प्रारंभिक परीक्षा
आयकर दिवस की 165वीं वर्षगाँठ
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा मनाए गए आयकर दिवस की 165वीं वर्षगाँठ की अध्यक्षता की और आयकर विभाग की महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
आयकर दिवस क्या है?
- परिचय: 24 जुलाई को मनाया जाने वाला आयकर दिवस भारत के वित्तीय इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। यह दिन वर्ष 1857 के सैन्य विद्रोह से हुए नुकसान की भरपाई के लिये वर्ष 1860 में ब्रिटिश अर्थशास्त्री सर जेम्स विल्सन द्वारा भारत में आयकर की शुरुआत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
- आयकर दिवस न केवल भारत में कर प्रशासन के ऐतिहासिक विकास का आदर करता है, बल्कि एक अधिक कुशल और करदाता-अनुकूल प्रणाली बनाने के उद्देश्य से निरंतर प्रगति एवं आधुनिकीकरण के प्रयासों पर भी प्रकाश डालता है।
- भारत में आयकर का विकास:
- आयकर अधिनियम, 1922: इसने विभिन्न आयकर प्राधिकरणों को औपचारिक रूप देकर भारत में एक संगठित कर प्रणाली की स्थापना की और एक व्यवस्थित प्रशासनिक ढाँचे की नींव रखी।
- केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, (1924): आयकर के प्रशासन के लिये उत्तरदायी एक वैधानिक निकाय केंद्रीय राजस्व बोर्ड का गठन किया गया।
- ग्रुप A अधिकारियों की भर्ती (1946): बम्बई और कलकत्ता में प्रशिक्षण के साथ उन्नत व्यावसायिक विकास।
- राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी की स्थापना (1957): व्यावसायिक प्रशिक्षण और विकास को सुदृढ़ किया गया।
- आयकर अधिनियम, 1961: आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत कई संशोधन किये गए, जो अप्रैल 1962 से प्रभावी हुए तथा यह अखिल भारत पर लागू हुए।
- वर्ष 1964 में केंद्रीय राजस्व बोर्ड का विभाजन: प्रारंभ में बोर्ड प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों करों का प्रभारी था।
- जब करों का प्रशासन एकल बोर्ड के लिये बहुत बोझिल हो गया, तो इसे केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963 के तहत दो अलग-अलग संस्थाओं - केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड में विभाजित कर दिया गया।
- तकनीकी उन्नति: वर्ष 1981 में कंप्यूटरीकरण की शुरूआत ने चालान को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रसंस्कृत करने पर ध्यान केंद्रित किया। वर्ष 2009 में ई-फाइल और पेपर रिटर्न के विस्तृत प्रसंस्करण को संभालने के लिये बंगलुरु में केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र (Centralized Processing Centre- CPC) की स्थापना की गई, जो अधिकार क्षेत्र से स्वतंत्र होकर कुशलतापूर्वक संचालित होता है।
- ई-सत्यापन योजना प्राधिकारियों को करदाताओं की आय का सटीक निर्धारण करने और कर चोरी को कम करने के लिये जानकारी एकत्र करने में सक्षम बनाती है, साथ ही करदाताओं को विभिन्न स्रोतों से प्रासंगिक वित्तीय डेटा भी उपलब्ध कराती है।
- विवाद से विश्वास योजना: यह भारत में एक निपटान कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य करदाताओं और सरकार के बीच लंबित प्रत्यक्ष कर विवादों को समाप्त करना है।
- यह योजना वादियों को अपने विवादों को निपटाने में मदद करती है तथा सरकार को विवादों में फँसे राजस्व को एकत्र करने में सहायता करती है।
आयकर क्या है?
- परिभाषा: यह एक वित्तीय वर्ष में अर्जित किसी व्यक्ति या व्यवसाय की वार्षिक आय पर लगाया जाने वाला कर है।
- "आय" में विभिन्न स्रोत शामिल हैं, जिन्हें आयकर अधिनियम, 196 की धारा 2(24) के तहत व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है।
- आय स्रोत:
- वेतन: इसमें नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को दिये जाने वाले सभी भुगतान शामिल होते हैं, जैसे मूल वेतन, भत्ते, कमीशन और सेवानिवृत्ति लाभ।
- गृह संपत्ति: आवासीय या वाणिज्यिक संपत्तियों से प्राप्त किराये की आय कर योग्य है।
- व्यवसाय/पेशा: व्यवसाय या व्यावसायिक गतिविधियों से होने वाले लाभ पर व्यय घटाने के बाद कर लगता है।
- पूंजीगत लाभ: संपत्ति या आभूषण जैसी पूंजीगत संपत्तियों को बेचने से होने वाले लाभ पर कर लगता है। ये लाभ दीर्घकालिक या अल्पकालिक हो सकते हैं।
- अन्य स्रोत: इसमें अन्य श्रेणियों में शामिल नहीं होने वाली आय शामिल है, जैसे बचत ब्याज, पारिवारिक पेंशन, उपहार, लॉटरी जीत और निवेश रिटर्न।
- महत्त्व: यह राष्ट्र निर्माण के लिये महत्त्वपूर्ण है, सुरक्षा, सेवाओं और आर्थिक विकास हेतु आवश्यक राजस्व प्रदान करता है।
- यह धन पुनर्वितरण और राज्य शक्ति को संतुलित करता है, सामाजिक संरचना को आकार देता है तथा सामाजिक अनुबंध स्थापित करता है।
- कर सुधार राज्य की क्षमता का विस्तार करते हैं और वैधता को बढ़ावा देते हैं, जिससे आयकर एक आत्मनिर्भर राज्य और सामाजिक कल्याण के लिये महत्त्वपूर्ण हो जाता है।
- वर्तमान परिदृश्य: भारत में व्यक्तिगत आयकर (PIT) के परिदृश्य में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था और बेहतर कर अनुपालन को दर्शाता है।
- प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) सहित सकल व्यक्तिगत आयकर वर्ष 2020-21 में 5.75 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 9.67 लाख करोड़ रुपए हो गया। वर्ष 2023-24 तक STT सहित व्यक्तिगत आयकर संग्रह बढ़कर 12.01 लाख करोड़ रुपए (अप्रैल 2024 तक अनंतिम) हो गया था।
- मूल्यांकन वर्ष 2024-25 के लिये पहली बार ITR दाखिल करने वालो की संख्या 58.57 लाख (मूल्यांकन वर्ष 2024-25 के लिये दाखिल कुल ITR दाखिल करने वालो की संख्या 7.28 करोड़ है), यह दर्शाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था अधिक व्यवस्थित होती जा रही है क्योंकि अधिक व्यक्ति स्वेच्छा से करों का भुगतान करते हैं।
- ITR एक ऐसा फॉर्म है, जिसे भारत में व्यक्तियों को आयकर विभाग को जमा करना होता है, जिसमें अगले वर्ष की 1 अप्रैल से 31 मार्च तक के वित्तीय वर्ष के लिये उनकी आय और करों के बारे में जानकारी होती है।
- आयकर विभाग ने अपनी स्थापना के बाद से ही महत्त्वपूर्ण प्रगति की है, जिसमें राजस्व 30 लाख रुपए से बढ़कर 20 लाख करोड़ रुपए हो गया है, कर आधार दोगुना हो गया है, और कॉर्पोरेट कर के युक्तिकरण व नई कर व्यवस्था जैसी पहलों के माध्यम से कर-से-GDP अनुपात में वृद्धि हुई है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न. अप्रवासी सत्त्वों द्वारा दी जा रही ऑनलाइन विज्ञापन सेवाओं पर भारत द्वारा 6% समकरण कर लगाए जाने के निर्णय के सन्दर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (2018)
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) |
रैपिड फायर
सिविक पुलिस वोलेंटियर्स
स्रोत: द हिंदू
कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद पूरे भारत में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इस घटना का आरोपी एक सिविक पुलिस वोलेंटियर (CPV) है, जिसकी अस्पताल के संवेदनशील क्षेत्रों तक पहुँच थी, जो अन्य वोलेंटियर्स की निगरानी और भूमिकाओं के विषय में गंभीर चिंताएँ उत्पन्न करता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में सिविक पुलिस वोलेंटियर्स या रूरल पुलिस वोलेंटियर्स के नाम से जाने जाने वाले ये संविदा कर्मी पुलिस द्वारा सहायता हेतु नियुक्त किये जाते हैं, विशेष रूप से यातायात प्रबंधन और अन्य छोटे-मोटे कार्यों में जिनमें पुलिस कर्मियों की आवश्यकता नहीं होती है।
- उन्हें औपचारिक कानून प्रवर्तन कार्यों जैसे जाँच करने या गिरफ्तारी करने के लिये प्रशिक्षित नहीं किया जाता है।
- पश्चिम बंगाल में CPV के लिये अर्हता प्राप्त करने हेतु व्यक्ति को स्थानीय निवासी होना चाहिये, उसकी आयु कम से कम 20 वर्ष होनी चाहिये, उसने आठवीं कक्षा (आरंभ में दसवीं कक्षा) उत्तीर्ण की हो तथा उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिये।
- कानूनी और न्यायिक चिंताएँ: चंद्रकांत गांगुली बनाम पश्चिम बंगाल राज्य एवं अन्य, 2016 में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सिविक पुलिस वोलेंटियर्स की भर्ती और कानूनी वैधता के विषय में चिंता जताई थी, जिसमें जाँच प्रक्रिया (पृष्ठभूमि जाँच) से संबंधित मुद्दों का उल्लेख किया गया था।
- उच्च न्यायालय एवं पुलिस प्रशासन ने कहा है कि CPV को ऐसी भूमिकाओं से प्रतिबंधित करने के आदेशों के बावजूद वे कानून प्रवर्तन कर्त्तव्यों में शामिल रहे हैं, जिससे कानूनी चिंताएँ और बढ़ गई हैं।
- आलोचनाएँ: CPV द्वारा अपनी भूमिका का अतिक्रमण करने तथा आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होने की अनेक रिपोर्टें प्राप्त हुई हैं।
- आलोचकों का तर्क है कि CPV की नियुक्ति कभी-कभी योग्यता के बजाय राजनीतिक निष्ठा के आधार पर की जाती है, जिससे पुलिस बल के राजनीतिकरण और हितों के टकराव की आशंका उत्पन्न होती है।
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रैपिड फायर
जापान का SLIM मून मिशन
स्रोत: PhysOrg
हाल ही में जापान की अंतरिक्ष एजेंसी, JAXA ने अपने चंद्र लैंडर, स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (Smart Lander for Investigating Moon- SLIM), जिसे "मून स्नाइपर" के नाम से भी जाना जाता है, से संपर्क टूट जाने के बाद उसका परिचालन समाप्त कर दिया है।
- SLIM अंतरिक्ष यान के साथ संपर्क स्थापित करने के कई प्रयास विफल होने के बाद यह ऑपरेशन रोक दिया गया।
SLIM के बारे में:
- SLIM एक छोटे पैमाने का चंद्र लैंडर है, जिसे सटीक लैंडिंग, कम आकार और वजन वाले उपकरणों तथा चंद्रमा की उत्पत्ति का अन्वेषण करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- यह एक मानवरहित अंतरिक्ष यान था, जिसका उद्देश्य भविष्य में सौर प्रणाली अन्वेषण के लिये आवश्यक निम्न-गुरुत्व अन्वेषण प्रौद्योगिकी का परीक्षण करना था।
- चंद्रमा की सतह पर बहुत सटीकता से उतरने की क्षमता के कारण इसे "मून स्नाइपर" उपनाम दिया गया था।
- जनवरी 2024 में इसने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की और यह उपलब्धि हासिल करने वाला जापान पाँचवा देश बन गया।
- अन्य देश जो सफलतापूर्वक चंद्र सतह पर उतरने में सफल हुए हैं, वे हैं भारत, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन।
- इसरो के चंद्रयान- 3 मिशन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराई।
और पढ़ें: चंद्रयान-3 : अंतरिक्ष नेतृत्व के लिये भारत की अनिवार्यता
रैपिड फायर
लीगल राइट टू डिस्कनेक्ट फ्रॉम वर्क
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में एक महत्वपूर्ण श्रम सुधार के तहत, ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित समय के बाहर ‘लीगल राइट टू डिस्कनेक्ट फ्रॉम वर्क’ की अनुमति प्रदान किया है।
- ऑस्ट्रेलिया का यह नया "राइट टू डिस्कनेक्ट" कानून कर्मचारियों को दंड के डर के बिना काम के घंटों के बाहर काम से संबंधित टेक्स्ट और ईमेल को अनदेखा करने की अनुमति देता है।
- "अनुचित" इनकार का निर्धारण विभिन्न कारकों पर आधारित होगा, जिसमें कर्मचारी की प्रकृति और अतिरिक्त घंटों के लिये मुआवजा भी शामिल है।
- ऑस्ट्रेलिया का कानून यूरोपीय और लैटिन अमेरिकी देशों के कानूनों के अनुरूप है, जो "हमेशा चालू" कार्य संस्कृति के खिलाफ वैश्विक आंदोलन को दर्शाता है।
- फ्राँस ने वर्ष 2017 में डिस्कनेक्ट रहने का ऐसा ही एक अधिकार लागू किया था, जिसका उद्देश्य स्मार्टफोन और अन्य डिजिटल उपकरणों द्वारा सहज की जाने वाली निरंतर कनेक्टिविटी से निपटना था।
- उद्योग जगत की चिंताएँ: ऑस्ट्रेलियाई उद्योग जगत के नेताओं ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह कानून जल्दबाजी में बनाया गया है, भ्रामक है तथा व्यवसाय संचालन में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
- नियोक्ता व्यावहारिक निहितार्थों के बारे में चिंतित हैं, जैसे कि इस बात की अनिश्चितता कि क्या वे अतिरिक्त शिफ्ट देने जैसे कार्यों के लिये कर्मचारियों से घंटों के बाद संपर्क कर सकते हैं।
- भारत ने भी वर्ष 2018 के राइट टू डिस्कनेक्ट बिल के साथ इसी तरह की सुरक्षा की संभावना तलाशी है। हालाँकि इस विधेयक को अभी तक विधायी समर्थन प्राप्त नहीं हुआ है।
अधिक पढ़ें: भारत के श्रम सुधार
रैपिड फायर
गगनयान मिशन के लिये ह्यूमनॉइड स्कल
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) की तिरुवनंतपुरम इकाई ने गगनयान मिशन पर ह्यूमनॉइड खोपड़ी/ह्यूमनॉइड स्कल के डिज़ाइन को अंतिम रूप दिया।
- इसकी माप 200 मिमी x 220 मिमी और वजन 800 ग्राम है। यह उच्च शक्ति वाले एल्यूमीनियम मिश्र धातु से बना है, जो दबाव और कंपन को सहन कर सकता है।
- वर्ष 2025 में गगनयान मिशन के लिये अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने से पहले इसरो अंतरिक्ष यान की सुरक्षा का परीक्षण करने हेतु एक मानव रोबोट व्योममित्र को अंतरिक्ष में भेजेगा।
- व्योममित्र मानव शरीर के ऊपरी भाग जैसा होगा, जिसमें गतिशील भुजाएँ, चेहरा और गर्दन होगी, जो मानव जैसे कार्य करने तथा अंतरिक्ष यात्रा के प्रभावों का आकलन करने के लिये सेंसर से लैस होगा।
गगनयान मिशन: यह तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों (Three Indian Astronauts) को तीन दिनों के लिये पृथ्वी की सतह से लगभग 400 किमी दूर अंतरिक्ष में ले जाएगा।
- भारतीय वायु सेना के पायलट प्रशांत बालकृष्णन नायर, अजीत कृष्णन, अंगद प्रताप और शुभांशु शुक्ला को गगनयान मिशन के लिये चुना गया है।
- शुभ्रांशु शुक्ला को वर्ष 2025 में ISRO-NASA की संयुक्त अंतरिक्ष उड़ान के लिये चुना गया है, जो उन्हें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक ले जाएगी।
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