प्रिलिम्स फैक्ट्स (30 May, 2024)



मस्तिष्क में संवेदनाहारी औषधियों के कार्य

स्रोत: द हिंदू

हालिया शोध से सामान्य संवेदनाहारी (Anaesthesia या एनेस्थीसिया) की कार्यप्रणाली के बारे में नए साक्ष्यों का पता चला है कि ये औषधियाँ (Drugs) मुख्य रूप से मस्तिष्क के उन विशिष्ट क्षेत्रों पर प्रभाव डालती हैं, जो हमें सतर्क और जागृत रखने के लिये ज़िम्मेदार हैं।

मस्तिष्क के अंदर संवेदनाहारी (ऐनेस्थेटिक) औषधियाँ कैसे काम करती हैं?

  • सामान्य संवेदनाहारी दवाएँ 180 से अधिक वर्षों से आधुनिक चिकित्सा की आधारशिला रही हैं। फिर भी चिकित्सकों के पास मस्तिष्क में उनके सटीक कामकाज़ के बारे में पूरी तरह से समझ नहीं है।
  • मानव मस्तिष्क में लगभग 86 बिलियन न्यूरॉन्स होते हैं, जिन्हें सामान्य तौर पर उत्तेजक (हमें जागृत रखने वाले) और निरोधक (उत्तेजक न्यूरॉन्स को नियंत्रित करने वाले) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
    • ये चेतना को नियंत्रित करने के लिये संतुलन बनाकर कार्य करते हैं। नींद में अवरोधक न्यूरॉन्स उत्तेजक न्यूरॉन्स का शमन करते हैं।
  • सामान्य संवेदनाहारी उत्तेजक न्यूरॉन्स का शमन करके नींद/निद्रा जैसी स्थिति को दर्शाता है, जिससे सर्जरी के समय हम सुषुप्त हो जाते हैं।
  • हाल ही में किये गए शोध निष्कर्ष: अध्ययन में उत्तेजक और निरोधात्मक न्यूरॉन्स के बीच प्रोटीन में अंतर की पहचान की गई। ये अंतर यह बता सकते हैं कि संवेदनाहारी द्वारा केवल उत्तेजक संचार ही क्यों बाधित होता है।
    • भावी अनुसंधान का लक्ष्य विशिष्ट प्रोटीन भिन्नता की पहचान करना है जो उत्तेजक न्यूरॉन्स को अधिक संवेदनशील बनाता है।

मानव मस्तिष्क के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • मानव मस्तिष्क मानव तंत्रिका तंत्र का कमांड सेंटर है।
  • यह शरीर के संवेदी अंगों से संकेत प्राप्त करता है और मांसपेशियों तक सूचना पहुँचाता है।
  • मानव मस्तिष्क की मूल संरचना अन्य स्तनधारियों के मस्तिष्क के समान ही होती है, लेकिन शरीर के आकार की तुलना में यह डॉल्फिन, व्हेल और हाथी जैसे कई अन्य स्तनधारियों के मस्तिष्क से बड़ा होता है।

Human_Brain

मस्तिष्क के भाग

विवरण

प्रमुख कार्य

प्रमस्तिष्क (सबसे बड़ा भाग)

2 गोलार्धों में विभाजित 

विचार, योजना, स्मृति, भावना, गति और संवेदी प्रसंस्करण।

थैलेमस

मस्तिष्क का रिले केंद्र

मस्तिष्क प्रांतस्था तक मोटर और संवेदी संकेतों को रिले करने के लिये। यह नींद, सतर्कता और जागने को भी नियंत्रित करता है।

हाइपोथेलेमस

तंत्रिका तंत्र को अंतःस्रावी तंत्र से जोड़ता है।

शरीर को स्थिर अवस्था में रखता है जिसे होमियोस्टेसिस कहा जाता है।

मस्तिष्क स्तंभ

यह मस्तिष्क को रीढ़ की अस्थियों से जोड़ता है और महत्त्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करता है।

मस्तिष्क और शरीर के बीच सूचना का संचार करता है।

हृदय गति, श्वास और चेतना (नींद/जागने के चक्र) को नियंत्रित करता है।

उप-भाग: मध्य मस्तिष्क, पोंस और मेडुला ऑबोंगटा।

सेरिबैलम

पश्च मस्तिष्क की प्रमुख संरचना

समन्वय, संतुलन और संभवतः कुछ संज्ञानात्मक कार्य।

मस्तिष्क मेरु द्रव (CSF)

साफ, रंगहीन, जल जैसा मस्तिष्क द्रव

कुशनिंग और अपशिष्ट निष्कासन

तंत्रिकोशिका (न्यूरॉन) के बारे में:

  • न्यूरॉन तंत्रिका तंत्र के मूलभूत निर्माण खंड हैं, जो पूरे शरीर में सूचना को संचारित करते हैं।
  • भाग: इसमें मुख्यतः तीन भाग होते हैं:
    • कोशिका काय (Cell Body or soma): इसमें नाभिक होता है तथा यह न्यूरॉन के कार्यों को नियंत्रित करता है। 
    • द्रुमक्ष्य (Dendrites): कोशिका काय के ऊपर शाखाओं के समान दिखने वाले विस्तार जो अन्य न्यूरॉन्स से संकेत प्राप्त करते हैं
    • तंत्रिकाक्ष (Axon): यह एक लंबा, पतला तंतु है जो अन्य न्यूरॉन्स, मांसपेशियों या ग्रंथियों को संकेत प्रेषित करता है। कुछ तंत्रिकाक्ष माइलिन (Myelin) नामक एक वसायुक्त आवरण से ढके होते हैं, जो संकेत संचरण को गति प्रदान करता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. प्राय: समाचारों में आने वाला Cas9 प्रोटीन क्या है? (2019)

(a) लक्ष्य-साधित जीन संपादन (टारगेटेड जीन एडिटिंग) में प्रयुक्त आण्विक कैंची
(b) रोगियों में रोगजनकों की ठीक-ठीक पहचान के लिये प्रयुक्त जैव संवेदक
(c) एक जीन जो पादपों को पीड़क-प्रतिरोधी बनाता है
(d) आनुवंशिकत: रूपांतरित फसलों में संश्लेषित होने वाला एक शाकनाशी पदार्थ

उत्तर: (a)


नासा का प्रीफायर मिशन

स्रोत; इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (National Aeronautics and Space Administration- NASA) ने पृथ्वी के ध्रुवों पर ऊष्मा उत्सर्जन का अध्ययन करने के लिये क्यूबसैट (CubeSat) नामक लघु उपग्रहों की एक जोड़ी को प्रक्षेपित किया है।

  • PREFIRE/प्रीफायर (पोलर रेडिएंट एनर्जी इन द फार-इन्फ्रारेड एक्सपेरिमेंट) मिशन का उद्देश्य पृथ्वी के ध्रुवों से निकलने वाले ऊष्मा उत्सर्जन का अध्ययन करके ग्रह के ऊर्जा बजट (Energy Budget) को समझने वाले एक महत्त्वपूर्ण अंतराल को दूर करना है।
    • इस मिशन में दो क्यूबसैट शामिल हैं जो थर्मल इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर से युक्त हैं तथा आर्कटिक और अंटार्कटिका क्षेत्रों से उत्सर्जित इन्फ्रारेड एवं सुदूर इन्फ्रारेड विकिरण का मापन करते हैं
  • पृथ्वी और अंतरिक्ष के मध्य भविष्य में ताप विनिमय संबंधी परिवर्तनों तथा बर्फ के पिघलने, वायुमंडलीय तापमान एवं वैश्विक मौसम पर उनके प्रभावों पर पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार देखा जा सकता है।
  • क्यूब सैटेलाइट (क्यूबसैट) एक मानकीकृत, कम लागत वाला, उपग्रह का छोटा डिज़ाइन है, जिसका उपयोग आमतौर पर तकनीकी प्रदर्शन और अनुसंधान के लिये किया जाता है। यह एक नैनोसैटेलाइट (Nanosatellite) है जिसका वज़न 10 किलोग्राम से भी कम है।
    • ये अपेक्षाकृत सस्ते हैं और बड़ी संख्या में प्रक्षेपित किये जा सकते हैं, जिससे ये वैज्ञानिक अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिये एक मूल्यवान उपकरण बन जाते हैं।

और पढ़ें: वर्ष 2024 में अंतरिक्ष मिशन


प्रवाह (PRAVAAH) पोर्टल

स्रोत; द हिंदू

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने हाल ही में 3 प्रमुख पहलें शुरू की हैं:

  • प्रवाह (Platform for Regulatory Application, VAlidation and AutHorisation- PRAVAAH) पोर्टल: व्यक्तियों और संस्थाओं के लिये RBI से विभिन्न प्रकार के विनियामक अनुमोदनों हेतु आवेदन करने के लिये एक सुरक्षित और केंद्रीकृत ऑनलाइन मंच (वेब-आधारित पोर्टल)
    • इसके माध्यम से एकल संपर्क बिंदु की उपलब्धता द्वारा प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा तथा इसका उद्देश्य RBI की विनियामक स्वीकृतियों की दक्षता में सुधार करना है।
  • रिटेल डायरेक्ट (Retail Direct) मोबाइल ऐप: यह ऐप खुदरा निवेशकों को प्रत्यक्ष तौर पर अपने स्मार्टफोन के ज़रिये सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs) में सरलतापूर्वक निवेश हेतु रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म तक पहुँच प्रदान करता है।
  • फिनटेक रिपोजिटरी (FinTech Repository): यह एक वेब-आधारित डेटाबेस है जिसमें भारतीय फिनटेक फर्मों के बारे में व्यापक डेटा को शामिल किया गया है, यह विनियामक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु फिनटेक परिदृश्य की बेहतर जानकारी सुलभ कराता है।
  • इसके अलावा RBI ने एमटेक रिपॉजिटरी (EmTech Repository) की भी शुरुआत की है, जो बैंकों तथा NBFCs जैसी RBI-विनियमित संस्थाओं द्वारा उभरती प्रौद्योगिकियों (कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग आदि) को अपनाने पर ध्यान केंद्रित करती है।
    • फिनटेक (FinTech) और एमटेक (EmTech) दोनों ही सुरक्षित वेब एप्लीकेशन हैं, जिनका प्रबंधन रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (RBIH) द्वारा किया जाता है।

और पढ़ें: भारतीय रिज़र्व बैंकRBI का सरकार को अधिशेष अंतरण


पापुआ न्यू गिनी को भारत की सहायता

स्रोत: द हिंदू

भारत ने विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित पापुआ न्यू गिनी को तत्काल 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की है।

  • पापुआ न्यू गिनी, भारत का घनिष्ठ मित्र है और भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (Forum for India-Pacific Islands Cooperation- FIPIC) का साझेदार है।
    • FIPIC एक मंच है जिसे वर्ष 2014 में 14 प्रशांत द्वीप देशों (Pacific Island Countries- PIC) - कुक द्वीप समूह, फिजी, किरिबाती, मार्शल द्वीप समूह, माइक्रोनेशिया, नाउरू, नियू, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, समोआ, सोलोमन द्वीप समूह, टोंगा, तुवालु और वानुअतु (सभी प्रशांत महासागर में, ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पूर्व में स्थित) के साथ भारत के संबंधों को मज़बूत करने के लिये शुरू किया गया था।
  • पापुआ न्यू गिनी दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीप राष्ट्र है, जिसमें न्यू गिनी द्वीप का पूर्वी भाग शामिल है।
    • द्वीप का पश्चिमी आधा भाग इंडोनेशिया के पापुआ और पश्चिमी पापुआ प्रांतों का हिस्सा है।

Papua New Guinea

और पढ़ें: तीसरा FIPIC शिखर सम्मेलन, भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी


ESA तथा बारह देशों ने ज़ीरो डेब्रिज़ चार्टर (ZBC) पर किये हस्ताक्षर

स्रोत: स्पेसवॉच

बारह देशों ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA)/EU स्पेस काउंसिल में ज़ीरो डेब्रिज़ चार्टर अर्थात् शून्य मलबा चार्टर पर हस्ताक्षर किये हैं, जिससे पृथ्वी की कक्षा में मानवीय गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता सशक्त हुई है।

  • नवंबर 2023 में स्पेन के सेविले में आयोजित ESA अंतरिक्ष शिखर सम्मेलन में प्रस्तुत किये गए ज़ीरो डेब्रिज चार्टर का लक्ष्य वर्ष 2030 तक अंतरिक्ष मलबों के संबंध में तटस्थता (Debris- Neutrality) प्राप्त करना है।
  • ज़ीरो डेब्रिज़ चार्टर को ESA के ‘प्रोटेक्शन ऑफ स्पेस एसेट्स एक्सेलेरेटर’ द्वारा प्रस्तुत किया गया है तथा इसे 40 वैश्विक अंतरिक्ष अभिकर्त्ताओं द्वारा तैयार किया गया था।
  • अंतरिक्ष की सुरक्षा एवं धारणीयता को उन्नत बनाने के लिये प्रतिबद्ध कोई भी संस्था चार्टर पर हस्ताक्षर कर सकती है तथा ज़ीरो डेब्रिज़ कम्युनिटी में शामिल हो सकती है इसके लिये मौज़ूदा साझेदारों से अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक नहीं है।
  • हाल ही में ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, साइप्रस, एस्टोनिया, जर्मनी, लिथुआनिया, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने ज़ीरो डेब्रिज चार्टर का अनुपालन करने का संकल्प लिया है तथा निकट भविष्य में 100 से अधिक संगठनों के इसमें शामिल होने की संभावना है।

और पढ़ें: अंतरिक्ष मलबा  Space Debris