प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 16 मार्च, 2020
चैत्र जात्रा उत्सव
CHAITRA JATRA FESTIVAL
ओडिशा के तारा तारिणी पहाड़ी मंदिर (Tara Tarini Hill Shrine) में 17 मार्च, 2020 को आयोजित होने वाले प्रसिद्ध वार्षिक चैत्र जात्रा उत्सव (CHAITRA JATRA FESTIVAL) को COVID -19 संक्रमण के खिलाफ ज़रूरी उपाय के रूप में रद्द कर दिया गया।
मुख्य बिंदु:
- यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने के प्रत्येक मंगलवार को ओडिशा के तारा तारिणी पहाड़ी मंदिर में मनाया जाता है।
- चैत्र महीने के दूसरे व तीसरे मंगलवार को सबसे बड़ी सभाएँ आयोजित की जाती हैं।
- रुशिकुल्या नदी के किनारे कुमारी पहाड़ी पर स्थित तारा तारिणी पहाड़ी मंदिर ओडिशा में शक्ति की उपासना का एक प्रमुख केंद्र है।
रुशिकुल्या नदी (Rushikulya river):
- रुशिकुल्या नदी का उद्गम पूर्वी घाट की दारिंगबाड़ी (Daringbadi) पहाड़ियों से लगभग 1000 मीटर की ऊँचाई पर होता है। दारिंगबाड़ी को ‘ओडिशा का कश्मीर’ कहा जाता है।
- यह ओडिशा की प्रमुख नदियों में से एक है जो ओडिशा के कंधमाल एवं गंजम ज़िलों के जलग्रहण क्षेत्र को समाहित करती है।
- यह बंगाल की खाड़ी में गंजम ज़िले के पुरूना बांध के पास मिलती है। इसकी सहायक नदियाँ बघुआ, धनेई, बाड़ानदी आदि हैं। यह नदी डेल्टा नहीं बनाती है।
- भारतीय नौसेना की सेलबोट आईएनएसवी तारिणी का नाम तारा तारिणी पहाड़ी मंदिर के नाम पर रखा गया था।
तारा तारिणी पहाड़ी मंदिर
(Tara Tarini Hill Shrine):
- ओडिशा के गंजम ज़िले में ब्रह्मपुर शहर के पास रुशिकुल्या नदी के किनारे कुमारी पहाड़ियों पर स्थित तारा तारिणी पहाड़ी मंदिर को चरण पीठ एवं आदि शक्ति के रूप में पूजा जाता है।
- तारा तारिणी शक्ति पीठ भारत के चार प्रमुख तंत्र पीठों और शक्ति पीठों में से एक है। भारत में चार प्रमुख शक्तिपीठ निम्नलिखित हैं।
- पुरी में जगन्नाथ मंदिर
- गुवाहाटी के पास कामाख्या मंदिर
- कोलकाता में दक्षिण कालिका
- ब्रह्मपुर के पास तारा तारिणी मंदिर
- यह मंदिर ओडिया (Odia) मंदिर वास्तुकला की पारंपरिक रेखा शैली के अनुसार बनाया गया था। इसी वास्तुकला शैली में पुरी का प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर एवं भुवनेश्वर का लिंगराज मंदिर बनाया गया है।
- इस मंदिर की स्थापना किसी राजा ने नहीं बल्कि बसु प्रहाराज (Basu Praharaj) नामक एक ब्राह्मण ने की थी।
ज़ोजिल ला
Zojil La
सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation- BRO) ने हिमस्खलन की आशंका वाले ज़ोजिल ला (Zojil La) दर्रे के सभी अवरोधों को हटा दिया है जिससे रणनीतिक श्रीनगर-लेह राजमार्ग मार्च महीने के अंत तक खुल सकता है।
ज़ोजिल ला (Zojil La) के बारे में
- लद्दाख (भारतीय केंद्रशासित प्रदेश) में स्थित ज़ोजिल ला दर्रा श्रीनगर को कारगिल एवं लेह से जोड़ने वाला महत्त्वपूर्ण सड़क संपर्क मार्ग है।
- कारगिल ज़िले में स्थित यह दर्रा पश्चिम में कश्मीर घाटी को उत्तर-पूर्व में द्रास एवं सुरू घाटियों से जोड़ता है।
- इस मार्ग से गुज़रने वाली सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग (NH)-1D के रूप में निर्दिष्ट किया गया है। भारत सरकार ने सीमा सड़क संगठन (BRO) को सर्दियों के दौरान सड़क आवागमन को बनाए रखने के लिये इस मार्ग में आने वाले बर्फ अवरोधों को हटाने की ज़िम्मेदारी सौंपी है। इन सभी प्रयासों के बावजूद यह मार्ग दिसंबर से मध्य मई तक बंद रहता है।
- श्रीनगर से लेह तक दुर्गम सड़क मार्ग को आसान बनाने वाली रणनीतिक जोज़िला सुरंग को वर्ष 2018 में मंजू़री प्रदान की गई थी। सात वर्ष में पूरी होने वाली इस सुरंग की लंबाई 14.5 किलोमीटर है।
रोपैक्स सेवा
ROPAX Service
केंद्रीय जहाज़रानी राज्य मंत्री (Minister of State for Shipping) ने मुंबई में भौचा ढाक्का (Bhaucha Dhakka) से मांडवा (Mandwa) के बीच रोपैक्स सेवा (ROPAX Service) का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु:
- पूर्वी वाटरफ्रंट डेवलपमेंट के तहत रोपैक्स सेवा एक ‘जल परिवहन सेवा परियोजना’ (Water Transport Service Project) है।
- मुंबई से मांडवा के बीच सड़क के माध्यम से दूरी 110 किलोमीटर हैं, अत्यधिक यातायात जाम की स्थिति में 110 किलोमीटर की दूरी तय करने में 3-4 घंटे लगते है जबकि जलमार्ग से यह दूरी मात्र 18 किलोमीटर है और इसे रोपैक्स सेवा से तय करने में केवल एक घंटा ही लगेगा।
ईस्टर्न वाटरफ्रंट डेवलपमेंट
(Eastern Waterfront Development):
- ईस्टर्न वाटरफ्रंट मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की योजना है इस योजना के तहत मुंबई की पूर्वी तटीय बंदरगाह भूमि को सस्सून डॉक (Sassoon Dock) से वडाला तक विकसित किया जाएगा।
- मुंबई पोर्ट ट्रस्ट भारत सरकार के जहाज़रानी मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है।
- इस परियोजना के तहत कुछ प्रमुख प्रस्तावों में हाजी बंदर (Haji Bunder) के पास 93 हेक्टेयर का पार्क तथा पर्यटन से संबंधित परियोजनाओं जैसे कि उन्नत सड़कों एवं किफायती आवासों के लिये 17 हेक्टेयर के पार्क का निर्माण शामिल है।
डब्लूएएसपी-76बी
WASP-76b
वैज्ञानिकों ने उच्च तप्त एक्सोप्लैनेट डब्लूएएसपी-76बी (WASP-76b) पर तरल लौह वर्षा (Liquid Iron Rain) का पता लगाया है।
मुख्य बिंदु:
- वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि तरल लौह वर्षा का कारण एक्सोप्लैनेट WASP-76b पर खराब मौसम की स्थिति उत्पन्न होना है। WASP-76b ग्रह हमारे सौरमंडल में लगभग 390 प्रकाशवर्ष की दूरी पर स्थित है।
- WASP-76b जुपिटर के समान एक विशालकाय गैसीय ग्रह है किंतु अपने तारे के चारों ओर बहुत छोटी कक्षा (दो दिनों से भी कम) में चक्कर लगाता है।
- यह ग्रह अपने तारे के चारों ओर इतने करीब से परिक्रमा करता है कि दिन में तापमान रात की तुलना में 1000 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है और दिन में तापमान लगभग 2400 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है।
कृष्णराजा सागर जलाशय
Krishnaraja Sagar Reservoir
कर्नाटक के मांड्या ज़िले में स्थित कृष्णराजा सागर जलाशय (Krishnaraja Sagar Reservoir) में पारे के स्तर में वृद्धि के साथ-साथ वाष्पीकरण की दर में वृद्धि और अंतर्वाह जल में कमी के कारण जल स्तर में तेज़ी से कमी आ रही है।
मुख्य बिंदु:
- कृष्णराजा सागर बाँध वर्ष 1924 में कावेरी नदी पर बनाया गया था। कर्नाटक के मैसूर एवं मांड्या ज़िलों में सिंचाई के अलावा यह जलाशय मैसूर एवं बंगलूरू शहर के लिये पेयजल का मुख्य स्रोत है।
- इस प्रोजेक्ट की संकल्पना भारत रत्न से सम्मानित मैसूर के मुख्य अभियंता एम. विश्वेश्वरैया ने की थी।
- यह एक प्रकार का गुरुत्व बाँध है। इस बाँध से छोड़ा गया पानी तमिलनाडु राज्य के सलेम ज़िले में स्थित मेट्टूर बाँध में इकठ्ठा होता है।
- बृंदावन गार्डन (Brindavan Garden) इस बाँध के पास स्थित है।