सुरक्षा
INS इंफाल
- 28 Dec 2023
- 6 min read
प्रीलिम्स के लिये:INS इंफाल, भारतीय नौसेना, INS सूरत, ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइल, 15B परियोजना मेन्स के लिये:रक्षा प्रौद्योगिकी, समुद्री सुरक्षा |
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
चर्चा में क्यों?
हाल ही में INS (Indian Naval Ship- भारतीय नौसेना जहाज) इंफाल (पेनांट D68) को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है।
INS इंफाल क्या है?
- परिचय:
- INS इंफाल चार 'प्रोजेक्ट 15 ब्रावो विशाखापत्तनम क्लास' गाइडेड मिसाइल विध्वंसक में से तीसरा है।
- चौथे प्रोजेक्ट का नाम INS सूरत होगा।
- INS इंफाल दुनिया में सबसे तकनीकी रूप से उन्नत निर्देशित मिसाइल विध्वंसक में से एक है।
- इसे 20 अप्रैल, 2019 को लॉन्च किया गया और इसका नाम 'इंफाल' रखा गया।
- INS इंफाल चार 'प्रोजेक्ट 15 ब्रावो विशाखापत्तनम क्लास' गाइडेड मिसाइल विध्वंसक में से तीसरा है।
- विशेषताएँ:
- 7,400 टन के विस्थापन के साथ जहाज़ की लंबाई 163 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर है तथा यह भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है।
- यह संयुक्त गैस और गैस विन्यास में चार शक्तिशाली गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित है तथा 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है।
- यह दुनिया की सबसे तेज़ सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल ब्रह्मोस को लॉन्च करने में सक्षम है।
- यह जहाज़ परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध स्थितियों में लड़ने के लिये भी सुसज्जित है।
- यह अत्याधुनिक हथियारों और सेंसरों से लैस है, जिसमें सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, पनडुब्बी रोधी युद्ध रॉकेट लॉन्चर (ASW) और टॉरपीडो लॉन्चर, ASW हेलीकॉप्टर, रडार, सोनार एवं इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम शामिल हैं।
- महत्त्व:
- जहाज़ "जलमेव यस्य, बलमेव तस्य" के सिद्धांत को पुष्ट करता है, जिसका अर्थ है कि समुद्र को नियंत्रित करने से अपार शक्ति मिलती है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में जहाँ कई शक्तियाँ प्रभाव डालने के लिये प्रतिबद्ध हैं, INS इंफाल स्वयं को एक महत्त्वपूर्ण समुद्री अभिकर्त्ता के रूप में स्थापित करने के भारत के प्रयासों में योगदान देता है।
- हिमालय जैसी भौगोलिक बाधाओं और पड़ोसी देशों की चुनौतियों के कारण भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिये समुद्री मार्गों पर बहुत अधिक निर्भर है।
- INS इंफाल इन महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्गों को सुरक्षित करने, व्यापार जहाज़ो के लिये सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने और इस तरह भारत के आर्थिक हितों की रक्षा करने में सहायता करता है।
15B परियोजना क्या है?
- भारत का स्वदेशी विध्वंसक पोत निर्माण कार्यक्रम वर्ष 1990 के दशक के अंत में तीन दिल्ली श्रेणी (P-15 वर्ग) युद्धपोतों के साथ शुरू हुआ तथा इसके एक दशक बाद तीन कोलकाता श्रेणी (P-15A) विध्वंसक युद्धपोतों को शामिल किया गया।
- वर्तमान में 15A परियोजना में प्राप्त सफलता एवं तकनीकी प्रगति के बाद, P-15B (विशाखापत्तनम श्रेणी) के तहत कुल चार युद्धपोतों (विशाखापत्तनम, मोर्मुगाओ, इम्फाल, सूरत) की योजना बनाई गई है।
- 15B परियोजना का लक्ष्य कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक युद्धपोतों के उन्नत संस्करण को विशाखापत्तनम श्रेणी के विध्वंसक के रूप में निर्मित करना था।
- इस श्रेणी की पहचान इसके प्रमुख पोत के नाम से की जाती है इसलिये इसे विशाखापत्तनम श्रेणी के रूप में जाना जाता है।
- प्रोजेक्ट 15B के तहत, तकनीकी प्रगति और हथियार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं अन्य प्रणालियों में सुधार को शामिल करते हुए पुराने जहाज़ों की क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से जनवरी 2011 में एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- प्रोजेक्ट 15B का प्रमुख जहाज़ INS विशाखापत्तनम (पेनांट नंबर D66) है, जिसे नवंबर 2021 में चालू किया गया था।
- INS मोरमुगाओ (D67) दिसंबर 2022 में कमीशन/प्रमाणित किया गया दूसरा जहाज़ है और INS सूरत (कमीशन पर D69 नामित किया जाएगा) को मई 2023 में लॉन्च किया गया था।
- इन जहाज़ों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिज़ान ब्यूरो द्वारा निर्मित किया गया है और मुंबई में मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDSL) द्वारा निर्मित किया गया है।