अंतर्राष्ट्रीय संबंध
श्रीलंका को चीन की सहायता
- 18 Oct 2023
- 11 min read
प्रीलिम्स के लिये:निर्यात-आयात (EXIM) बैंक ऑफ चाइना, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), क्रेडिट लाइन (LoC), विस्तारित फंड सुविधा (EFF), हेयरकट, मुद्रास्फीति, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) ऋण-जाल कूटनीति मेन्स के लिये:श्रीलंका को चीन की सहायता और द्वीप देश के साथ भारत के संबंधों पर बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का प्रभाव। |
स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों ?
श्रीलंका के आर्थिक संकट में फँसने के एक वर्ष से अधिक समय बाद, उसने अपने बकाया ऋण के लगभग 4.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर को कवर करने के लिये चीन के निर्यात-आयात (EXIM) बैंक के साथ एक समझौता किया है।
- भारत के लिये श्रीलंका को चीन की सहायता को एक अन्य साधन के रूप में देखा जाएगा जिसके माध्यम से वह द्वीप राष्ट्र के साथ अपने संबंधों को बेहतर करने में निवेश कर रहा है।
श्रीलंका को चीन की वर्तमान सहायता का संदर्भ:
- श्रीलंका के आर्थिक संकट के कारण और उसकी प्रतिक्रिया:
- श्रीलंका के 83 बिलियन अमरीकी डालर के आधे से अधिक ऋण विदेशी ऋणदाताओं के कारण थे, जब श्रीलंका ने अप्रैल 2022 में कहा था कि इसे चुकाना असंभव होगा।
- संकट में योगदान देने वाले कारकों में वर्ष 2019 में बड़ी कर कटौती, पर्यटन उद्योग पर कोविड-19 महामारी का प्रभाव और यूक्रेन में युद्ध के कारण ईंधन की कमी शामिल है।
- श्रीलंका ने चीन और भारत से सहायता मांगी, जहाँ भारत ने ईंधन के लिये 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर तथा आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिये 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की क्रेडिट लाइन दी।
- ऋण वार्ता में चिंताएँ एवं चुनौतियाँ: IMF की शर्तों को पूरा करने के लिये श्रीलंका ने चीन, जापान और भारत सहित बॉण्डधारकों तथा प्रमुख द्विपक्षीय ऋणदाताओं के साथ चर्चा शुरू की।
- श्रीलंका को 2.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की IMF विस्तारित निधि सुविधा प्राप्त हुई, लेकिन ऋण पुनर्गठन के माध्यम से अपने लेनदारों से ऋण स्थिरता के लिये वित्तपोषण आश्वासन सुरक्षित करना पड़ा।
- उदाहरण के लिये, श्रीलंका ने विदेशी निवेशकों से बकाया ऋण में 30% की कमी करने के लिये कहा, जिससे उसे कुल ऋण में 16.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी का अनुमान है।
- पेरिस समूह ने चीन और भारत को यह सुनिश्चित करते हुए समग्र रूप से समझौते में लाने का प्रयास किया है कि किसी भी देश को पक्षपातपूर्ण शर्तें न प्राप्त हों।
- चीन परंपरागत रूप से गोपनीय शर्तों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करता रहा है, जबकि भारत को एक साझा मंच में शामिल होने को लेकर चिंता थी क्योंकि इसका हिंद महासागर क्षेत्र में सैन्य और रणनीतिक हितों पर प्रभाव पड़ सकता है।
- श्रीलंका को 2.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की IMF विस्तारित निधि सुविधा प्राप्त हुई, लेकिन ऋण पुनर्गठन के माध्यम से अपने लेनदारों से ऋण स्थिरता के लिये वित्तपोषण आश्वासन सुरक्षित करना पड़ा।
चीन-श्रीलंका संबंध की प्रगाढ़ता:
- श्रीलंका का सबसे बड़ा ऋणदाता:
- चीन श्रीलंका का सबसे बड़ा द्विपक्षीय ऋणदाता है।
- श्रीलंका अपने विदेशी ऋण के बोझ से निपटने के लिये चीनी ऋण पर बहुत अधिक निर्भर है।
- बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में निवेश:
- चीन ने वर्ष 2006-19 के बीच श्रीलंका की बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में लगभग 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है।
- हिंद महासागर में चीन की स्थिति:
- दक्षिण-पूर्व एशिया और प्रशांत महासागर की तुलना में चीन को दक्षिण एशिया एवं हिंद महासागर में मित्रतापूर्ण जल क्षेत्र प्राप्त है।
- चीन को ताइवान के विरोध, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी एशिया में क्षेत्रीय विवादों के अतिरिक्त अमेरिका तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ असंख्य मतभेदों का सामना करना पड़ता है।
- छोटे राष्ट्रों के बदलते हित:
- श्रीलंका का आर्थिक संकट उसे अपनी नीतियों को चीन के हितों के अनुरूप बनाने के लिये और प्रेरित कर सकता है।
- भारत की चिंताएँ:
- SAGAR पहल का विरोध: चीन द्वारा प्रस्तावित "हिंद महासागर द्वीप देशों के विकास पर फोरम" भारत की SAGAR (क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास) पहल के विरोध में था।
- विकास के मुद्दे: 99 वर्षों की लीज़ के तहत श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन का औपचारिक नियंत्रण है।
- श्रीलंका ने कोलंबो बंदरगाह के चारों ओर एक विशेष आर्थिक क्षेत्र और एक नया आर्थिक आयोग स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिसे चीन द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।
- हंबनटोटा और कोलंबो पोर्ट सिटी परियोजना को पट्टे पर दिये जाने से चीनी नौसेना के लिये हिंद महासागर में स्थायी उपस्थिति लगभग-लगभग तय है, यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये चिंता का विषय है।
- भारत को घेरने की चीन की इस रणनीति को स्ट्रिंग्स ऑफ पर्ल्स रणनीति कहा जाता है।
- भारत के पड़ोसी देशों पर प्रभाव: बांग्लादेश, नेपाल और मालदीव जैसे अन्य दक्षिण एशियाई देश भी बड़े पैमाने पर बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिये चीन की ओर रुख कर रहे हैं।
भारत और श्रीलंका के बीच संबंध:
- ऐतिहासिक संबंध: भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक, धार्मिक एवं व्यापारिक संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है।
- दोनों देशों के बीच मज़बूत सांस्कृतिक संबंध हैं, कई श्रीलंकाई लोगों का मानना है कि उनकी विरासत भारत से संबंधित है। बौद्ध धर्म, जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई, श्रीलंका में भी एक प्रमुख धर्म है।
- भारत द्वारा वित्तीय सहायता: भारत ने श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के दौरान श्रीलंका को लगभग 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की थी।
- भारत श्रीलंका के वित्तपोषण और ऋण पुनर्गठन के लिये अपना समर्थन पत्र सौंपने वाला पहला देश बन गया।
- क्षेत्रीय और हिंद महासागरीय संदर्भ: दोनों देश हिंद महासागर क्षेत्र में बसे महत्त्वपूर्ण देश हैं और इन दोनों के बीच के संबंधों को व्यापक क्षेत्रीय तथा हिंद महासागरीय संदर्भ में देखा जाता है।
- आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौता (Economic and Technology Cooperation Agreement- ETCA): दोनों देश अपनी अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत करने तथा विकास को बढ़ावा देने के लिये आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौते की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं।
- बहु-परियोजना पेट्रोलियम पाइपलाइन पर समझौता: भारत और श्रीलंका दोनों ने भारत के दक्षिणी भाग से श्रीलंका तक एक बहु-उत्पाद पेट्रोलियम पाइपलाइन की स्थापना पर सहमति जताई है।
- भारत की UPI को अपनाना: श्रीलंका ने भारत की UPI सेवा को अपनाया है, जो दोनों देशों के बीच फिनटेक कनेक्टिविटी को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- व्यापार निपटान, अर्थात् व्यापारिक लेन-देन के लिये रुपए के उपयोग से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को काफी मदद मिली है। यह श्रीलंका की आर्थिक सुधार तथा वृद्धि में मदद करने की दिशा में एक ठोस कदम हैं।
- आर्थिक संबंध: अमेरिका और ब्रिटेन के बाद भारत श्रीलंका का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। श्रीलंका के 60% से अधिक निर्यात भारत-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौते का लाभ उठाते हैं। भारत श्रीलंका में एक प्रमुख निवेशक भी है।
- रक्षा: भारत और श्रीलंका संयुक्त सैन्य (मित्र शक्ति) और नौसेना अभ्यास (SLINEX) आयोजित करते हैं।
- समूहों में भागीदारी: श्रीलंका बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल (BIMSTEC) तथा दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) सार्क जैसे समूहों का भी सदस्य है जिसमें भारत अग्रणी भूमिका निभाता है।
नोट: भारतीय प्रधानमंत्री और श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने हाल ही में श्रीलंका में गृहयुद्ध के कारण रद्द की गई नौका सेवा को लगभग चार दशक बाद फिर से शुरू किया।
- यह नौका तमिलनाडु (भारत) में नागापट्टिनम को श्रीलंका के जाफना में कांकेसंथुराई से जोड़ती है, जिसका लक्ष्य बढ़ी हुई कनेक्टिविटी और साझा सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक संबंधों के माध्यम से दोनों देशों को करीब लाना है।
- यह 60 समुद्री मील की यात्रा लगभग 3.5 घंटे में तय करेगी।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में देखा जाने वाला एलीफेंट पास का उल्लेख निम्नलिखित में से किस मामले के संदर्भ में किया जाता है? (2009) (a) बांग्लादेश उत्तर: (d) मेन्स:प्रश्न. भारत-श्रीलंका संबंधों के संदर्भ में विवेचना कीजिये कि किस प्रकार आतंरिक (देशीय) कारक विदेश नीति को प्रभावित करते हैं। (2013) |