आंतरिक सुरक्षा
रक्षक: INS विशाखापत्तनम
- 28 Aug 2022
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:INS विशाखापत्तनम, P-15B, ब्रह्मोस, मिलन 2022 मेन्स के लिये:रक्षा प्रौद्योगिकी, सुरक्षा, भारत की समुद्री सुरक्षा के मुद्दे और उन मुद्दों के संबंध में उपाय |
संदर्भ:
आत्मनिर्भर भारत की अपनी लगातार बढ़ती खोज में भारत ने भारतीय नौसेना के लिये स्वदेशी रूप से फ्रंटलाइन विध्वंसक बनाने हेतु 2021 में पहला प्रोजेक्ट 15B विध्वंसक प्रारंभ किया।
- हाल ही में भारत निर्मित स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक INS विशाखापत्तनम को औपचारिक रूप से विशाखापत्तनम बंदरगाह से संबद्ध किया गया था।
INS विशाखापत्तनम क्या है?
- पूर्वी तट पर आंध्र प्रदेश के ऐतिहासिक 'भाग्य का शहर' विशाखापत्तनम के नाम पर रखा गया हैै।
- INS विशाखापत्तनम गाइडेड मिसाइल स्टील्थ विध्वंसक के P15B वर्ग का प्रमुख शिप है और इसे 21 नवंबर, 2021 को औपचारिक रूप से प्रारंभ किया गया था।
- यह शिप भारत की परिपक्व शिप निर्माण क्षमता और 'आत्मनिर्भर भारत'के उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में मेक इन इंडिया पहल की तलाश का प्रतीक है।
- शिप का चालक दल उसके आदर्श वाक्य 'यशो लाभस्वा' का पालन करता है- एक संस्कृत वाक्यांश जो 'महिमा प्राप्त करें' का अनुवाद है।
- यह हर प्रयास में सफलता और गौरव प्राप्त करने के लिये इस शक्तिशाली शिप की अदम्य भावना और क्षमता का प्रतीक है।
- विशाखापत्तनम श्रेणी के शिप पिछले दशक में कमीशन किये गए कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक (P-15A) के फॉलो-ऑन हैं।
- प्रेसीडेंशियल फ्लीट रिव्यू (PFR) और मिलन 2022 में भाग लेने के लिये शिप बंदरगाह की अपनी पहली यात्रा पर है।
- बेड़े की समीक्षा एक लंबे समय से चली आ रही परंपरा है जिसका पालन दुनिया भर की नौसेनाएंँ करती हैं और यह संप्रभु तथा राज्य के प्रति वफादारी व निष्ठा प्रदर्शित करने के उद्देश्य से पूर्व-निर्धारित स्थान पर शिपो एक समूह है।
INS विशाखापत्तनम की विशेषताएंँ क्या हैं?
- भारत में निर्मित सबसे बड़े विध्वंसक INS विशाखापत्तनम की कुल लंबाई लगभग 164 मीटर और विस्थापन 7,500 टन से अधिक है।
- विशाखापत्तनम समुद्री युद्ध के पूर्ण स्पेक्ट्रम में फैले विविध कार्यों और मिशनों को पूरा करने में सक्षम है जो हथियारों तथा सेंसर की एक सरणी/ऐरे से लैस है, जिसमें सुपरसोनिक सतह से सतह ब्रह्मोस मिसाइल और बराक -8 लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल शामिल हैं।
- इसमें मध्यम और छोटी दूरी की गन्स, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध एवं संचार सूट भी हैं।
- विध्वंसक स्वदेशी रूप से विकसित पनडुब्बी रोधी हथियारों और सेंसरों- प्रमुख रूप से हल-माउंटेड सोनार हम्सा- NG (Hull-mounted Sonar Humsa-NG), हैवीवेट टारपीडो ट्यूब लॉन्चर और रॉकेट लॉन्चर से सुसज्जित है।
- HUMSA-NG तीसरी पीढ़ी का स्वदेशी, शिप बोर्न, हल-माउंटेड, सोनार प्रणाली है जिसे नौसेना भौतिक और समुद्र विज्ञान प्रयोगशाला, DRDO, कोच्चि द्वारा डिज़ाइन किया गया है तथा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, बंगलुरु द्वारा उत्पादित है।
- HUMSA-NG एक अत्याधुनिक सक्रिय सह निष्क्रिय एकीकृत शिप सोनार प्रणाली है जिसे विभिन्न प्रकार के नौसैनिक सतह प्लेटफाॅर्मों जैसे कि फ्रिगेट्स, डिस्ट्रॉयर्स, ASW कार्वेट एवं शिपों के अन्य वर्गों पर स्थापित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- HUMSA-NG तीसरी पीढ़ी का स्वदेशी, शिप बोर्न, हल-माउंटेड, सोनार प्रणाली है जिसे नौसेना भौतिक और समुद्र विज्ञान प्रयोगशाला, DRDO, कोच्चि द्वारा डिज़ाइन किया गया है तथा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, बंगलुरु द्वारा उत्पादित है।
- विशाखापत्तनम शिप 312 के चालक दल को समायोजित कर सकता है, जिसमें 4,000 समुद्री मील की क्षमता है और यह 42-दिवसीय मिशन को क्षेत्र के बाहर विस्तारित मिशन समय के साथ पूरा कर सकता है।
- शिप परमाणु, जैविक और रासायनिक (NBC) युद्ध स्थितियों के तहत लड़ने के लिये सुसज्जित है।
ब्रह्मोस क्या है?
- ब्रह्मोस भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) तथा रूस के NPOM का एक संयुक्त उद्यम है।
- ब्रह्मोस का नाम ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों के नाम पर रखा गया है।
- यह दो चरणों वाली (पहले चरण में ठोस प्रणोदक इंजन और दूसरे में तरल रैमजेट) मिसाइल है।
- यह एक मल्टीप्लेटफॉर्म मिसाइल है यानी इसे ज़मीन, हवा और समुद्र से तथा बहु क्षमता वाली मिसाइल को सटीकता के साथ लॉन्च किया जा सकता है जो मौसम की स्थिति के बावजूद दिन और रात दोनों में काम करती है।
- यह "फायर एंड फॉरगेट्स" सिद्धांत पर काम करती है यानी लॉन्च के बाद इसे मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं है।
- ब्रह्मोस सबसे तेज़ क्रूज़ मिसाइलों में से एक है जो वर्तमान में मैक 2.8 की गति के साथ सक्रिय रूप से तैनात है, जो ध्वनि की गति से लगभग 3 गुना अधिक है।
प्रोजेक्ट-15बी क्या है?
- मेसर्स मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई में प्रोजेक्ट 15बी (पी 15बी) के चार गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर निर्माणाधीन हैं। इन चार शिपों के निर्माण का अनुबंध 2011 में हुआ था।
- ये शिप अत्याधुनिक हथियार/सेंसर पैकेज, उन्नत स्टील्थ सुविधाओं और उच्च स्तर के स्वचालन के साथ दुनिया के सबसे तकनीकी रूप से उन्नत निर्देशित मिसाइल विध्वंसक हैं।
P-15B शिप की विशेषताएं क्या हैं?
- ये शिप ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों और लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) से लैस हैं।
- शिप में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम), स्वदेशी टारपीडो ट्यूब लाॅन्चर, पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लाॅन्चर तथा 76 मिमी. सुपर रैपिड गन माउंट जैसी कई स्वदेशी हथियार प्रणालियां हैं।
प्रोजेक्ट 15बी के अन्य तीन शिप कौन से हैं?
- P15B का दूसरा शिप, मोरमुगाओ 2016 में लॉन्च किया गया था और इसे बंदरगाह परीक्षणों के लिये तैयार किया जा रहा है।
- तीसरा शिप (इंफाल) 2019 में लॉन्च किया गया था और यह ड्रेसिंग के उन्नत चरण में है।
- चौथा शिप (सूरत) ब्लॉक इरेक्शन के तहत है और इसे चालू वित्तीय वर्ष (2022) के भीतर लॉन्च किया जाएगा।
भारत की सुरक्षा में P-15B की क्या भूमिका है?
- वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में 2.01 मिलियन वर्ग किमी. विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के साथ 7516 किलोमीटर और लगभग 1100 अपतटीय द्वीपों की एक बड़ी तटरेखा की सुरक्षा के लिये भारतीय नौसेना की जिम्मेदारियों को बढ़ाया गया है।
- पी-15बी श्रेणी जैसे विध्वंसक हिंद-प्रशांत के बड़े महासागरों में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिससे भारतीय नौसेना शक्तिशाली बन जाएगी।
- गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर्स को विभिन्न ज़ििम्मेदारियों जैसे- कैरियर बैटल ग्रुप के साथ एस्कॉर्ट ड्यूटी के लिये तैनात किया जाता है ताकि नौसेना के बेड़े को हवा, सतह और पानी के नीचे के किसी भी खतरे से बचाया जा सके।