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भारतीय अर्थव्यवस्था

निर्यात ऋण गारंटी निगम (ECGC) की सूची

  • 30 Sep 2021
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

इनिशियल पब्लिक ऑफर, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम

मेन्स के लिये:

निर्यात को प्रोत्साहन देने हेतु भारत सरकार की पहलें  

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्यात ऋण गारंटी निगम (Export Credit Guarantee Corporation- ECGC) में पूंजी लगाने और इनिशियल पब्लिक ऑफर (Initial Public Offering) के द्वारा इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने को मंजूरी दी है।

  • सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 से पांँच वर्षों में ECGC में 4,400 करोड़ रुपए की पूंजी लगाई जाएगी।
  • मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (NEIA) योजना को जारी रखने और पांँच वर्षों में 1,650 करोड़ रुपए की सहायता अनुदान को भी मंजूरी दी। 

प्रमुख बिंदु 

  • ECGC के बारे में:
    • स्थापना: ECGC लिमिटेड वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के पूर्ण स्वामित्व में है।
      • वर्ष 1957 के प्रारंभ में भारत सरकार द्वारा निर्यात जोखिम बीमा निगम (Export Risks Insurance Corporation) की स्थापना की थी।
      • वर्ष 1962-64 की अवधि के दौरान बैंकों को बीमा कवर की शुरुआत के 1 वर्ष बाद  इसका नाम परिवर्तित कर एक्सपोर्ट क्रेडिट एंड गारंटी कॉरपोरेशन लिमिटेड (Export Credit & Guarantee Corporation Ltd) कर दिया गया।
      • अगस्त 2014 में इसे बदलकर ECGC लिमिटेड कर दिया गया।
    • उद्देश्य: ECGC की स्थापना वाणिज्यिक और राजनीतिक कारणों से विदेशी खरीदारों द्वारा गैर-भुगतान जोखिमों के खिलाफ निर्यातकों को ऋण बीमा सेवाएंँ प्रदान करके निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी।
    • पूंजी प्रवाह का महत्त्व: यह इसे निर्यात-उन्मुख उद्योगों, विशेष रूप से श्रम-केंद्रित क्षेत्रों (Labour-Intensive Sectors) में अपने कवरेज का विस्तार करने में मदद करेगा।
      • निर्यात ऋण बीमा बाजार में लगभग 85% बाजार हिस्सेदारी के साथ ECGC भारत में एक मार्केट लीडर है जो वित्त वर्ष 2021 में  6.02 लाख रुपए या 28% व्यापार निर्यात में सहायता प्रदान करता है।
      • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम Micro, Small and Medium Enterprises (MSMEs) ECGC के ग्राहक बाज़ार में 97% हिस्सेदारी साझा करते हैं।
      •  ECGC को शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है ताकि वह और फंड जुटाया जा सके।
  • राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (NEIA) योजना:
    • NEIA ट्रस्ट की स्थापना वर्ष 2006 में रणनीतिक और राष्ट्रीय महत्त्व के दृष्टिकोण से  भारत से परियोजना निर्यात को बढ़ावा देने के लिये की गई थी।
    • राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (NEIA),  ECGC द्वारा मध्यम और दीर्घकालिक (एमएलटी)/परियोजना को (आंशिक/पूर्ण) सहायता देकर निर्यात को बढ़ावा देता है।
    • एक्ज़िम बैंक ने अप्रैल 2011 में ECGC लिमिटेड के साथ मिलकर NEIA योजना के तहत एक नई पहल की शुरुआत की अर्थात् बायर्स क्रेडिट, जिसके तहत बैंक भारत से परियोजना निर्यात हेतु वित्त और अन्य सुविधाएँ प्रदान करता है।

हाल ही में निर्यात संबंधी पहल

  • विदेश व्यापार नीति (2015-20): इसका उद्देश्य वर्ष 2019-20 तक विदेशी बिक्री को दोगुना कर 900 बिलियन डॉलर करना और "मेक इन इंडिया" एवं "डिजिटल इंडिया कार्यक्रम" के साथ विदेशी व्यापार को एकीकृत करते हुए भारत को वैश्विक बनाना था।
  • निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट (RoDTEP): यह करों/शुल्कों/लेवी की प्रतिपूर्ति के लिये एक विश्व व्यापार संगठन संगत तंत्र है, जो वर्तमान में केंद्र, राज्य और स्थानीय स्तर पर किसी अन्य तंत्र के तहत रिफंड नहीं किया जा रहा है।
  • ROSCTL योजना: ROSCTL योजना के माध्यम से केंद्रीय/राज्य करों की छूट से कपड़ा क्षेत्र को समर्थन दिया जाता है इसे अब मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है।
  • सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिज़िन: निर्यातकों द्वारा व्यापार को सुविधाजनक बनाने और FTA (मुक्त व्यापार समझौता) के उपयोग को बढ़ाने के लिये सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिज़िन हेतु सामान्य डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू किया गया है।
  • कृषि निर्यात नीति: कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों से संबंधित कृषि निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिये एक व्यापक नीति लागू की जा रही है।
  • निर्विक योजना: भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम (Export Credit Guarantee Corporation of India- ECGC) ने ऋण की उपलब्धता बढ़ाने और ऋण देने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिये निर्यात ऋण बीमा योजना (Export Credit Insurance Scheme- ECIS) की शुरुआत की है जिसे निर्विक (निर्यात ऋण विकास योजना) कहा जाता है।
  • व्यापार बुनियादी ढाँचे और विपणन को बढ़ावा देने हेतु योजनाएँ हैं- निर्यात योजना के लिये व्यापार अवसंरचना (TIES), बाजार पहुँच पहल (MAI) और परिवहन और विपणन सहायता (TMA) योजना।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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