प्रारंभिक परीक्षा
पुरी जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार (खज़ाना कक्ष) को खोलने की मांग पुनः ज़ोर पकड़ रही है। मंदिर के रत्न भंडार वाले कक्ष का ताला तीन दशकों से नहीं खोला गया है।
जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार:
- परिचय:
- 12वीं शताब्दी में निर्मित इस मंदिर के रत्न भंडार में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र तथा देवी सुभद्रा के बहुमूल्य आभूषण संगृहीत हैं जो वर्षों से अनुयायियों एवं पूर्व राजाओं द्वारा उपहार में दिये गए हैं।
- रत्न भंडार के लिये दो कक्ष मौजूद हैं: भीतरी भंडार (आंतरिक कक्ष) व बाह्य भंडार (बाहरी कक्ष)।
- हालाँकि बाहरी कक्ष को प्रमुख अनुष्ठानों एवं त्योहारों के दौरान देवताओं के आभूषण लाने हेतु नियमित रूप से खोला जाता है, जबकि आंतरिक कक्ष को विगत 38 वर्षों में नहीं खोला गया है।
- रत्न भंडार को खोलने की मांग:
- कक्ष की संरचनात्मक स्थिरता के बारे में चिंताओं को लेकर रत्न भंडार को खोलने की मांग बढ़ गई है ।
- मंदिर के संरक्षण का कार्य, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा किया जाता है। ASI द्वारा भंडार कक्ष की मरम्मत की मांग की गई है क्योंकि ऐसी आशंका है कि इसकी दीवारों में दरारें उभर आई हैं जिससे वहाँ संगृहीत मूल्यवान आभूषणों को क्षति पहुँच सकती है।
- कक्ष की संरचनात्मक स्थिरता के बारे में चिंताओं को लेकर रत्न भंडार को खोलने की मांग बढ़ गई है ।
जगन्नाथ मंदिर
- जगन्नाथ मंदिर पुरी, ओडिशा में स्थित एक भव्य मंदिर है जो भगवान जगन्नाथ के साथ उनके ज्येष्ठ भ्राता भगवान बलभद्र एवं अनुजा देवी सुभद्रा को समर्पित है।
- इसका निर्माण 12वीं शताब्दी में गंग राजवंश के प्रसिद्ध राजा अनंत वर्मन चोडगंग देव द्वारा किया गया था।
- इसे "व्हाइट पैगोडा" के रूप में जाना जाता है, यह चार धाम तीर्थयात्रा के चार तीर्थ स्थलों में से एक है।
- यह कलिंग वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें विशिष्ट घुमावदार मीनारें, जटिल नक्काशी और अलंकृत मूर्तियाँ हैं।
- यह एक ऊँची दीवार से घिरा हुआ है जिसमें चार द्वार हैं, जिनमें से प्रत्येक द्वार का मुख मुख्य दिशा की ओर है।
- इसे 'यमनिका तीर्थ' भी कहा जाता है, जहाँ हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ की उपस्थिति के कारण पुरी में मृत्यु के देवता 'यम' की शक्ति समाप्त हो गई थी।
- संबद्ध प्रमुख त्योहार: स्नान यात्रा, नेत्रोत्सव, रथ यात्रा, देवशयनी एकादशी।
प्रारंभिक परीक्षा
चीन द्वारा ग्रेफाइट उत्पादों के निर्यात पर अंकुश
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में विश्व के शीर्ष ग्रेफाइट उत्पादक (लगभग 65%) और निर्यातक चीन ने बैटरी की प्रमुख सामग्री के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
- ये प्रतिबंध चिप के निर्माण के लिये आवश्यक दो धातुओं- गैलियम और जर्मेनियम पर 1 अगस्त, 2023 से लागू प्रतिबंधों के समान है, जिन्होंने देश के बाहर कीमतों को बढ़ा दिया है।
ग्रेफाइट के निर्यात और उसके प्रभावों पर अंकुश लगाने का चीन का निर्णय:
- महत्त्व:
- इस कदम का उद्देश्य चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना और उसके वैश्विक विनिर्माण प्रभुत्व पर चुनौतियों के प्रत्युत्तर में दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति को नियंत्रित करना है।
- ग्रेफाइट, कोबाल्ट, निकेल आदि महत्त्वपूर्ण खनिज हैं जैसा कि खनिज सुरक्षा साझेदारी में दर्शाया गया है, भारत जिसका साझेदार देश है।
- यह विश्व के प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माताओं और भारत के राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (NEMMP) के कारण भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है, जिनमें ग्रेफाइट एक आवश्यक घटक है।
- प्रतिबंध:
- चीन में 1 दिसंबर से ग्रेफाइट के दोनों अयस्कों के निर्यात के लिये परमिट प्राप्त करना आवश्यक होगा, जिसमें उच्च शुद्धता, उच्च कठोरता और उच्च तीव्रता जैसी सिंथेटिक ग्रेफाइट सामग्री एवं प्राकृतिक फ्लेक ग्रेफाइट व उसके उत्पाद शामिल हैं।
- इस बीच चीन ने स्टील, धातुकर्म एवं रसायनों सहित सामान्य उद्योगों में उपयोग किये जाने वाले पाँच निम्न संवेदनशील ग्रेफाइट उत्पादों पर अस्थायी नियंत्रण को हटा दिया।
- EV निर्माताओं से संबंधित चिंताएँ:
- दक्षिण कोरिया के व्यवसाय जो मुख्य रूप से अपने ग्रेफाइट आयात के लिये चीन पर निर्भर हैं, उन्हें इसकी आपूर्ति के लिये ऑस्ट्रेलिया अथवा संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों की ओर रुख करना पड़ सकता है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बढ़ती बिक्री के कारण वाहन निर्माता चीन के बाहर से इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये संघर्ष कर रहे हैं, इसके बावजूद आपूर्ति में कमी की आशंका के परिणामस्वरूप कीमतें काफी बढ़ जाएंगी।
ग्रेफाइट:
- परिचय:
- ग्रेफाइट एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला खनिज है जो कार्बन से बना है। यह कार्बन के तीन क्रिस्टलीय रूपों में से एक है, अन्य दो रूप हीरा एवं अक्रिस्टलीय कार्बन (जैसे चारकोल अथवा कार्बन ब्लैक) हैं।
- संरचना:
- ग्रेफाइट में एक हेक्सागोनल (षट्कोणीय) क्रिस्टल संरचना होती है जिसमें कार्बन परमाणुओं को परतों या शीट्स में व्यवस्थित किया जाता है। ये परतें कमज़ोर रूप से एक साथ जुड़ी होती हैं, जिससे वे आसानी से एक-दूसरे से आगे खिसक सकती हैं, जो ग्रेफाइट को स्नेहन गुण प्रदान करता है।
- गुण:
- ग्रेफाइट विद्युत तथा ताप का सुचालक होता है। इसका उपयोग बैटरी के लिये इलेक्ट्रोड के उत्पादन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में किया जाता है।
- अनुप्रयोग:
- ग्रेफाइट का उपयोग अमूमन पेंसिल बनाने के लिये किया जाता है। पेंसिल में मौजूद "सीसा" वास्तव में ग्रेफाइट एवं मिट्टी के मिश्रण से निर्मित होता है।
- इसके अतिरिक्त इसका उपयोग क्रूसिबल, फाउंड्री फेसिंग, पॉलिश, आर्क लैंप, बैटरी, इलेक्ट्रिक मोटर ब्रश एवं परमाणु रिएक्टर के कोर के लिये किया जाता है।
- वैश्विक भंडार:
- चीन दुनिया के दो-तिहाई ग्रेफाइट का उत्पादन करता है, लेकिन वैश्विक भंडार की तुलना में एशियाई देश एकमात्र विकल्प नहीं हैं।
- संयुक्त राज्य भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, दुनिया के आधे प्राकृतिक ग्रेफाइट संसाधन तुर्की (27.3%) और ब्राज़ील (22.4%) के पास हैं। चीन 16% के साथ तीसरे स्थान पर है, उसके बाद मेडागास्कर (7.9%) का स्थान है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. हाल में तत्त्वों के एक वर्ग, जिसे ‘दुर्लभ मृदा धातु’ कहते हैं, की कम आपूर्ति पर चिंता जताई गई। क्यों? (2012)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. गोंडवानालैंड के देशों में से एक होने के बावजूद भारत के खनन उद्योग अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बहुत कम प्रतिशत का योगदान देते हैं। चर्चा कीजिये। (2021) |
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 अक्तूबर, 2023
'इंफाल'- प्रोजेक्ट 15B का तीसरा स्टील्थ विध्वंसक
भारतीय नौसेना को प्रोजेक्ट 15B स्वदेशी विध्वंसक इंफाल (IMPHAL) का तीसरा स्टील्थ डिस्ट्रॉयर/विध्वंसक सौंप दिया गया है। यह भारतीय नौसेना को आधुनिक बनाने के भारत के चल रहे प्रयासों का एक हिस्सा है।
- यह परियोजना पिछले दशक में कमीशन किये गए कोलकाता श्रेणी के (परियोजना 15A) विध्वंसक का मॉडल/विस्तार है। यह सतह से वायु में मार करने वाली मिसाइलों, जहाज़-रोधी मिसाइलों व टॉरपीडो सहित अत्याधुनिक हथियारों एवं सेंसरों से लैस है।
- युद्धपोत को एक शक्तिशाली संयुक्त गैस प्रोपल्शन प्लांट (COGAG) द्वारा संचालित किया जाता है, जिसमें चार प्रतिवर्ती गैस टर्बाइन शामिल हैं, जो उसका 30 समुद्री मील (लगभग 55 किमी प्रति घंटे) से अधिक की गति से संचालन करने में सक्षम बनाता है।
- 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) चार प्रोजेक्ट्स 15B विध्वंसक का निर्माण कर रही है, जिनमें से तीसरा इंफाल है।
- इंफाल विध्वंसक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों से लैस है जिसका उद्देश्य भारतीय नौसेना को अत्यधिक सक्षम तथा बहुमुखी हथियार प्रणाली प्रदान करना है।
और पढ़ें.. प्रोजेक्ट 17A, अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल
गुजरात का ‘धोर्डो’ सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गाँव
धोर्डो को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गाँव का प्रतिष्ठित खिताब प्रदान किया गया है। उज़्बेकिस्तान के समरकंद में UNWTO द्वारा आयोजित बेस्ट टूरिज़्म विलेज-2023 पुरस्कार समारोह में धोर्डो को यह खिताब मिला।
- यह गाँव अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, हस्तशिल्प और प्रसिद्ध रण उत्सव के कारण एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया है।
- UNWTO कुछ मानदंडों को पूर्ण करने वाले गाँवों को "सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गाँव" का खिताब प्रदान करता है।
- इसके मानदंडों में स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय संस्कृति एवं धरोहर को संरक्षित करना, पर्यटकों के लिये एक सुरक्षित एवं स्वागत योग्य वातावरण प्रदान करना तथा आगंतुकों को अतुलनीय अनुभव प्रदान करना शामिल है।
- इसके अतिरिक्त गाँव में एक सुविकसित पर्यटन बुनियादी ढाँचा मौजूद है और यह ज़िम्मेदार पर्यटन प्रथाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है।
और पढ़ें: विश्व पर्यटन दिवस, संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसियाँ
चक्रवात तेज (Tej)
चक्रवात तेज जो शुरू में अरब सागर के ऊपर बना था, एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है, अनुमानों के अनुसार इसके चलते उत्तर-पश्चिम की ओर प्रक्षेपवक्र और अल गैदाह (यमन) के पास भूस्खलन की आशंका है।
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ओर से केरल के आठ ज़िलों के लिये येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
- वर्ष 1875 में स्थापित IMD, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक एजेंसी है।
- IMD लोगों को गंभीर या खतरनाक मौसम से पहले सचेत करने के लिये रंग कोडिंग मौसम चेतावनी का उपयोग करता है जिसमें क्षति, व्यापक व्यवधान या जीवन के लिये खतरे की संभावना व्यक्त की जाती है।
और पढ़ें… IMD द्वारा रंग-कोडित चेतावनियाँ
चीन तथा फिलीपींस के जहाज़ों के बीच टकराव
विवादित स्प्रैटली द्वीप समूह में सेकेंड थॉमस शोल के समीप एक पुनः आपूर्ति मिशन के दौरान चीन तथा फिलीपींस के जहाज़ों के बीच टकराव के बाद दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे पर लगाए गएआरोप-प्रत्यारोप के चलते दक्षिण चीन सागर में तनाव बढ़ गया है।