लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

2D प्रोटीन मोनोलेयर अमाइलॉइडोसिस के अध्ययन में सहायक

  • 25 Nov 2023
  • 4 min read

स्रोत: पी.आई.बी. 

हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने लाइसोजाइम अणुओं को इकठ्ठा करके द्वि-आयामी (2D) प्रोटीन एकल परत (मोनोलेयर) के विकास के माध्यम से व्याधियों के अध्ययन में महत्त्वपूर्ण सफलता हासिल की है।

लाइसोजाइम तथा अमाइलॉइडोसिस क्या हैं? 

  • लाइसोजाइम एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एंजाइम है जो आँसू, लार, कफ जैसे विभिन्न शारीरिक स्रावों में पाया जाता है। यह बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर की रक्षा प्रणाली में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • यह एंज़ाइम विशेष बैक्टीरिया की कोशिका भित्तियों को तोड़ने का कार्य करता है जो उनके विकास को बाधित करता है और अंततः उनको विनाश की ओर ले जाता है।
    • यह वायुमार्ग द्रव का प्रमुख घटक भी है, जो अमाइलॉइडोसिस जैसी व्याधियों का अध्ययन करने में एक मॉडल प्रोटीन के रूप में कार्य करता है, जो अंततः बहु-अंग शिथिलता (मल्टी-ऑर्गन डिसफंक्शन) का कारण बनता है।
  • अमाइलॉइडोसिस दुर्लभ स्थितियों के एक समूह को संदर्भित करता है जो पूरे शरीर में विभिन्न अंगों और ऊतकों में अमाइलॉइड्स नामक असामान्य प्रोटीन गुच्छों के संचय की विशेषता है।
    • ये अमाइलॉइड प्रोटीन, सामान्यतः मिसफोल्डेड प्रोटीन से बने होते हैं, हृदय, गुर्दे, यकृत, प्लीहा जैसे सामान्य अंग के कार्य को बाधित कर सकते हैं और समय के साथ नुकसान पहुँचा सकते हैं।

शोध की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

  • वैज्ञानिकों ने शुद्ध जल उपचरण के इंटरफेस पर लाइसोजाइम अणुओं को 2D मोनोलेयर में इकट्ठा किया।  
    • अलग-अलग इंटरफेस पर स्थित लाइसोजाइम की ये सावधानीपूर्वक व्यवस्थित परतें, अमाइलॉइडोसिस की जटिलताओं को समझने के लिये एक असाधारण मॉडल प्रदान करती हैं।
    • इस विशेष द्वि-आयामी प्रोटीन परत को बनाने में परिष्कृत लैंगमुइर-ब्लोडेट (LB) तकनीक का उपयोग करना महत्त्वपूर्ण था।
      • लैंगमुइर-ब्लोडेट तकनीक एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग वायु-जल और वायु-ठोस इंटरफेस पर प्रोटीन सहित अणुओं की मोनोलेयर बनाने के लिये किया जाता है।
  • विभिन्न pH स्थितियों के तहत लाइसोजाइम अणुओं की संरचना और आकार में देखे गए परिवर्तन अमाइलॉइडोसिस में देखी गई असामान्यताओं को उल्लेखनीय रूप से दर्शाते हैं।
  • यह अभूतपूर्व शोध न केवल अमाइलॉइडोसिस की अधिक गहन समझ का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि रोग तंत्र की जाँच के लिये एक बहुमुखी मंच भी स्थापित करता है।
    • इसके अलावा यह प्रोटीन विज्ञान के क्षेत्र में नैनोटेक्नोलॉजी अनुप्रयोगों की खोज के लिये रोमांचक संभावनाएँ प्रस्तुत करता है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2