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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-श्रीलंका के बीच फिशिंग संबंधी विवाद

  • 11 Feb 2025
  • 13 min read

प्रिलिम्स के लिये:

पाक खाड़ी, अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL), समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (UNCLOS), कच्चातीवु, गहन समुद्र, पाक जलडमरूमध्य, सीवीड फार्मिंग। 

मेन्स के लिये:

भारत-श्रीलंका के बीच फिशिंग संबंधी विवाद, निहितार्थ और आगे की राह।

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

श्रीलंका की नौसेना ने पाक खाड़ी (श्रीलंकाई जलक्षेत्र) में मत्स्यन के कारण कुछ भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया, जिससे भारत-श्रीलंका के बीच फिशिंग संबंधी विवाद फिर से बढ़ गया। 

  • वर्ष 2024 में श्रीलंका में गिरफ्तार भारतीय मछुआरों की संख्या एक दशक बाद पहली बार 500 से अधिक हो गई (वर्ष 2014: 787 गिरफ्तारियाँ)

भारत-श्रीलंका के बीच मत्स्यन विवाद से संबंधित प्रमुख मुद्दे क्या हैं?

  • क्रमिक गिरफ्तारियाँ: मछलियों की तलाश में भारतीय मछुआरे अक्सर अपने ट्रॉलरों के साथ इंजन खराब होने या अचानक मौसम परिवर्तन के कारण श्रीलंकाई जलक्षेत्र में चले जाते हैं।
    • मछली पकड़ने वाली नौकाओं को नष्ट करना, मछुआरों की रिहाई के बाद भी नौकाओं को जब्त करना तथा श्रीलंकाई प्राधिकारियों द्वारा भारी जुर्माना लगाना आदि जैसे मुद्दे दोनों देशों के बीच बार-बार देखने को मिलते हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) का उल्लंघन: भारतीय मछुआरे पारंपरिक प्रथाओं के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) से परे ऐतिहासिक रूप से मछली पकड़ने के अधिकार का दावा करते हैं जिसके कारण IMBL के निकटवर्ती क्षेत्रों में भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया जाता है।
    • पाक खाड़ी को IMBL द्वारा भारत और श्रीलंका के बीच समान रूप से विभाजित किया गया है लेकिन मछली पकड़ने के अधिकार पर विवाद बना हुआ है।
    • IMBL (UNCLOS के अनुसार) एक आधिकारिक सीमा है जो प्रादेशिक जल को अलग करती है, समुद्री अधिकार क्षेत्र को परिभाषित करती है, तथा मत्स्यन, संसाधनों के उपयोग और नौसैनिक गतिविधियों को विनियमित करती है।

IMBL

  • मछली भंडार में कमी: अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) के भारतीय हिस्से में अत्यधिक मत्स्यन के कारण भारतीय मछुआरे श्रीलंकाई जलक्षेत्र में चले जाते हैं, जिसे श्रीलंका "अवैध शिकार" मानता है, जिससे सुरक्षा जोखिम पैदा होता है और स्थानीय आजीविका को खतरा होता है।
  • बॉटम-ट्रॉलिंग: श्रीलंका भारतीय मछुआरों द्वारा अपनाई जा रही पारिस्थितिकी रूप से विनाशकारी बॉटम ट्रॉलिंग का विरोध करता है, और अपने जल को अतिदोहन से बचाने के लिये एक स्थायी समाधान चाहता है।
    • बॉटम ट्रॉलिंग में भारी जालों को समुद्र तल पर खींचा जाता है, जिससे प्रवाल भित्तियों और स्पंज जैसे समुद्री आवासों को नुकसान पहुँचता है।
  • श्रीलंका की राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताएँ: श्रीलंका का आरोप है कि भारतीय जहाज़ नियमित रूप से समन्वित तरीकों से घुसपैठ करते हैं और उन्हें तमिल उग्रवादी समूह मत्स्यन वाले जहाज़ों का उपयोग करके फिर से उभर सकते हैं।
  • कच्चातीवु द्वीप विवाद: पाक जलडमरूमध्य में 285 एकड़ का एक टापू कच्चातीवु वर्ष 1974 में श्रीलंका को सौंप दिया गया था।
    • भारतीय मछुआरे कच्चातीवु का उपयोग केवल जाल सुखाने और आराम करने के लिये कर सकते हैं, तथा तमिलनाडु के राजनेता समय-समय पर इसे भारत को वापस करने की मांग करते रहते हैं।

नोट: भारतीय और श्रीलंकाई जलक्षेत्र में मत्स्य स्टॉक की कमी के कारण भारतीय मछुआरे हाई सी में जा रहे हैं। अब उन्हें मालदीव के जलक्षेत्र में तथा ब्रिटिश नौसेना द्वारा डिएगो गार्सिया के निकट समुद्री सीमा पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा रहा है।

मत्स्यन की स्वतंत्रता पर अंतर्राष्ट्रीय कानून क्या हैं?

  • संयुक्त राष्ट्र मत्स्य स्टॉक समझौता (UNFSA 1995): राज्यों को या तो सदस्य बनना चाहिये, या उन्हें मत्स्य संसाधनों तक पहुँचने के लिये क्षेत्रीय मत्स्य प्रबंधन संगठनों (RFMO) द्वारा स्थापित संरक्षण और प्रबंधन उपायों को लागू करने पर सहमत होना चाहिये।
    • RFMO अंतर्राष्ट्रीय निकाय हैं जो विशिष्ट महासागरीय क्षेत्रों में मत्स्य भंडार के प्रबंधन और संरक्षण के लिये ज़िम्मेदार हैं।
  • UNCLOS, 1982: UNCLOS का अनुच्छेद 87 हाई सी में मत्स्यन की स्वतंत्रता को सीमित करता है, तथा इसकी शर्तों को पूरा न करने वाले देशों के जहाज़ों के लिये मत्स्यन को अवैध बना देता है। 
    • उदाहरणार्थ, उच्च समुद्र की स्वतंत्रता के प्रयोग में अन्य राज्यों के हितों पर ध्यान रखना।

पाक खाड़ी

  • पाक खाड़ी: पाक खाड़ी दक्षिणी भारत और उत्तरी श्रीलंका के बीच एक संकीर्ण जल निकाय है, और मानसून से प्रेरित पोषक तत्त्वों के प्रवाह के कारण जैवविविधता से समृद्ध है। 

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  • सीमाएँ: दक्षिणी सीमा पंबन जलडमरूमध्य, रामेश्वरम द्वीप और एडम ब्रिज (राम सेतु) द्वारा चिह्नित है।
    • पूर्वोत्तर सीमा पाक जलडमरूमध्य है जो पाक खाड़ी को बंगाल की खाड़ी से जोड़ती है।
  • पाक खाड़ी मत्स्य संग्रहण का विवाद: वर्ष 2009 में श्रीलंकाई गृह युद्ध की समाप्ति के बाद, मत्स्य संग्रहण के विवाद बढ़ गए, जो वर्ष 2013 में भारतीय मछुआरों द्वारा अत्यधिक मत्स्य संग्रहण तथा समुद्र में मत्स्य संग्रहण के कारण अपने चरम पर पहुँच गए।

और पढ़ें… भारत और श्रीलंका संबंध

भारत-श्रीलंका मत्स्य विवाद के निहितार्थ क्या हैं?

  • आजीविका संबंधी मुद्दे: श्रीलंका नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी से उनके परिवार चिंतित हैं, जबकि समुद्री संघर्षों के कारण कई मछुआरों की मृत्यु तथा कई लापता हो गई हैं, जिससे मछुआरा समुदायों के लिये जोखिम बढ़ गया है।
  • प्रवर्तन चुनौतियाँ: IMBL पर गश्त की प्रवर्तन लागत बढ़ गई है, जिससे संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है।
  • तस्करी की चिंता: भारतीय तटरक्षक बल और श्रीलंकाई नौसेना को वास्तविक मछुआरों और तस्करों के बीच अंतर करने में कठिनाई होती है, जिससे IMBL तस्करी के लिये असुरक्षित हो जाता है।
  • राजनीतिक परिणाम: पाक खाड़ी में श्रीलंका नौसेना की कार्रवाई के विरुद्ध आरोपों ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है।
    • उदाहरण के लिये, राजनीतिक तनाव ने श्रीलंका के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के प्रति भारत के समर्थन को प्रभावित किया है।
  • पर्यावरणीय प्रभाव: समुद्र तल पर मत्स्य संग्रहण से मत्स्य प्रजनन और समुद्र तल को नुकसान पहुँचाता है, तथा स्टॉक में कमी आती है, जिससे उबरने में हज़ारों वर्ष लग जाते हैं।
  • आर्थिक परिणाम: अत्यधिक मत्स्य संग्रहण से मत्स्य संसाधन और मछुआरों की आय में कमी आई है, भारतीयों द्वारा अवैध शिकार के कारण श्रीलंका को प्रतिवर्ष अनुमानतः 730 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हो रहा है।

आगे की राह 

  • समुद्री विनियमों का प्रवर्तन: IMBL पर गश्त और निगरानी बढ़ाने से अवैध मत्स्यन की गतिविधियों को रोकने में मदद मिल सकती है।
    • निरंतर संवाद और समस्या समाधान तंत्र सुनिश्चित करने के लिये एक समर्पित संयुक्त कार्य समूह (JWG) की स्थापना की जानी चाहिये।
  • वैकल्पिक आजीविका कार्यक्रम: तमिलनाडु को प्रतिबंधों का सामना कर रहे मछुआरों के लिये समुद्री पर्यटन, समुद्री शैवाल कृषि और अंतर्देशीय जलीय कृषि जैसी वैकल्पिक आजीविका की पेशकश करनी चाहिये।
  • संयुक्त समुद्री संसाधन प्रबंधन: मत्स्यन की गतिविधियों को विनियमित करने और समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों के अतिदोहन की रोकथाम करने हेतु एक क्षेत्रीय मत्स्य प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना की जानी चाहिये।
    • मत्स्यन की संधारणीय विधियों जैसे मछली पकड़ने की सीमा और कोटा से मत्स्य समष्टि में पुनः वृद्धि सुनिश्चित हो सकती है तथा नवजात मछलियों को छोड़ने से घटते संसाधनों की भरपाई हो सकती है।
  • गभीर समुद्र में मत्स्यन: अधिक भारतीय मछुआरों को गभीर समुद्र में मत्स्यन के लिये प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, भारत सरकार को वित्तपोषण, प्रशिक्षण और प्रोत्साहन बढ़ाना चाहिये।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. भारत-श्रीलंका के मत्स्यन विवाद में प्रमुख मुद्दों पर चर्चा कीजिये और इसके स्थायी समाधान के उपायों का सुझाव दीजिये।

 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. पिछले दशक में भारत-श्रीलंका व्यापार मूल्य में लगातार वृद्धि हुई है।  
  2. "कपड़ा और कपड़े से निर्मित वस्तुएँ" भारत व बांग्लादेश के बीच व्यापार की एक महत्त्वपूर्ण वस्तु है।  
  3. नेपाल पिछले पांँच वर्षों में दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश रहा है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b) 


प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में देखा जाने वाला एलीफेंट पास का उल्लेख निम्नलिखित में से किस मामले के संदर्भ में किया जाता है? (2009)

(a) बांग्लादेश
(b) भारत
(c) नेपाल
(d) श्रीलंका

उत्तर: (d)


मेन्स:

प्रश्न. 'भारत श्रीलंका का बरसों पुराना मित्र है।' पूर्ववर्ती कथन के आलोक में श्रीलंका के वर्तमान संकट में भारत की भूमिका की विवेचना कीजिये। (2022)

प्रश्न. भारत-श्रीलंका के संबंधों के संदर्भ में विवेचना कीजिये कि किस प्रकार आतंरिक (देशीय) कारक विदेश नीति को प्रभावित करते हैं। (2013)

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