वायु प्रदूषण | 23 May 2023

प्रिलिम्स के लिये:

वायु प्रदूषण, सेंटिनल‑5P उपग्रह, गूगल अर्थ इंजन, AQI, कोविड-19, NCAP, SAFAR

मेन्स के लिये:

वायु प्रदूषण 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में जर्नल नेचर में एक शोध प्रकाशित हुआ है जिसका शीर्षक है "मशीन लर्निंग-बेस्ड कंट्री-लेवल एनुअल एयर पॉल्यूटेंट्स एक्सप्लोरेशन यूज़िंग सेंटिनल-5P और गूगल अर्थ इंजन" जिसमें बताया गया है कि वर्ष 2018-2021 के दौरान भारत में मानव-प्रेरित वायु प्रदूषण का अधिकतम स्तर देखा गया। 

शोधकर्त्ताओं द्वारा उपयोग की गई पद्धति:

  • शोधकर्त्ताओं ने सेंटिनल-5P उपग्रह और गूगल अर्थ इंजन (GEE) का उपयोग करके मशीन लर्निंग-आधारित देश-स्तरीय वार्षिक वायु प्रदूषण निगरानी की।
    • सेंटिनल-5P उपग्रह एक यूरोपीय उपग्रह है जो विश्व भर में वायु प्रदूषकों के स्तर पर नज़र रखता है।
  • जबकि सेंटिनल-5P ने वायुमंडलीय वायु प्रदूषकों और रासायनिक स्थितियों (वर्ष 2018-21 से) की निगरानी की तथा क्लाउड कंप्यूटिंग-आधारित GEE प्लेटफॉर्म का उपयोग दो कारकों का विश्लेषण करने के लिये किया गया था।

अध्ययन के परिणाम:

  • वायु गुणवत्ता सूचकांक :
    • वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में अत्यधिक परिवर्तन देखा गया, जबकि वर्ष 2018 और वर्ष 2019 में पूरे वर्ष निम्न AQI देखा गया।
      • AQI को आठ प्रदूषकों के लिये विकसित किया गया है। PM2.5, PM10, अमोनिया, लेड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, ओज़ोन और कार्बन मोनोऑक्साइड।
    • अध्ययन की अवधि में  दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, पुणे और चेन्नई में वायु प्रदूषण के संदर्भ में अत्यधिक उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया। 
    • कोलकाता के सात AQI निगरानी स्टेशनों में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के उच्च स्तर देखे गए: वर्ष 2018 में 102, वर्ष 2019 में 48, वर्ष 2020 में 26 और वर्ष 2021 में 98।
      • दिल्ली में भी उच्च NO2 विविधताएँ दर्ज की गईं; वर्ष 2018 में 99, वर्ष 2019 में 49, वर्ष 2020 में 37 तथा  वर्ष 2021 में 107 आदि।
  • कारण: 
    • इस अवधि में कोविड-19 महामारी के तीन चरणों (महामारी के पहले, महामारी के दौरान और महामारी के बाद) में परिवहन, औद्योगिक बिजली संयंत्रों, ग्रीन स्पेस डायनामिक्स और देश में अनियोजित शहरीकरण के विकास के कारण वायु प्रदूषण में वृद्धि देखी गई।
    • जलवायु परिस्थितियों और वायुमंडलीय परिवर्तनों के लिये मानवजनित क्रियाएँ सबसे प्रमुख कारण हैं तथा भारत ऐसी गतिविधियों से सबसे अधिक प्रभावित होने वाला देश है।
    • ग्रामीण वायु प्रदूषण के संदर्भ में कृषि अपशिष्ट जलाना भी मुख्य कारण है।
  • आशय: 
    • भारत में मानवजनित गतिविधियाँ स्वास्थ्य समस्याओं और प्रदूषण से संबंधित बीमारियों जैसे अस्थमा, श्वसन रोग, फेफड़ों के कैंसर तथा त्वचा संबंधी बीमारियों में वृद्धि का कारण है। चिंता के मुख्य प्रदूषक NO2, कार्बन मोनोऑक्साइड, ओज़ोन, सल्फर डाइऑक्साइड तथा मीथेन हैं।
    • वायु प्रदूषण और मौसम की चरम स्थितियाँ आपस में जुड़ी हुई हैं। मीथेन, ओज़ोन और एरोसोल जैसे वायु प्रदूषक सूर्य के प्रकाश को प्रभावित करते हैं।
    • उच्च वोल्टेज विद्युत के निर्वहन ने ऑक्सीजन को ओज़ोन में परिवर्तित कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप ओज़ोन परत के क्षरण से पराबैंगनी किरणों का प्रवेश बढ़ गया है।
  • अनुशंसाएँ: 
    • पर्यावरण की रक्षा हेतु जागरूकता और योजना की आवश्यकता है।
    • उचित योजना, प्रबंधन और विकास रणनीतियाँ पर्यावरण की रक्षा में मदद कर सकती हैं।

वायु प्रदूषण से निपटने हेतु सरकार की पहल:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. हमारे देश के शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) के परिकलन करने में साधारणतया निम्नलिखित वायुमंडलीय गैसों में से किनको विचार में लिया जाता है? (2016)

  1. कार्बन डाइऑक्साइड
  2. कार्बन मोनोक्साइड
  3. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड
  4. सल्फर डाइऑक्साइड
  5. मेथैन

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (b) 


मेन्स 

प्रश्न. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) द्वारा हाल ही में जारी किये गए संशोधित वैश्विक वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों (ए.क्यू.जी.) के मुख्य बिंदुओं का वर्णन कीजिये। विगत 2005 के अद्यतन से, ये कैसे भिन्न हैं? इन संशोधित मानकों को प्राप्त करने के लिये, भारत के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में किन परिवर्तनों की आवश्यकता है? (2021) 

स्रोत: डाउन टू अर्थ