रैपिड फायर
एक्सोस्केलेटन प्रौद्योगिकी
स्रोत: पी.आई.बी
बंगलुरु ने 15 अप्रैल, 2024 को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research & Development Organisation- DRDO) द्वारा 'एक्सोस्केलेटन हेतु उभरती प्रौद्योगिकियों और चुनौतियों' पर पहली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की।
- एक्सोस्केलेटन परिधेय उपकरण (Wearable Devices) हैं जिन्हें मौलिक मानवीय कार्यों को सुविधाजनक बनाने के लिये डिज़ाइन किया गया है और चिकित्सा, सैन्य, बचाव, संचालन, औद्योगिक तथा उपभोक्ता उपयोग जैसे विविध क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है।
- चिकित्सा क्षेत्र में, इनका उपयोग व्यावसायिक चिकित्सा, संवर्द्धन और पुनर्वास चिकित्सा में उन लोगों की सहायता करने के लिये किया जाता है जो किसी प्रकार की दुर्घटना का सामना कर चुके हैं तथा उन्हें फिर से सामान्य रूप से चलने या कार्य करने की आवश्यकता होती है।
- बाल चिकित्सा एक्सोस्केलेटन को गतिशीलता संबंधी समस्याओं वाले बच्चों के लिये डिज़ाइन किया गया है, जैसे कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA), स्पाइनल कॉर्ड इंजरी, सेरेब्रल पाल्सी, मसल एट्रोफी और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से प्रभावित बच्चे।
- ऐसे कई औद्योगिक अनुप्रयोग हैं, जिनमें उन श्रमिकों की सहायता करना शामिल है जो पेंट स्प्रेइंग, वेल्डिंग, असेंबली लाइन सामग्री हैंडलिंग आदि जैसे कार्यों में संलग्न हैं।
- सेना में एक्सोस्केलेटन का उपयोग किया जाता है, क्योंकि वे सैनिकों पर शारीरिक बोझ को कम करने में सहायता करते हैं और लंबी दूरी तक चलने के लिये उनकी क्षमता में वृद्धि करते हैं।
- इनका उपयोग पूर्व-सेनानियों और अन्य बचाव कर्मियों को जोखिमपूर्ण वातावरण में जीवित रहने में मदद करने के लिये किया जा सकता है।
और पढ़ें: भारत में रोबोटिक्स और ऑटोमेशन
रैपिड फायर
मियावाकी पद्धति
स्रोत: आउटलुक
हाल ही में भारत स्थित इज़राइली दूतावास, एक गैर-लाभकारी संस्था के सहयोग से पृथ्वी दिवस समारोह के एक हिस्से के रूप में आधिकारिक तौर पर 'मिलियन मियावाकी' परियोजना में शामिल हुआ।
- इस परियोजना के तहत, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र- दिल्ली में 600 पेड़ों का वृक्षारोपण मियावाकी पद्धति से करके दस लाख पेड़ लगाने का प्रयास किया गया है। इसमें 30 विभिन्न स्थानीय प्रजातियाँ जैसे- अंजन, आँवला, बेल, अर्जुन तथा गुंज आदि शामिल हैं।
- मियावाकी पद्यति के प्रणेता जापानी वनस्पति वैज्ञानिक अकीरा मियावाकी (Akira Miyawaki) हैं। इस पद्यति में प्रत्येक वर्ग मीटर के भीतर दो से चार अलग-अलग प्रकार के स्थानीय वृक्ष लगाना शामिल है
- यह विधि तीन वर्षों के भीतर आत्मनिर्भर वृक्षों की पूर्ण परिपक्वता तक वृद्धि करके छोटे भूखंडों पर हरित आवरण को तेज़ी से बढ़ाती है, जिससे नियमित रख-रखाव की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
- स्थानिक वृक्षों का सघन आवरण उस क्षेत्र के धूल कणों को अवशोषित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है जहाँ उद्यान स्थापित किया गया है। पौधे सतह के तापमान को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं।
- पर्यावरण संरक्षण के समर्थन हेतु प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को विश्व भर में एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।
और पढ़ें: मियावाकी वृक्षारोपण विधि
रैपिड फायर
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, 19 अप्रैल, 2024 को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex reserves) 2.282 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर कुल 640.334 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया।
- रिज़र्व के घटक:
- विदेशी मुद्रा संपत्ति 3.793 बिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर कुल 560.86 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गयी।
- स्वर्ण भंडार 1.01 अरब अमेरिकी डॉलर बढ़कर 56.808 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।
- विशेष आहरण अधिकार (SDRs) 43 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 18.034 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास आरक्षित संपत्ति 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 4.631 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गयी।
- कमी को प्रभावित करने वाले कारक:
- इस कमी के लिये मुख्य रूप से केंद्रीय बैंक के रणनीतिक हस्तक्षेप को उत्तरदायी ठहराया गया, जिसने आर्थिक अनिश्चितताओं एवं मुद्रा मूल्यह्रास के मध्य रुपए को संरक्षित रखने के लिये विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग किया।
- RBI रुपए के तीव्र अवमूल्यन और विनिमय दर में अत्यधिक अस्थिरता को रोकने के लिये डॉलर बेचने सहित तरलता का प्रबंधन करने हेतु बाज़ार में हस्तक्षेप करता है।
- यह ध्यान दिये जाने योग्य है कि अप्रैल 2024 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गया था।
और पढ़ें: विदेशी मुद्रा भंडार में
रैपिड फायर
राजा रवि वर्मा की इंदुलेखा
स्रोत : द हिंदू
- प्रसिद्ध कलाकार राजा रवि वर्मा (29 अप्रैल, 1848) की 176वीं जयंती के अवसर पर, उनकी प्रतिष्ठित पेंटिंग "इंदुलेखा" की प्रथम वास्तविक प्रति का अनावरण कलाकार के जन्मस्थान त्रावणकोर के किलिमनूर पैलेस में हुआ।
- ओ. चंदू. मेनन के मौलिक मलयालम उपन्यास के नायक का चित्रण इंदुलेखा, क्षेत्र में प्रारंभिक आधुनिक साहित्य के प्रतीक के रूप में सांस्कृतिक और साहित्यिक महत्त्व रखता है।
- इंदुलेखा की अप्रकाशित पेंटिंग ने 2022 में सार्वजनिक होने पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
- राजा रवि वर्मा को आधुनिक भारतीय कला का जनक माना जाता है, क्योंकि उन्होंने भारतीय प्रतिमा विज्ञान को पश्चिमी यथार्थवाद के साथ जोड़ा था। उनका प्रभाव कला, साहित्य, विज्ञापन, कपड़ा और हास्य पुस्तकों जैसे विविध क्षेत्रों में देखा जाता है।
- केरल के एक कुलीन परिवार में जन्मे राजा रवि वर्मा ने 22 वर्ष की उम्र में अपने पेशेवर कला कॅरियर की शुरुआत की और तेल चित्रकला में महारत हासिल की।
- वर्मा तेल रंगों का उपयोग करने वाले पहले भारतीय कलाकारों में से थे और उन्हें भारत में चित्रकला के यूरोपीय शाखा का प्रतिनिधि माना जाता है।
- वर्मा ने शाही संरक्षण के माध्यम से अपनी प्रतिष्ठा बनायी, उन्हें महाराणा फतेह सिंह और सयाजीराव गायकवाड़ III से कई विशेष उपहार भी प्राप्त हुये।
- कृतियाँ: दमयंती हंस से बात करती हुयी, शकुंतला दुष्यंत को खोजती हुयी, नायर महिला(भारतीय राज्य केरल की हिंदू जाति) अपने बालों को सजाती हुयी, तथा शांतनु एवं मत्स्यगंधा।
- मान्यता: 1904 में ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार द्वारा कैसर-ए-हिंद स्वर्ण पदक और 2013 में बुध ग्रह पर एक क्रेटर का नाम उनके सम्मान में रखा गया था।
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प्रारंभिक परीक्षा
भुगतान एग्रीगेटर के रूप में PayU को मिली मंज़ूरी
स्रोत: बिज़नस स्टैण्डर्ड
चर्चा में क्यों?
फिनटेक फर्म PayU ने हाल ही में घोषणा की है कि उसे भुगतान एवं निपटान प्रणाली (Payment and Settlement System- PSS) अधिनियम, 2007 के तहत भुगतान एग्रीगेटर (Payment Aggregator- PA) के रूप में कार्य करने के लिये भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से सैद्धांतिक मंज़ूरी मिल गई है।
- RBI से सैद्धांतिक मंज़ूरी PayU को नए व्यापारियों को शामिल करने की अनुमति देती है, फिर भी अंतिम मंज़ूरी में आमतौर पर छह माह से एक वर्ष तक का समय लगता है।
भुगतान एग्रीगेटर क्या होता है?
- परिचय:
- PA व्यवसायों और वित्तीय संस्थानों के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है, व्यापारियों की ओर से भुगतान की प्रक्रिया को भी संभालता है।
- एक PA व्यवसायों के लिये इलेक्ट्रॉनिक भुगतान स्वीकार करने की प्रक्रिया को सरल बनाता है।
- PA भुगतान स्वीकृति प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करते हैं, जिससे व्यवसायों को वित्तीय संस्थाओं के साथ सीधे संबंध स्थापित करने की जटिलताओं से बचने की अनुमति मिलती है।
- वे व्यवसायों को एक ही मंच के माध्यम से क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, ई-वॉलेट और बैंक अंतरण सहित विभिन्न भुगतान विधियों को स्वीकार करने में सक्षम बनाते हैं।
- PA के कुछ उदाहरणों में Google Pay, Amazon Pay, Phone pe और PayPal आदि शामिल हैं।
- PA व्यवसायों और वित्तीय संस्थानों के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है, व्यापारियों की ओर से भुगतान की प्रक्रिया को भी संभालता है।
- पूंजी आवश्यकताएँ:
- नए PA के पास आवेदन के समय न्यूनतम शुद्ध संपत्ति 15 करोड़ रुपए होनी चाहिये और प्राधिकरण के बाद तीसरे वित्तीय वर्ष के अंत तक 25 करोड़ रुपए तक पहुँचनी चाहिये।
- प्राधिकरण प्रक्रिया:
- जबकि बैंक अपने सामान्य बैंकिंग संबंधों के भाग के रूप में PA सेवाएँ प्रदान करते हैं और उन्हें अलग से प्राधिकरण की आवश्यकता नहीं होती है, गैर-बैंक PA को भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (PSS) के तहत RBI से प्राधिकरण प्राप्त करना होगा।
- निपटान और निलंब (escrow) खाता प्रबंधन:
- गैर-बैंक PA को एक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक के निलंब खाते में एकत्रित धन को बनाए रखना अनिवार्य है।
- PA को लेनदेन के चक्र और सहमत शर्तों के आधार पर व्यापारियों के साथ वित्त के निपटान के लिये विशिष्ट समयसीमा का पालन करना होगा।
- गैर-बैंक PA को एक अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक के निलंब खाते में एकत्रित धन को बनाए रखना अनिवार्य है।
नोट:
- PA के विपरीत, भुगतान गेटवे (PG) वित्त को संभाले बिना ऑनलाइन भुगतान लेनदेन का आदान- प्रदान करने और प्रक्रिया की सुविधा प्रदान करने के लिये प्रौद्योगिकी बुनियादी ढाँचा प्रदान करते हैं।
- दूसरी ओर, भुगतान एग्रीगेटर व्यापारियों को भुगतान गेटवे की कार्यक्षमता को कवर करते हुए, अपने पोर्टल पर कई भुगतान विकल्प रखने की अनुमति देते हैं।
वितरण का आधार |
भुगतान गेटवे |
भुगतान एग्रीगेटर |
भूमिका |
व्यापारी तथा बैंक के मध्य कार्य करने वाला नेटवर्क। |
शुरू से अंत तक भुगतान प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने का एक समाधान। |
भुगतान विकल्प |
प्राथमिक रूप से डेबिट/क्रेडिट कार्ड से भुगतान। |
कई विकल्प प्रदान करता है: UPI, डेबिट/क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग आदि। |
एकीकरण |
व्यापारी प्रत्येक भुगतान पद्धति अथवा बैंक को अलग-अलग एकीकृत करते हैं। |
एकीकरण हेतु केवल एक सेवा प्रदाता के साथ साझेदारी की आवश्यकता होती है। |
उपलब्ध सेवाएँ |
लेन-देन प्रसंस्करण सेवाएँ। |
रिपोर्ट, ग्राहक सहायता इत्यादि तक पहुँच जैसी अतिरिक्त सेवाओं के साथ-साथ लेन-देन प्रसंस्करण प्रदान करता है। |
वित्त प्रबंधन |
वित्त का संचय नहीं करता; एन्क्रिप्टेड भुगतान डेटा सुरक्षित रूप से संचारित करता है। |
वित्तीय लेन-देन के लिये व्यापारी पहचान संख्या (MID) का उपयोग करता है। ये ऐसे लेनदेन होते है जो एग्रीगेटर की प्रणाली द्वारा नियंत्रित किये जाते हैं। |
उदाहरण |
एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, MPGS (मास्टरकार्ड भुगतान गेटवे)। |
PhonePe PG, स्ट्राइप, कैशफ्री। |
भुगतान और निपटान प्रणाली (PSS) अधिनियम, 2007:
- PSS अधिनियम, 2007, भारत में भुगतान प्रणालियों के विनियमन एवं पर्यवेक्षण का प्रावधान करता है और साथ ही RBI को सभी संबंधित मामलों के लिये प्राधिकरण के रूप में नामित करता है।
- इस अधिनियम के तहत रिज़र्व बैंक को अपने केंद्रीय बोर्ड की एक समिति का गठन करने के लिये अधिकृत किया गया है, जिसे भुगतान और निपटान प्रणाली (BPSS) के विनियमन एवं पर्यवेक्षण हेतु एक बोर्ड के रूप में जाना जाता है, ताकि वह अपनी शक्तियों का प्रयोग कर सके तथा इस कानून के तहत अपने कार्यों एवं कर्त्तव्यों का निर्वहन कर सके।
- PSS अधिनियम, 2007 की धारा 4 के अनुसार केवल रिज़र्व बैंक ही भुगतान प्रणाली के संचालन को अधिकृत कर सकता है। भुगतान प्रणाली संचालित करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति को PSS अधिनियम, 2007 की धारा 5 के तहत प्राधिकरण के लिये आवेदन करना होगा।
- PSS अधिनियम 2007 विदेशी संस्थाओं को भारत में भुगतान प्रणाली संचालन को प्रतिबंधित नहीं करता है। यह अधिनियम विदेशी एवं घरेलू संस्थाओं के बीच भेदभाव नहीं करता है।
- प्राधिकरण के बिना भुगतान प्रणाली का संचालन, रिज़र्व बैंक के निर्देशों का अनुपालन न करना अथवा PSS अधिनियम, 2007 के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करने पर रिज़र्व बैंक द्वारा आपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. डिजिटल भुगतान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन 'एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI)' को लागू करने का सबसे संभावित परिणाम है? (2017) (a) ऑनलाइन भुगतान के लिये मोबाइल वॉलेट की आवश्यकता नहीं होगी। उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) |
रैपिड फायर
बोगोटा की जल वितरण समस्या
बोगोटा (कोलंबिया की राजधानी) ने हाल ही में इसके क्षीण होते जलाशयों के कारण जनता को पेयजल वितरण प्रारंभ किया है।
- यह संकट भूमि प्रबंधन को प्राथमिकता देने और उभरती जलवायु वास्तविकताओं को समझने की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करता है।
- जबकि हाल के अल-नीनो चरण के प्रभाव ने पेयजल एवं ऊर्जा संसाधनों पर दवाब डाला है, भविष्य के संकटों को कम करने तथा स्थायी संसाधन प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिये सहयोगात्मक उपाय और संरक्षण आवश्यक है।
- बोगोटा विश्व के सबसे ऊँचे राजधानी शहरों में से एक है, जो एंडीज़ के एक पठार पर स्थित है, जिसे अल्टिप्लानो कुंडीबॉयसेंस के नाम से जाना जाता है।
प्रारंभिक परीक्षा
दुर्गा II लेज़र हथियार
स्रोत: द वीक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक उच्च शक्ति वाले लेज़र हथियार विकसित करने के लिये रक्षा मंत्रालय से 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मांग की है, जिसका नाम दिशात्मक रूप से अप्रतिबंधित रे-गन ऐरे (Directionally Unrestricted Ray-Gun Array- DURGA) II है, जो एक हल्का निर्देशित ऊर्जा हथियार (DEW) है
- यह 100 किलोवाट का हल्का DEW है और साथ ही इसका उपयोग सशस्त्र बलों द्वारा किया जा सकता है।
- इसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों को ड्रोन, मिसाइल तथा तोपखाने के गोले सहित विभिन्न खतरों को निष्प्रभावी करने में सक्षम अत्याधुनिक तकनीक प्रदान करना है।
निर्देशित-ऊर्जा हथियार (DEWs) क्या हैं?
- परिचय
- यह एक प्रकार की हथियार प्रणाली है जो लक्ष्यों को अक्षम करने अथवा नष्ट करने हेतु आमतौर पर लेज़र, माइक्रोवेव अथवा कण बीम के रूप में अत्यधिक केंद्रित ऊर्जा उत्सर्जित करती है।
- पारंपरिक आग्नेयास्त्रों या विस्फोटकों के विपरीत जो गतिज ऊर्जा (भौतिक प्रभाव) पर निर्भर होते हैं, DEW अपने प्रभाव को प्राप्त करने के लिये निर्देशित ऊर्जा का उपयोग करते हैं।
- प्रकार:
- लेज़र हथियार: यह वस्तु को उष्मित करने एवं हानि पहुँचाने हेतु केंद्रित लेज़र बीम का उपयोग करता है।
- उनका उपयोग लक्ष्य को भेदने, मिसाइल रक्षा तथा इलेक्ट्रॉनिक्स को अक्षम करने सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिये किया जा सकता है।
- माइक्रोवेव हथियार: वे कंप्यूटर, सेंसर अथवा संचार उपकरणों जैसे इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली को बाधित अथवा क्षतिग्रस्त करने हेतु माइक्रोवेव आवृत्ति रेंज में विद्युत चुंबकीय विकिरण उत्सर्जित करते हैं।
- कण बीम हथियार: वे आवेशित अथवा तटस्थ कणों को उच्च वेग तक गति प्रदान करते हैं और साथ ही गतिज ऊर्जा हस्तांतरण या आयनीकरण प्रभाव के माध्यम से हानि पहुँचाने हेतु उन्हें लक्ष्य की ओर निर्देशित करते हैं।
- लेज़र हथियार: यह वस्तु को उष्मित करने एवं हानि पहुँचाने हेतु केंद्रित लेज़र बीम का उपयोग करता है।
- लाभ
- इसमें सटीक लक्ष्यीकरण, तीव्र आक्रमण, कम संपार्श्विक क्षति एवं संभावित रूप से प्रति शॉट लगात का कम होना जैसे कई लाभ हैं।
- माना जाता है कि DEW वस्तुतः 'अजेय' हाइपरसोनिक मिसाइलों से प्रतिरक्षा का एकमात्र विकल्प है।
- उनका उपयोग कानून प्रवर्तन, मातृभूमि सुरक्षा, सैन्य रक्षा एवं अंतरिक्ष अन्वेषण में किया जा सकता है।
- यह प्रकाश की गति से घातक शक्ति प्रसारित करता है।
- ये हथियार गुरुत्वाकर्षण या वायुमंडलीय आकर्षण के अवरोधकों से प्रभावित नहीं होते हैं, जिससे ये बेहद सटीक हो जाते हैं।
- इसमें सटीक लक्ष्यीकरण, तीव्र आक्रमण, कम संपार्श्विक क्षति एवं संभावित रूप से प्रति शॉट लगात का कम होना जैसे कई लाभ हैं।
- चुनौतियाँ:
- सीमित रेंज: अधिकांश DEW की सीमा निश्चित होती है, और लक्ष्य व हथियार के बीच बढ़ती दूरी के साथ उनकी प्रभावशीलता कम हो जाती है।
- उच्च लागत: इसे विकसित करना और इसका निर्माण करना काफी महँगा हो सकता है, और कुछ स्थितियों में उनकी प्रभावशीलता लागत के अनुरूप नहीं हो सकती है।
- प्रतिउपाय: परावर्तक सामग्रियों का उपयोग करके इसका मुकाबला किया जा सकता है जो उनकी प्रभावशीलता को कम कर सकता है।
- इसकी प्रभावशीलता कोहरे, वर्षा और धूल सहित वायुमंडलीय स्थितियों जैसे कारकों से प्रभावित हो सकती है।
- हथियारों की होड़: DEW के विकास से देशों के बीच हथियारों की होड़ शुरू हो सकती है।
- राष्ट्रों के बीच वर्तमान परमाणु दौड़ जैसे उदाहरण।
- भारत के लिये महत्त्व:
- रक्षा उद्योग में इस तकनीक का उपयोग युद्ध लड़ने के तरीके को बदल सकता है, जिससे भारत भविष्य में युद्ध लड़ने और जीतने के लिये आवश्यक अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म, हथियार, सेंसर और नेटवर्क का उत्पादन करने में सक्षम हो जाएगा।
- DEW भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाकर चीन और पाकिस्तान जैसे शत्रु देशों के खिलाफ निवारक के रूप में कार्य कर सकता है।
- DEW वाले अन्य देश:
- रूस, फ्राँस, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, इज़राइल और चीन कथित तौर पर उन देशों में से हैं जिन्होंने DEW या लेज़र निर्देशित ऊर्जा हथियार विकसित करने के लिये योजना बनाई है।
- इससे पहले अमेरिका ने क्यूबा पर सोनिक हमले (हवाना सिंड्रोम) करने का भी आरोप लगाया था।
नोट
- वैश्विक DEW बाज़ार का मूल्य वर्ष 2020 में 4.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसका 19.63% की CAGR के साथ वर्ष 2027 तक 15.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न1. अग्नि-IV प्रक्षेपास्त्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2014)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a)केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न 2. कभी-कभी समाचार में उल्लिखित "टर्मिनल हाई ऑल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD)" क्या है?(2018) (a) इज़रायल की एक रडार प्रणाली उत्तर: (c) |
रैपिड फायर
भारत की आउटवार्ड FDI प्रवृत्तियाँ
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
मार्च 2024 में समाप्त वित्तीय वर्ष में भारत के बाह्य प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (OFDI) में 39% की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई साथ ही यह 28.64 बिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुँच गया, जो अनिश्चित वैश्विक आर्थिक स्थितियों के प्रभाव को दर्शाता है।
- गिरावट का मुख्य कारण इक्विटी तथा लोन दोनों माध्यमों में प्रतिबद्धताओं में कमी को दर्शाता है। भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी अधिग्रहण में कमी ने भी इस गिरावट में भूमिका निभाई है।
- हालाँकि, मार्च 2024 में बाह्य FDI में वृद्धि देखी गई, जो 3.92 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गई, साथ ही इक्विटी प्रतिबद्धताएँ 2.03 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गईं, जो कि वित्तीय वर्ष के लिये सर्वाधिक हैI
- यह स्थिति चुनौतीपूर्ण वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बीच उभरते संभावित अवसरों को इंगित करती है, जो भारत के बाह्य FDI रुझानों की गतिशील प्रकृति का सूचक है।
- आउटवार्ड प्रत्यक्ष निवेश एक व्यावसायिक रणनीति है जहाँ एक देश में स्थित कंपनी दूसरे देश (मेज़बान देश) में स्थित एक व्यावसायिक इकाई (विदेशी सहयोगी) में निवेश करती है।
- यह निवेश केवल स्टॉक या बॉण्ड खरीदने की तुलना में उच्च स्थिति रखता है क्योंकि इसमें विदेशी कंपनी में एक नियंत्रित हित या महत्त्वपूर्ण प्रभाव स्थापित करना शामिल है।
प्रारंभिक परीक्षा
वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल के वर्षों में रूस द्वारा ऑनलाइन सामग्री के बढ़ते दमन के परिणामस्वरूप उन लोगों द्वारा वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है जो मीडिया एवं सूचना स्रोतों तक निर्बाध पहुँच प्राप्त करना चाहते हैं।
VPN क्या है?
- परिचय: VPN एक ऐसी तकनीक है जो उपयोगकर्त्ता के डिवाइस एवं इंटरनेट के बीच एक सुरक्षित एवं निज़ी कनेक्शन स्थापित करती है। VPN इंटरनेट ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट करते हैं और उपयोगकर्त्ता की ऑनलाइन पहचान को छिपाते हैं।
- VPN भू-प्रतिबंधों तथा सेंसरशिप को बायपास कर सकते हैं। किसी भिन्न स्थान पर VPN सर्वर से कनेक्ट करके उपयोगकर्त्ता उन सामग्री एवं वेबसाइटों तक पहुँच सकते हैं जो उनके क्षेत्र में प्रतिबंधित अथवा अवरुद्ध हो सकती हैं।
- कार्यप्रणाली:
- एन्क्रिप्शन: जब कोई उपयोगकर्त्ता VPN से जुड़ता है, तब प्रसारित एवं प्राप्त किये गए डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है।
- एन्क्रिप्शन डेटा को एक कोड में परिवर्तित करता है जिसे केवल उपयोगकर्त्ता का डिवाइस तथा VPN सर्वर डिक्रिप्शन कुंजी का उपयोग करके ही समझ सकता है।
- सुरक्षित टनलिंग: एन्क्रिप्टेड डेटा एक सुरक्षित सुरंग के माध्यम से VPN सर्वर तक जाता है।
- यह सुरंग इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISP), हैकर्स अथवा सरकारी एजेंसियों जैसे अनधिकृत पक्षों को उपयोगकर्त्ता की ऑनलाइन गतिविधियों को रोकने के साथ-साथ निगरानी करने से भी रोकती है।
- IP एड्रेस मास्किंग: उपयोगकर्त्ता का वास्तविक IP एड्रेस, जो उनके स्थान एवं डिवाइस की जानकारी प्रकट कर सकता है, को VPN सर्वर के IP एड्रेस से बदल दिया जाता है।
- यह मास्किंग प्रक्रिया उपयोगकर्त्ता की गोपनीयता को बढ़ाती है साथ ही वेबसाइटों के लिये उपयोगकर्त्ता के वास्तविक स्थान को ट्रैक करना कठिन बना देती है।
- एन्क्रिप्शन: जब कोई उपयोगकर्त्ता VPN से जुड़ता है, तब प्रसारित एवं प्राप्त किये गए डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है।
VPN के समान अन्य प्रमुख प्रौद्योगिकियाँ क्या हैं?
- स्मार्ट डोमेन नेम सिस्टम (DNS): यह उपयोगकर्त्ता के अनुरोध को इंटरनेट पर भेजने से पहले, स्मार्ट DNS डिवाइस द्वारा उत्पन्न एक अलग एड्रेस के साथ उपयोगकर्त्ता के ISP-जनरेटेड DNS एड्रेस को छिपाते हुए उपयोगकर्त्ता की पहचान की अतिरिक्त सुरक्षा हेतु एक प्रॉक्सी सर्वर संसाधन प्रदान करता है।
- ओनियन राउटर: यह ओनियन प्रोटोकॉल का उपयोग करके सुरक्षित एन्क्रिप्शन की कई परतों में डेटा को एन्क्रिप्ट करके उपयोगकर्त्ता डेटा की सुरक्षा करता है, क्योंकि यह डेटा को प्रेषक से रिसीवर तक प्रेषित करता है।
- यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि उपयोगकर्त्ता की पहचान ISP और विज्ञापनदाताओं से सुरक्षित रहे।
- प्रॉक्सी सर्वर: प्रॉक्सी सर्वर उपयोगकर्त्ता के डिवाइस और इंटरनेट के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं।
- इनका उपयोग उपयोगकर्त्ता के IP एड्रेस को छिपाने, सामग्री फिल्टर को बायपास करने और बार-बार एक्सेस किये गए वेब पेजों को कैशिंग करके गति में सुधार करने के लिये किया जा सकता है।
नोट:
- वर्ष 2022 में भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने VPN प्रदाताओं, डेटा केंद्रों, वर्चुअल सेवा नेटवर्क तथा क्लाउड प्रदाताओं को उपयोगकर्त्ताओं के व्यक्तिगत विवरण को पाँच वर्ष तक रिकॉर्ड करने के लिये अनिवार्य करने वाले नियम पेश किये।
- जिनके अनुसार उन्हें उपयोग पैटर्न और सेवा उद्देश्यों को भी लॉग करना होगा तथा छह घंटे के भीतर CERT-In को साइबर सुरक्षा घटनाओं की रिपोर्ट करनी होगी।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. "वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क" क्या है? (2011) (a) यह एक संगठन का निजी कंप्यूटर नेटवर्क है जहांँ दूरस्थ उपयोगकर्त्ता संगठन के सर्वर के माध्यम से एन्क्रिप्टेड जानकारी संचारित कर सकते हैं। उत्तर: (b) |