अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-बांग्लादेश संबंध
- 25 Aug 2023
- 12 min read
प्रिलिम्स के लिये:भारत और बांग्लादेश, अभ्यास संप्रीति, अभ्यास बोंगोसागर, अखौरा-अगरतला रेल लिंक, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन, रोहिंग्या शरणार्थी, बेल्ट और रोड पहल मेन्स के लिये:भारत और बांग्लादेश के बीच सहयोग के प्रमुख क्षेत्र |
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
भारत और बांग्लादेश के बीच 14वीं संयुक्त सीमा शुल्क समूह (JGC) की बैठक हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित की गई।
- भारत-बांग्लादेश संयुक्त सीमा शुल्क समूह की बैठकें सीमा शुल्क से संबंधित मामलों पर सहयोग को बढ़ावा देने और सीमा पार व्यापार की सुविधा बढ़ाने के लिये एक महत्त्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती हैं।
14वीं JGC बैठक के मुख्य परिणाम:
- भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों का विस्तार: बैठक में नए भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों की स्थापना पर विचार-विमर्श किया गया, जो सीमा पार व्यापार को सुविधाजनक बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- बैठक में सीमा शुल्क सहयोग पर एक द्विपक्षीय समझौते में प्रवेश करने की संभावना का पता लगाया गया, जो भविष्य के सहयोग के लिये एक व्यापक ढाँचे के रूप में काम कर सकता है।
- बंदरगाह प्रतिबंधों को सरल बनाना: यह चर्चा बंदरगाह प्रतिबंधों को सरल बनाने के उपायों के इर्द-गिर्द घूमती रही, जिससे बंदरगाह संचालन की समग्र दक्षता में वृद्धि होगी तथा व्यापार बाधाएँ कम होंगी।
- भारत ने 13वीं JGC बैठक में सहमति के अनुसार बांग्लादेश द्वारा ट्रायल रन पूरा करने तथा चटग्राम और मोंगला बंदरगाहों (ACMP) के उपयोग पर समझौते को क्रियान्वित करने के लिये अधिसूचना की सराहना की।
- ट्रांज़िट मॉड्यूल की इलेक्ट्रॉनिक कनेक्टिविटी: ACMP से संबंधित ट्रांज़िट मॉड्यूल की इलेक्ट्रॉनिक कनेक्टिविटी के संबंध में चर्चा शुरू की गई, जो कुशल डिजिटल सहयोग की दिशा में एक कदम है।
- आगमन-पूर्व सीमा शुल्क डेटा का आदान-प्रदान: दोनों पक्ष सीमा शुल्क डेटा के आगमन-पूर्व आदान-प्रदान के संबंध में बातचीत में लगे हुए हैं। इस कदम का उद्देश्य अधिकारियों को पहले से तैयारी करने में सक्षम बनाकर सीमा शुल्क निकासी प्रक्रिया में तेज़ी लाना है।
भारत और बांग्लादेश के बीच सहयोग के प्रमुख क्षेत्र:
- परिचय:
- बांग्लादेश को एक अलग और स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देने वाला भारत पहला देश था तथा दिसंबर 1971 में इसकी आज़ादी के तुरंत बाद देश के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किये।
- बांग्लादेश के साथ भारत के सभ्यतागत, सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक संबंध हैं।
- भारत के पूर्वी पड़ोसी के रूप में बांग्लादेश की भौगोलिक स्थिति के कारण इसका रणनीतिक महत्त्व है।
- यह भारत को बंगाल की खाड़ी तक पहुँच और दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ व्यापार तथा कनेक्टिविटी के लिये एक प्रमुख मार्ग प्रदान करता है।
- आर्थिक सहयोग:
- भारतीय उपमहाद्वीप में बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। अप्रैल-नवंबर 2022 के दौरान भारत ने बांग्लादेश को 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया।
- भारत ने अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से भारत के भीतर ICDs से बांग्लादेश तक कार्गो के निर्यात का मार्ग प्रशस्त किया।
- इसके अलावा भारत ने बांग्लादेश के माध्यम से तीसरे देशों में कंटेनरीकृत निर्यात कार्गो के ट्रांसशिपमेंट के लिये एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया प्रदान की।
- नदी और भूमि दोनों मार्गों का उपयोग करते हुए यह प्रक्रिया व्यापार मार्गों को सुदृढ़ करने के साथ ही कार्गो की आवाजाही के लिये नए मार्गों की खोज में मदद करेगी।
- भारत ने 2011 से दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA) के तहत तंबाकू और शराब को छोड़कर सभी टैरिफ लाइनों पर बांग्लादेश को ड्यूटी फ्री कोटा फ्री पहुँच प्रदान की है।
- जुलाई 2023 में बांग्लादेश और भारत ने रुपए में व्यापारिक लेन-देन शुरू किया, जिसका उद्देश्य अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम करना तथा क्षेत्रीय मुद्रा व व्यापार को मज़बूत करना था।
- भारत ने अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से भारत के भीतर ICDs से बांग्लादेश तक कार्गो के निर्यात का मार्ग प्रशस्त किया।
- भारतीय उपमहाद्वीप में बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। अप्रैल-नवंबर 2022 के दौरान भारत ने बांग्लादेश को 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया।
नोट: पर्यटन मंत्रालय की भारत पर्यटन सांख्यिकी रिपोर्ट 2022 के अनुसार, बांग्लादेश वर्ष 2021 में भारत के पर्यटन व्यवसाय में योगदान देने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश रहा है।
- रक्षा सहयोग:
- भारत और बांग्लादेश 4096.7 किमी. की सीमा साझा करते हैं। यह भारत द्वारा अपने किसी भी पड़ोसी देश के साथ साझा की जाने वाली सबसे लंबी स्थलीय सीमा है।
- असम, पश्चिम बंगाल, मिज़ोरम, मेघालय और त्रिपुरा की सीमा बांग्लादेश से लगती है।
- दोनों देशों के बीच संयुक्त अभ्यास का भी आयोजन किया जाता है- सेना (संप्रीति अभ्यास) और नौसेना (बोंगोसागर अभ्यास)।
- भारत और बांग्लादेश 4096.7 किमी. की सीमा साझा करते हैं। यह भारत द्वारा अपने किसी भी पड़ोसी देश के साथ साझा की जाने वाली सबसे लंबी स्थलीय सीमा है।
- ऊर्जा और कनेक्टिविटी:
- पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और बांग्लादेश के दिनाजपुर ज़िले के पारबतीपुर को जोड़ने वाली भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन की सहायता से बांग्लादेश तक प्रतिवर्ष दस लाख मीट्रिक टन हाई-स्पीड डीज़ल पहुँचाया जाएगा।
- भारत और बांग्लादेश अखौरा-अगरतला रेल लिंक तथा मैत्री सेतु जैसी सीमा पार बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के विकास में सहयोग कर रहे हैं।
- पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और बांग्लादेश के दिनाजपुर ज़िले के पारबतीपुर को जोड़ने वाली भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन की सहायता से बांग्लादेश तक प्रतिवर्ष दस लाख मीट्रिक टन हाई-स्पीड डीज़ल पहुँचाया जाएगा।
- बहुपक्षीय सहयोग:
भारत और बांग्लादेश के बीच वर्तमान प्रमुख मुद्दे:
- सीमा पार नदी जल का बँटवारा: भारत और बांग्लादेश 54 नदियाँ साझा करते हैं, लेकिन अब तक केवल दो संधियों (गंगा जल संधि और कुशियारा नदी संधि) पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
- अन्य प्रमुख नदियाँ, जैसे- तीस्ता और फेनी पर अभी भी बातचीत चल रही है।
- अवैध प्रवास: बांग्लादेश से भारत में अवैध प्रवास, जिसमें शरणार्थी और प्रवासी शामिल हैं, एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है।
- यह अंतर्वाह भारतीय सीमावर्ती राज्यों पर दबाव डालता है, जिससे संसाधनों एवं सुरक्षा पर असर पड़ता है। रोहिंग्या शरणार्थियों के बांग्लादेश के रास्ते भारत में प्रवेश करने से समस्या और बढ़ गई है।
- इस तरह के प्रवासन को रोकने के उद्देश्य से बने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens- NRC) ने बांग्लादेश की चिंता बढ़ा दी है।
- मादक पदार्थों की तस्करी: सीमा पार से मादक पदार्थों की तस्करी की कई घटनाएँ हुई हैं। इन सीमाओं के माध्यम से मानव (विशेषकर बच्चों एवं महिलाओं) तस्करी की जाती है तथा विभिन्न जानवरों और पक्षियों की प्रजातियों का अवैध शिकार किया जाता है।
- बांग्लादेश में बढ़ता चीनी प्रभाव: वर्तमान में बांग्लादेश बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative- BRI) में एक सक्रिय भागीदार है (भारत BRI का हिस्सा नहीं है)।
- बांग्लादेश के साथ चीन की बढ़ती भागीदारी संभावित रूप से भारत की क्षेत्रीय स्थिति को कमज़ोर कर सकती है तथा इसकी रणनीतिक आकांक्षाओं में बाधा डाल सकती है।
आगे की राह
- संयुक्त कार्य बल: सीमा पार से मादक पदार्थों की तस्करी और मानव तस्करी से प्रभावी ढंग से निपटने हेतु दोनों देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को शामिल करते हुए संयुक्त कार्य बल स्थापित करने की आवश्यकता है। साझा खुफिया जानकारी तथा समन्वित संचालन से अवैध नेटवर्क बाधित हो सकते हैं।
- स्मार्ट सीमा प्रबंधन: कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा विश्लेषण का उपयोग करने वाले स्मार्ट सीमा प्रबंधन समाधानों को लागू करना सुरक्षा एवं दक्षता सुनिश्चित करते हुए सीमा पार आंदोलनों को सुव्यवस्थित कर सकता है।
- डिजिटल कनेक्टिविटी कॉरिडोर: दोनों देशों के बीच हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी, डिजिटल सेवाओं और ई-कॉमर्स पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक डिजिटल कनेक्टिविटी कॉरिडोर स्थापित करने की आवश्यकता है। इससे व्यापार, सहयोग एवं तकनीकी आदान-प्रदान के नए मार्ग का निर्माण होगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. तीस्ता नदी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजये: (2017) 1- तीस्ता नदी का उद्गम वही है जो ब्रह्मपुत्र का है लेकिन यह सिक्किम से होकर बहती है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (b) |