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कनेक्टोम

  • 13 Mar 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

मानव मस्तिष्क अरबों न्यूरॉन्स से मिलकर, हमारे अस्तित्व एवं अनुभूति के लिये महत्त्वपूर्ण है जो एक जटिल नेटवर्क बनाता है। इस जटिल नेटवर्क को समझने की प्रक्रिया जिसे कनेक्टोम के नाम से जाना जाता है, जो मस्तिष्क की कार्यप्रणाली एवं तंत्रिका संबंधी विकारों में गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

  • कनेक्टोम अवधारणा तंत्रिका के संदर्भ में एक व्यापक मानचित्र का प्रतिनिधित्व करती है, जो न्यूरॉन्स के बीच आदान-प्रदान किये गए विद्युत एवं रासायनिक संकेतों को दर्शाने वाले ब्लूप्रिंट के समान है।
  • एक न्यूरॉन में एक कोशिका निकाय होता है जिसमें न्यूक्लियस, इनपुट प्राप्त करने के लिये डेंड्राइट तथा संदेश को भेजने हेतु एक अक्षतंतु होता है, जो कभी-कभी तीव्रता से सिग्नल ट्रांसमिशन के लिये माइलिन शीथ से ढका होता है।
    • न्यूरॉन्स सिनैप्स के माध्यम से संचार करते हैं, जहाँ डेंड्राइट रासायनिक संकेत प्राप्त करते हैं और साथ ही उन्हें विद्युत आवेगों में परिवर्तित भी करते हुए उन्हें अक्षतंतु के माध्यम से अन्य न्यूरॉन्स तक पहुँचाते हैं।
  • मस्तिष्क की जटिलता एवं डेटा की मात्रा के बावजूद कनेक्टोम वैज्ञानिकों की समझ को सरल बनाता है, जिससे तंत्रिका विज्ञान तथा न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य अनुसंधान में प्रगति सुनिश्चित होती है।
  • कनेक्टोम का मानचित्रण मस्तिष्क की कार्यप्रणाली और तंत्रिका प्रक्रियाओं पर अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर तथा अल्ज़ाइमर रोग जैसी स्थितियों के प्रभाव को समझने में सहायता करता है।                                   

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