्य:
- MARS बड़ी मात्रा में मौजूदा और भविष्य के उपग्रहों से डेटा को एकीकृत करेगा, जो दुनिया में कहीं भी मीथेन उत्सर्जन की घटनाओं का पता लगाने की क्षमता रखता है, और संबंधित हितधारकों को इस पर कार्रवाई करने के लिये सूचनाएँ भेजता है।
- MARS मुख्य रूप से जीवाश्म ईंधन उद्योग में बड़े उत्सर्जन स्रोतों का पता लगाएगा, लेकिन रियल टाइम कोयला, अपशिष्ट, पशुधन और चावल के खेतों से भी उत्सर्जन का पता लगाने में सक्षम होगा।
मीथेन उत्सर्जन में कटौती करने की आवश्यकता क्यों?
- मीथेन के विषय में:
- मीथेन एक रंगहीन और गंधहीन गैस है जो प्रकृति में बहुतायत में और कुछ मानवीय गतिविधियों के उत्पाद के रूप में होती है।
- मीथेन हाइड्रोकार्बन की पैराफिन शृंखला का सबसे सरल सदस्य है और प्रबल ग्रीनहाउस गैसों में में से एक है।
- मीथेन से संबंधित चिंताएँ
- छह मुख्य ग्रीनहाउस गैसों में दूसरी सबसे अधिक प्रचलित गैस होने के बावजूद, मीथेन में कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में ग्रह को गर्म करने की बहुत अधिक क्षमता है।
- वर्तमान वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लगभग 17% के लिये ज़िम्मेदार, मीथेन को पूर्व-औद्योगिक समय से कम से कम 25% - 30% तापमान वृद्धि के लिये उत्तरदायी ठहराया जाता है।
- यह कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में मानव-प्रेरित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का एक छोटा सा हिस्सा है। लेकिन इसके निष्कासन के बाद 20 वर्षों में वायुमंडल में तापमान बढ़ाने की क्षमता कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में 80 गुना अधिक होती है।
- कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में मानव-प्रेरित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का एक छोटा सा हिस्सा है। लेकिन उत्सर्जन के बाद 20 वर्षों में वायुमंडलीय गर्मी को उत्सर्जित करने में कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में 80 गुना अधिक कुशल माना जाता है।
मीथेन उत्सर्जन में कटौती के लिये पहल:
- वैश्विक:
- वैश्विक मीथेन प्रतिज्ञा:
- वर्ष 2021 में ग्लासगो जलवायु सम्मेलन (UNFCCC COP 26) में, लगभग 100 देश एक स्वैच्छिक प्रतिज्ञा में एक साथ आए थे, जिसे ग्लोबल मीथेन के रूप में जाना जाता है, वर्ष 2020 के स्तर से 2030 तक मीथेन उत्सर्जन में कम से कम 30% की कटौती करने के लिये आयोजित किया गया। तब से इस पहल में अधिक देश शामिल हुए हैं, जिससे कुल संख्या लगभग 130 हो गई है।
- वर्ष 2030 तक मीथेन उत्सर्जन में 30% की कमी के परिणामस्वरूप वर्ष 2050 तक तापमान में 0.2 डिग्री की वृद्धि से बचने की उम्मीद है, और तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस लक्ष्य से नीचे रखने के वैश्विक प्रयासों में बिल्कुल आवश्यक माना जाता है।
- ग्लोबल मीथेन पहल (GMI):
- यह एक अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक-निजी भागीदारी है जो स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में मीथेन की वसूली और उपयोग के लिए बाधाओं को कम करने पर केंद्रित है।
- GMI दुनिया भर में मीथेन-टू-एनर्जी परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिये तकनीकी सहायता प्रदान करता है जो भागीदार देशों को मीथेन रिकवरी शुरू करने और परियोजनाओं का उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
- भारत इसमें एक भागीदार देश है।
- वैश्विक मीथेन प्रतिज्ञा:
- राष्ट्रीय:
- 'हरित धारा' (HD):
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने एंटी-मिथेनोजज़ेनिक फीड सप्लीमेंट 'हरित धारा' विकसित किया है, जो मवेशी मीथेन उत्सर्जन को 17-20% तक कम कर सकता है और इसके परिणामस्वरूप उच्च दूध उत्पादन भी हो सकता है।।
- भारत ग्रीनहाउस गैस कार्यक्रम:
- विश्व संसाधन संस्थान (WRI) भारत (गैर-लाभकारी संगठन), भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और ऊर्जा और संसाधन संस्थान (TERI) के नेतृत्व में भारत GHG कार्यक्रम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को मापने और प्रबंधित करने के लिये उद्योग के नेतृत्व वाला स्वैच्छिक ढाँचा है।
- कार्यक्रम उत्सर्जन को कम करने और भारत में अधिक लाभदायक, प्रतिस्पर्द्धी और टिकाऊ व्यवसायों एवं संगठनों को चलाने के लिये व्यापक माप तथा प्रबंधन रणनीतियों का निर्माण करता है।
- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC):
- NAPCC को वर्ष 2008 में लॉन्च किया गया था जिसका उद्देश्य जनता के प्रतिनिधियों, सरकार की विभिन्न एजेंसियों, वैज्ञानिकों, उद्योग और समुदायों के बीच जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरे और इसका मुकाबला करने के लिये जागरूकता पैदा करना है।
- 'हरित धारा' (HD):
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न. ‘मीथेन हाइड्रेट’ के निक्षेपों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-से सही हैं?
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: केवल 1 और 2 उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प (d) सही है। Q. निम्न पर विचार कीजिये : (2019)
उपर्युक्त में से कौन फसल/बायोमास अवशेषों को जलाने के कारण वातावरण में उत्सर्जित होते हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प (d) सही उत्तर है। मेन्स:Q. नवंबर, 2021 में ग्लासगो में विश्व के नेताओं के शिखर सम्मेलन में COP26 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में, आरंभ की गई हरित ग्रिड पहल का प्रयोजन स्पष्ट कीजिये। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में यह विचार पहली बार कब दिया गया था? (2021) Q. संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (UNFCCC) के सी.ओ.पी के 26वें सत्र के प्रमुख परिणामों का वर्णन कीजिये। इस सम्मेलन में भारत द्वारा की गई प्रतिबद्धताएं क्या हैं? (2021) |