प्रारंभिक परीक्षा
आईएनएस सूरत और युद्धपोत आईएनएस उदयगिरि
- 18 May 2022
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हाल ही में रक्षा मंत्री ने मुंबई में भारतीय नौसेना के विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस सूरत और युद्धपोत आईएनएस उदयगिरि का शुभारंभ किया।
INS सूरत:
- परिचय:
- 'सूरत' प्रोजेक्ट 15B श्रेणी का चौथा विध्वंसक जहाज़ है, जो P15A (कोलकाता क्लास) विध्वंसक श्रेणी में महत्त्वपूर्ण बदलाव की शुरुआत करता है।
- इस श्रेणी का पहला जहाज़ (विशाखापत्तनम) वर्ष 2021 में कमीशन किया गया था और इस श्रेणी का दूसरा (मोरमुगाओ) और तीसरा (इंफाल) जहाज़ आउटफिटिंग/ परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं।
- नामकरण:
- इसका नाम गुजरात राज्य की वाणिज्यिक राजधानी के नाम पर रखा गया है और यह मुंबई के बाद पश्चिमी भारत का दूसरा सबसे बड़ा वाणिज्यिक केंद्र भी है।
- सूरत शहर का एक समृद्ध समुद्री और जहाज़ निर्माण इतिहास है तथा 16वीं एवं 18वीं शताब्दी में शहर में निर्मित जहाज़ों को उनकी लंबी आयु (100 से अधिक वर्षों से) के लिये जाना जाता था।
- सूरत जहाज़ को ब्लॉक निर्माण पद्धति का उपयोग करके बनाया गया है।
- इस पद्धति में दो अलग-अलग भौगोलिक स्थानों पर ज़हाज़ निर्माण शामिल है और इसे एमडीएल, मुंबई में एक साथ जोड़ा गया है।
- इसका नाम गुजरात राज्य की वाणिज्यिक राजधानी के नाम पर रखा गया है और यह मुंबई के बाद पश्चिमी भारत का दूसरा सबसे बड़ा वाणिज्यिक केंद्र भी है।
- प्रोजेक्ट-15बी:
- ये जहाज़ अत्याधुनिक हथियार/सेंसर पैकेज, उन्नत स्टील्थ सुविधाओं और उच्च स्तर के स्वचालन के साथ दुनिया के अधिक तकनीकी रूप से विकसित स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर हैं।
- वर्ष 2011 में 29,643.74 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट-15बी कार्यक्रम के तहत चार युद्धपोतों - विशाखापत्तनम, मोरमुगाओ, इंफाल और सूरत के निर्माण के सौदे पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- हालांकि अंतिम लागत बढ़कर 35,000 करोड़ रुपए हो गई।
- सभी चार जहाज़ों को देश के चारों कोनों के शहरों के नाम पर रखा गया है तथा जहाज़ों को शामिल करने का काम वर्ष 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।
- P-15B युद्धपोतों की विशेषताएँ:
- ये जहाज़ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों और लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) से लैस हैं।
- जहाज़ में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM), स्वदेशी टारपीडो ट्यूब लॉन्चर, पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट जैसी कई स्वदेशी हथियार प्रणालियाँ हैं।
आईएनएस उदयगिरि:
- परिचय:
- यह 17ए युद्धपोत शृंखला का तीसरा जहाज़ है।
- नामकरण:
- आईएनएस 'उदयगिरि' का नाम आंध्र प्रदेश राज्य में एक पर्वत शृंखला के नाम पर रखा गया है।
- ‘आईएनएस उदयगिरि' एक प्रकार से पूर्ववर्ती 'उदयगिरी', लिएंडर श्रेणी के ASW युद्धपोत का नया रूप है, जिसने 1976 से 2007 तक तीन दशकों में कई चुनौतीपूर्ण अभियानों के दौरान देश की सेवा की है।
- आईएनएस 'उदयगिरि' का नाम आंध्र प्रदेश राज्य में एक पर्वत शृंखला के नाम पर रखा गया है।
- पी17ए के अंतर्गत प्रगति:
- P17A कार्यक्रम के तहत मझगाँव डॉक लिमिटेड (MDL), मुंबई में 04 और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) लिमिटेड में 03 जहाज़ निर्माणाधीन हैं।
- इस परियोजना में स्वदेशी युद्धपोत डिज़ाइन और निर्माण में पहली बार एकीकृत निर्माण, मेगा ब्लॉक आउटसोर्सिंग, परियोजना डेटा प्रबंधन/परियोजना जीवनचक्र प्रबंधन (PDM/ PLM) आदि जैसी विभिन्न नवीन अवधारणाओं और प्रौद्योगिकियों को अपनाया गया है।
प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट्स:
- परिचय:
- प्रोजेक्ट 17A फ्रिगेट्स P17 फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) के फॉलोऑन हैं जिसमें बेहतर स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार एवं संवेदक के साथ प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम हैं।
- विशेषताएँ:
- P-17A की मुख्य उन्नत स्टील्थ विशेषताएंँ जहाज़ के छोटे रडार क्रॉस-सेक्शन हैं, जो विशेष संरचना का उपयोग करके प्राप्त किया जाता है, यह रडार तरंग परावर्तन को कम करता है।
- जहाज़ की अन्य महत्त्वपूर्ण विशेषता कम ध्वनिक शोर है जो प्रोपेलर, ऑपरेटिंग मशीनरी जैसे डीज़ल जेनरेटर आदि से निकलती है, यह अन्य जहाज़ो पर सोनार की उपस्थिति का पता लगाने में सहायता करता है।
- जहाज़ की स्टील्थ विशेषताएंँ संचालन के दौरान किसी भी प्रतिकूल वातावरण में बचे रहने एवं सुधार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।