प्रारंभिक परीक्षा
भारत-बांग्लादेश नदी जल बँटवारा समझौता ज्ञापन
- 26 Aug 2022
- 7 min read
भारत और बांग्लादेश ने कुशियारा नदी के अंतरिम जल बँटवारे पर समझौता ज्ञापन (MoU) को अंतिम रूप दिया है।
समझौता ज्ञापन के मुख्य बिंदु:
- इसे भारत और बांग्लादेश के मंत्रिस्तरीय संयुक्त नदी आयोग (JRC) की 38वीं बैठक के दौरान अंतिम रूप दिया गया था।
- इसने अक्तूबर 2019 के भारत-बांग्लादेश समझौता ज्ञापन के अनुसार त्रिपुरा के सबरूम शहर की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये फेनी नदी पर पानी के इंटेक प्वाइंट (एक प्रकार का पंप स्टेशन जहाँ जल संचायक टैंक/जल स्रोत में छोड़ा जाता है) के डिज़ाइन को अंतिम रूप दिया।
- इसके अलावा कई आपसी हित के द्विपक्षीय समस्याओं पर चर्चा हुई जिसमें साझा नदियों के जल बँटवारे, बाढ़ के डेटा का साझाकरण, नदी प्रदूषण को संबोधित करने, अवसादन प्रबंधन पर संयुक्त अध्ययन करने, नदी तट संरक्षण कार्य आदि शामिल हैं।
- इसके अलावा कई आपसी हित के द्विपक्षीय समस्याओं पर चर्चा हुई जिसमें साझा नदियों के जल बँटवारे, बाढ़ के डेटा का साझाकरण, नदी प्रदूषण को संबोधित करने, अवसादन प्रबंधन पर संयुक्त अध्ययन करने, नदी तट संरक्षण कार्य आदि शामिल हैं।
संयुक्त नदी आयोग (JRC):
- परिचय:
- भारत और बांग्लादेश के संयुक्त नदी आयोग का गठन वर्ष 1972 में एक द्विपक्षीय तंत्र के रूप में किया गया था ताकि साझा / सीमा / सीमावर्ती नदियों पर पारस्परिक हित के मुद्दों को हल किया जा सके।
- JRC का नेतृत्त्व दोनों देशों के जल संसाधन मंत्री करते हैं।
- महत्त्व:
- यह बारह वर्षों के लंबे अंतराल के बाद शुरू हो रहा है, हालाँकि JRC के ढाँचे के तहत तकनीकी बातचीत अंतरिम में जारी रही है।
- चूँकि भारत और बांग्लादेश 54 नदियों को साझा करते हैं, जिनमें से सात की पहचान प्राथमिकता के आधार पर पहले ही जल-बँटवारे के समझौतों के ढाँचे को विकसित करने के लिये की गई है।
- नवीनतम बैठक के दौरान वे डेटा विनिमय के लिये आठ और नदियों को शामिल करने पर सहमत हुए।
- परिणाम:
- बैठक में दोनों देशों के बीच साझा नदियों, विशेष रूप से गंगा, तीस्ता, मनु, मुहुरी, खोवाई, गुमटी, धारला, दूधकुमार और कुशियारा से संबंधित मुद्दों के सभी पहलुओं पर चर्चा की गई।
- इसके अलावा बाढ़ से संबंधित आँकड़ों और सूचनाओं के आदान-प्रदान, नदी तट संरक्षण कार्यों, संयुक्त बेसिन प्रबंधन एवं भारतीय नदी को जोड़ने की परियोजना पर विस्तार से चर्चा की गई।
- दोनों देश अंतरिम जल बँटवारे समझौते का मसौदा ढाँचा तैयार करने की दिशा में आँकड़ों और सूचनाओं के आदान-प्रदान में कुछ और नदियों को शामिल करने पर सहमत हुए।
- बैठक में दोनों देशों के बीच साझा नदियों, विशेष रूप से गंगा, तीस्ता, मनु, मुहुरी, खोवाई, गुमटी, धारला, दूधकुमार और कुशियारा से संबंधित मुद्दों के सभी पहलुओं पर चर्चा की गई।
कुशियारा नदी
- कुशियारा नदी बांग्लादेश और असम में एक वितरिका (Distributary) नदी है।
- यह बराक नदी की एक शाखा के रूप में भारत-बांग्लादेश की सीमा बनाती है जब बराक कुशियारा और सूरमा में अलग हो जाती है।
- कुशियारा नदी की सहायक नदियों से मणिपुर, मिज़ोरम और असम जल प्राप्त करतें है।
- कुशियारा अजमेरीगंज उपज़िला (बांग्लादेश) में मारकुली में सूरमा के साथ फिर से मिलती है और कालनी नाम से भैरब बाज़ार (बांग्लादेश) तक दक्षिण की ओर बहती है।
- कालनी सूरमा की एक शाखा धनु (बांग्लादेश) से मिलती है फिर इसका नाम बदलकर मेघना हो जाता है।
फेनी नदी:
- फेनी नदी को बंगाली में फेनी नोदी के नाम से भी जाना जाता है जो भारत-बांग्लादेश सीमा का हिस्सा है।
- फेनी नदी का उद्गम दक्षिण त्रिपुरा ज़िले से होता है तथा यह सबरूम शहर से गुजरती हुई बांग्लादेश में प्रवाहित होती है तथा आगे यह बंगाल की खाड़ी से मिलती है।
- इस नदी के पास के शहरों में रहने वाले लोगों के लिये इसका कृषि महत्त्व बहुत अधिक है।
- यह नदी उनकी आजीविका का भी स्रोत है जिसके माध्यम से वे अपनी फसलों की सिंचाई और अपने नियमित ज़रूरतों हेतु जल का उपयोग करने जैसे कई लाभ प्राप्त करते हैं।
- मैत्री सेतु, फेनी नदी पर 1.9 किमी लंबा पुल भारत-बांग्लादेश को जोड़ने के लिए त्रिपुरा में बनाया गया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा पिछले वर्ष के प्रश्न:प्रारंभिक परीक्षा: Q तीस्ता नदी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: B व्याख्या:
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