लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-बांग्लादेश संबंध

  • 12 Sep 2022
  • 15 min read

यह एडिटोरियल 09/09/2022 को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित “Golden chapter continues” लेख पर आधारित है। इसमें भारत एवं बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय संबंधों और अन्य संबंधित मुद्दों के बारे में चर्चा की गई है।

संदर्भ:

बांग्लादेश की भूमि सीमा तीन ओर से भारत की सीमा से घिरी है और चौथी ओर बंगाल की खाड़ी स्थित है। भारत और बांग्लादेश 4096.7 किमी. सीमा रेखा साझा करते हैं जो भारत द्वारा किसी भी अन्य पड़ोसी देश के साथ साझा सीमा रेखा से लंबी है।

भारत विश्व का पहला देश था जिसने बांग्लादेश को एक पृथक एवं स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता प्रदान की थी और दिसंबर 1971 में इसकी स्वतंत्रता के तुरंत एक मित्र दक्षिण एशियाई पड़ोसी के रूप में बांग्लादेश के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किये थे।

भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति में बांग्लादेश एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। बांग्लादेश के साथ भारत के सभ्यतागत, सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक संबंध हैं। एक साझा इतिहास एवं विरासत, भाषाई एवं सांस्कृतिक संबंध, संगीत, साहित्य और कला के लिये एकसमान उत्साह आदि दोनों देशों को परस्पर संबद्ध करता है। उल्लेखनीय है कि रवींद्रनाथ टैगोर भारत के साथ ही बांग्लादेश के राष्ट्रगान के भी रचयिता हैं।

हालाँकि नदी जल विवाद (तीस्ता नदी के जल की साझेदारी), अवैध अप्रवासियों की सहायता और मादक द्रव्यों के व्यापार जैसे कई प्रमुख मुद्दे दोनों देशों के संबंध में अड़चन बने हुए हैं जिन्हें संबोधित किये जाने की आवश्यकता है।

Bangladesh

भारत-बांग्लादेश संबंध

  • आर्थिक संबंध: बांग्लादेश के साथ भारत की भौगोलिक निकटता ने इसे उसके सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक के रूप में उभरने का अवसर दिया है। दूसरी ओर, बांग्लादेश भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
    • भारत ने दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (South Asian Free Trade Area- SAFTA) के तहत वर्ष 2011 से ही बांग्लादेश को तंबाकू और शराब को छोड़कर शेष सभी टैरिफ लाइनों पर ड्यूटी फ्री कोटा फ्री पहुँच प्रदान कर रखी है।
    • दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2020-21 में 10.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 18.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
    • भारत और बांग्लादेश सरकारों द्वारा 6 सीमा हाटों (मेघालय में 4 और त्रिपुरा में 2) की मंज़ूरी दी गई है।
  • नदी जल का बँटवारा: भारत और बांग्लादेश 54 नदियाँ साझा करते हैं। गंगा जल संधि (Ganga Waters Treaty) पर वर्ष 1996 में हस्ताक्षर किया गया था, जो कि जल कमी वाले मौसम (1 जनवरी-31 मई) के दौरान गंगा नदी के जल के बँटवारे के लिये था।
    • हाल ही में ‘कुशियारा समझौते’ (Kushiyara Pact) पर हस्ताक्षर किया गया है जिससे भारत में दक्षिणी असम और बांग्लादेश में सिलहट क्षेत्र के लोगों को लाभ प्राप्त होगा।
  • कनेक्टिविटी/संपर्क: भारत और बांग्लादेश 4096.7 किलोमीटर भूमि सीमा साझा करते हैं जो भारत के असम, त्रिपुरा, मिज़ोरम, मेघालय और पश्चिम बंगाल को स्पर्श करती है। अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से पारगमन और व्यापार बांग्लादेश एवं भारत के बीच लंबे समय से बने रहे और समय के मानकों पर खरे उतरे प्रोटोकॉल द्वारा नियंत्रित होते हैं।
  • विद्युत और ऊर्जा क्षेत्र सहयोग: भारत और बांग्लादेश के बीच ऊर्जा क्षेत्र के सहयोग में भी पिछले कुछ वर्षों में वृहत प्रगति हुई है।
    • वर्ष 2018 में हस्ताक्षरित ‘भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन परियोजना’ भारत में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और बांग्लादेश के दिनाजपुर ज़िले के पार्बतीपुर को जोड़ेगी।
    • दोनों देशों ने हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में सहयोग पर समझौते की रूपरेखा (Framework of Understanding- FOU) पर भी हस्ताक्षर किये हैं।
  • पर्यटन: पर्यटन मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2020 में भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी बांग्लादेश की रही, जिनमें से हज़ारों लोग चिकित्सा उपचार के लिये भारत आए थे।

ऐसे अंतर्राष्ट्रीय मंच जहाँ भारत और बांग्लादेश दोनों सदस्य हैं:

भारत और बांग्लादेश के बीच वर्तमान प्रमुख मुद्दे

  • तीस्ता नदी जल विवाद: तीस्ता नदी भारत से बांग्लादेश में प्रवेश करते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर प्रवाहित होती है। पश्चिम बंगाल के लगभग आधा दर्जन ज़िले इस नदी पर निर्भरता रखते हैं। यह बांग्लादेश के वृहत रंगपुर क्षेत्र में धान की खेती के लिये सिंचाई की एक प्रमुख स्रोत भी है।
    • बांग्लादेश की शिकायत है कि उसे जल का उचित हिस्सा प्राप्त नहीं होता है। चूँकि भारत में जल राज्य सूची का विषय है, इसलिये बंगाल की राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच असहमति से बाधा की स्थिति बनती है।
    • तीस्ता जल बँटवारे विवाद को सुलझाने के लिये अभी तक दोनों देशों के बीच किसी संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया गया है।
  • अवैध प्रवासन: बांग्लादेश से भारत में अवैध आप्रवासन (जिसमें शरणार्थी और आर्थिक प्रवासी दोनों शामिल हैं) बेरोकटोक जारी है।
    • सीमा पार से ऐसे प्रवासियों की बड़ी संख्या के आगमन ने बांग्लादेश की सीमा से लगे भारतीय राज्यों के लोगों के लिये गंभीर सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक समस्याएँ खड़ी कर दी हैं, जो इसके संसाधनों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये गंभीर निहितार्थ रखते हैं।
      • यह समस्या तब और जटिल हो गई जब मूल रूप से म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश के रास्ते भारत में घुसपैठ करने लगे।
    • इसके अलावा, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC)—जो भविष्य में बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों के भारत में प्रवेश पर रोक का लक्ष्य रखता है, ने भी बांग्लादेश में गहन चिंता को जन्म दिया है।
  • मादक द्रव्यों की तस्करी: सीमा पार से मादक द्रव्यों की तस्करी की कई घटनाएँ सामने आई हैं। इसके अलावा, मानव तस्करी (विशेषकर बच्चों और महिलाओं की तस्करी) और सीमा क्षेत्र में विभिन्न वन्यजीवों एवं पक्षियों के अवैध शिकार की घटनाएँ भी होती रहती हैं।
  • आतंकवाद: सीमा क्षेत्र आतंकवादी घुसपैठ के लिये अतिसंवेदनशील हैं। जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) जैसे कई आतंकी संगठन भारत भर में अपना जाल फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
    • JMB को बांग्लादेश, भारत, मलेशिया और यूनाइटेड किंगडम द्वारा एक आतंकवादी समूह के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
    • हाल ही में राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) ने भोपाल की एक विशेष न्यायालय में JMB के 6 सदस्यों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की है।
  • बांग्लादेश में बढ़ता चीनी प्रभाव: बांग्लादेश चीन के ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (BRI) का एक सक्रिय भागीदार है, जबकि भारत इसका अंग नहीं है।
    • इसके अलावा, बांग्लादेश ने रक्षा क्षेत्र में पनडुब्बियों सहित अन्य चीनी सैन्य उपकरणों का आयात किया है जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये प्रमुख चिंता का विषय है।

आगे की राह

  • तीस्ता नदी जल विवाद को संबोधित करना: तीस्ता नदी के जल के बँटवारे की सीमा के निर्धारण और एक परस्पर समझौते तक पहुँचने की दिशा में आम सहमति स्थापित करने के लिये पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार दोनों को आपसी समझ के साथ मिलकर कार्य करना चाहिये और सहकारी संघवाद का संकेत देना चाहिये।
  • बेहतर संपर्क: तटीय संपर्क, सड़क, रेल और अंतर्देशीय जलमार्गों में सहयोग को मज़बूत कर इस भूभाग में कनेक्टिविटी/संपर्क बढ़ाने की आवश्यकता है।
  • ऊर्जा सुरक्षा: चूँकि वैश्विक ऊर्जा संकट का उभार जारी है, यह अपरिहार्य है कि भारत और बांग्लादेश दक्षिण एशिया को पर्याप्त ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने हेतु स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा का उपयोग करने में परस्पर सहयोग करें।
    • भारत बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन: यह परियोजना भूमिगत रूप से से शुरू की जा रही है और इसके पूरा होने पर भारत से उत्तरी बांग्लादेश में डीजल की उच्च गति से आवाजाही हो सकेगी।
    • बांग्लादेश ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों की सरकार-से-सरकार आपूर्ति हेतु एक पंजीकृत एजेंसी के रूप में स्वीकार किया है।
  • व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) की ओर ध्यान केंद्रित करना: बांग्लादेश वर्ष 2026 तक एक अल्प विकसित देश (LDC) से एक विकासशील देश में परिणत हो जाएगा और फिर अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय व्यापार समझौतों के तहत LDC को प्राप्त व्यापार और अन्य लाभों का पात्र नहीं रह जाएगा।
    • व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement- CEPA) के माध्यम से बांग्लादेश इस संक्रमण का प्रबंधन कर सकने और अपने व्यापार विशेषाधिकारों को संरक्षित रख सकने में सक्षम होगा। यह भारत और बांग्लादेश के बीच आर्थिक संबंधों को भी मज़बूत करेगा।
  • चीन के प्रभाव का मुक़ाबला करना: परमाणु प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, आधुनिक कृषि तकनीकों और बाढ़ डेटा विनिमय के साथ बांग्लादेश की सहायता करने से उसके साथ भारत के संबंधों को और मज़बूती मिलेगी और यह चीन के प्रभाव का काफी हद तक मुक़ाबला करने में भारत की मदद करेगा।
  • शरणार्थी संकट से निपटना: भारत और बांग्लादेश दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) में अन्य देशों को शरणार्थियों पर सार्क घोषणा का विकास करने और शरणार्थियों एवं आर्थिक प्रवासियों की स्थिति निर्धारित करने के लिये एक विशिष्ट प्रक्रिया निर्धारित करने हेतु अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।

प्रश्न: भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति में बांग्लादेश की केंद्रीय भूमिका के बावजूद अभी भी कई प्रमुख मुद्दे मौजूद हैं जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है। परीक्षण कीजिये।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्षों के प्रश्न (PYQ)

प्रश्न: तीस्ता नदी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. तीस्ता नदी का उद्गम वही है जो ब्रह्मपुत्र का है लेकिन यह सिक्किम से होकर प्रवाहित होती है।
  2. रंगीत नदी की उत्पत्ति सिक्किम में होती है और यह तीस्ता नदी की एक सहायक नदी है।
  3. तीस्ता नदी, भारत एवं बांग्लादेश की सीमा पर बंगाल की खाड़ी में जा मिलती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: b

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2