प्रारंभिक परीक्षा
निवेशक जोखिम न्यूनीकरण अभिगम मंच
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने ट्रेडिंग सदस्य या स्टॉक ब्रोकर द्वारा सामना की जाने वाली तकनीकी गड़बड़ियों के मामले में निवेशकों के लिये 'सुरक्षा संजाल' प्रदान करने हेतु इन्वेस्टर रिस्क रिडक्शन एक्सेस (IRRA) लॉन्च किया है।
- ट्रेडिंग सदस्य या स्टॉक ब्रोकर एक व्यक्ति या फर्म है जो वित्तीय बाज़ारों में निवेशकों की ओर से प्रतिभूतियों (स्टॉक, बॉण्ड, कमोडिटी आदि) को खरीदने और बेचने के लिये अधिकृत व लाइसेंस प्राप्त है। वे क्रेताओं एवं विक्रेताओं के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं, शेयर बाज़ार या अन्य वित्तीय एक्सचेंजों के भीतर लेन-देन की सुविधा प्रदान करते हैं।
IRRA प्लेटफार्म
- परिचय:
- IRRA प्लेटफॉर्म उन जोखिमों को कम करने के लिये बनाया गया है जो निवेशकों को उस स्थिति में अनुभव होते हैं जब प्राथमिक साइट और आपदा रिकवरी साइट पर तकनीकी गड़बड़ियाँ होती हैं जो ट्रेडिंग सदस्यों को प्रभावित करती थीं।
- इसका उद्देश्य निवेशकों को तकनीकी खराबी अथवा अप्रत्याशित आउटेज के कारण ट्रेडिंग सदस्य की वेबसाइट अनुपलब्ध होने की स्थिति में IRRA प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपने ओपन पोज़िशन को स्क्वायर ऑफ/क्लोज़ करने तथा पेंडिंग ऑर्डर को रद्द करने का अवसर प्रदान करना है।
- इसका उद्देश्य केवल उन ऑर्डर को रद्द करना है जो अभी भी बकाया हैं, न कि नए ऑर्डर अथवा पोज़िशन को स्वीकार करना।
- विकास:
- IRRA को सभी स्टॉक एक्सचेंजों- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX), मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) तथा मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MSE) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
- कार्यान्वयन:
- IRRA को व्यापारिक सदस्यों द्वारा तब लागू किया जा सकता है जब उन्हें किसी तकनीकी गड़बड़ी का सामना करना पड़ता है, जिससे प्राथमिक साइट तथा डिज़ास्टर रिकवरी साइट, जहाँ प्रासंगिक हो, दोनों एक्सचेंजों से ग्राहकों को सेवा देने की उनकी क्षमता प्रभावित होती है।
- यहाँ तक कि स्टॉक एक्सचेंज भी कनेक्टिविटी, ऑर्डर फ्लो तथा सोशल मीडिया पोस्ट जैसे मापदंडों की निगरानी कर सकते हैं और यदि आवश्यक हो, तो ट्रेडिंग सदस्य द्वारा ऐसे किसी भी अनुरोध के बिना, IRRA सेवा को सक्षम करने की पहल कर सकते हैं।
- यह सेवा एक्सचेंजों के स्वत: संज्ञान से सक्षम की जाएगी, केवल उन सभी एक्सचेंजों में ट्रेडिंग सदस्यों की ट्रेडिंग सेवाओं में व्यवधान की स्थिति में, जहाँ वे ट्रेडिंग सदस्य हैं।
- आवश्यकता:
- जब तकनीकी समस्याओं के कारण व्यापारिक सेवाएँ बाधित होती हैं, तो निवेशकों को स्थिति तय न कर पाने का जोखिम उठाना पड़ता है, जो अस्थिर बाज़ारों में विशेष रूप से खतरनाक है।
- व्यवसाय निरंतरता योजनाओं के बावजूद विलंबित पुनर्प्राप्ति साइटों या साइबर हमलों जैसे कुछ व्यवधान बने रहते हैं।
- यह पहल ऐसे संकटों के दौरान स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा आकस्मिक सेवाएँ सुनिश्चित करने में सक्षम बनाती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा उन विदेशी निवेशकों को, जो स्वयं को सीधे पंजीकृत कराए बिना भारतीय स्टॉक बाज़ार का हिस्सा बनना चाहते हैं, निम्नलिखित में से क्या जारी किया जाता है? (2019) (a) जमा प्रमाण-पत्र उत्तर: (d) |
प्रारंभिक परीक्षा
ग्रेट निकोबार द्वीप में अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट
स्रोत: पी.आई.बी.
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) के मंत्री ने ग्रेट निकोबार द्वीप के गैलाथिया खाड़ी में प्रस्तावित इंटरनेशनल कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट (International Container Transhipment Port- ICTP) की साइट का दौरा किया।
- ICTP को मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 के साथ-साथ अमृत काल विज़न 2047 की प्रमुख परियोजनाओं में से एक परिवर्तनकारी पहल के रूप में देखा गया है।
ICTP परियोजना के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- परिचय:
- ICTP एक प्रमुख बुनियादी ढाँचा परियोजना है जिसका उद्देश्य विभिन्न बंदरगाहों के बीच कंटेनरों के ट्रांसशिपमेंट को सुविधाजनक बनाना है।
- ट्रांसशिपमेंट के लिये उपयोग किया जाने वाला गहरे पानी का बंदरगाह माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने वाले बड़े जहाज़ों को समायोजित कर सकता है। इसमें गहरे पानी की वाहिका तथा वस्तुओं को चढ़ाने व उतारने के लिये एक बड़ा निर्धारित क्षेत्र है। इस बंदरगाह पर एक जहाज़ से दूसरे जहाज़ तक माल के हस्तांतरण की भी सुविधा उपलब्ध है।
- ग्रेट निकोबार द्वीप के गैलाथिया खाड़ी में प्रस्तावित ICTP, रणनीतिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग व्यापार मार्ग से केवल 40 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है।
- ICTP का लक्ष्य अपने रणनीतिक स्थान, प्राकृतिक जल की गहराई और आस-पास के बंदरगाहों से कार्गो के ट्रांसशिपमेंट की क्षमता का लाभ उठाकर एक अग्रणी कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट बनना है।
- ICTP एक प्रमुख बुनियादी ढाँचा परियोजना है जिसका उद्देश्य विभिन्न बंदरगाहों के बीच कंटेनरों के ट्रांसशिपमेंट को सुविधाजनक बनाना है।
- महत्त्व:
- भारत में लगभग 75% ट्रांसशिप्ड कार्गो की व्यवस्था देश के बाहर बंदरगाहों पर की जाती है।
- कोलंबो, सिंगापुर और क्लैंग इस कार्गो के 85% से अधिक को संभालते हैं, जिसमें से 45% अकेले कोलंबो बंदरगाह पर संभाले जाते हैं।
- भारत निर्यात-आयात व्यापार के लिये गैलाथिया खाड़ी को रणनीतिक स्थान के रूप में देखता है क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग मार्गों पर स्थित है।
- भारत में लगभग 75% ट्रांसशिप्ड कार्गो की व्यवस्था देश के बाहर बंदरगाहों पर की जाती है।
- लाभ:
- इस परियोजना से विदेशी मुद्रा बचत होने, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित होने और अन्य भारतीय बंदरगाहों पर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
- यह संवर्द्धित लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढाँचे, रोज़गार सृजन और राजस्व हिस्सेदारी में वृद्धि में भी योगदान देगा।
- इस मेगा कंटेनर टर्मिनल का विकास ग्रेट निकोबार द्वीप के समग्र विकास का हिस्सा है।
- परियोजना की स्थिति:
- इस परियोजना को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) से पर्यावरणीय मंज़ूरी मिल गई है।
- परियोजना चरण 1 के लिये वन मंज़ूरी भी प्राप्त कर ली गई है।
- परियोजना को चार चरणों में विकसित करने की योजना है, चरण 1 को वर्ष 2028 में लगभग 4 मिलियन TEU (Twenty-foot Equivalent Units- TEU) की हैंडलिंग क्षमता के साथ चालू करने का प्रस्ताव है।
- वर्ष 2058 तक विकास के अंतिम चरण में हैंडलिंग क्षमता 16 मिलियन TEU तक बढ़ने की उम्मीद है।
- इस परियोजना को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) से पर्यावरणीय मंज़ूरी मिल गई है।
ग्रेट निकोबार से संबंधित मुख्य तथ्य:
- यह निकोबार द्वीप समूह का सबसे दक्षिणी द्वीप है।
- इंदिरा पॉइंट अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ग्रेट निकोबार द्वीप पर भारत के क्षेत्र का सबसे दक्षिणी बिंदु है।
- इसमें उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन पारिस्थितिकी तंत्र हैं। यह बहुत समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र का घर है।
- ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिज़र्व में पारिस्थितिक तंत्र का एक व्यापक क्षेत्र शामिल है जिसमें उष्णकटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वन, समुद्र तल से 642 मीटर (माउंट थुलियर) की ऊँचाई तक की पर्वत शृंखलाएँ तथा तटीय मैदान शामिल हैं।
- निकोबार द्वीप समूह में दो 'मंगोलॉइड' जनजातियाँ निवास करती हैं जिनके नाम शोम्पेन (Shompen) तथा निकोबारी (Nicobarese) हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से किसमें प्रवाल-भित्तियाँ हैं? (2014)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित द्वीपों के युग्मों में से कौन-सा एक 'दश अंश जलमार्ग' द्वारा आपस में पृथक किया जाता है? (2014) (a) अंडमान एवं निकोबार उत्तर: (a) |
प्रारंभिक परीक्षा
संविधान दिवस
स्रोत: पी.आई.बी.
विधि एवं न्याय मंत्रालय ने भारतीय विधि संस्थान के सहयोग से 26 नवंबर, 2023 को संविधान दिवस मनाया।
संविधान दिवस से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?
- संविधान दिवस, जिसे राष्ट्रीय विधि दिवस (National Law Day) के रूप में भी जाना जाता है, भारत के संविधान को ग्रहण करने के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को भारत में मनाया जाता है।
- 29 अगस्त, 1947 को संविधान सभा ने डॉ.बी.आर. की अध्यक्षता में एक मसौदा समिति का गठन किया। अंबेडकर ने भारत के लिये एक मसौदा संविधान तैयार किया।
- 26 नवंबर, 1949 को भारत की संविधान सभा ने भारत के संविधान को ग्रहण किया, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर, 2015 में 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने के भारत सरकार के निर्णय को अधिसूचित किया।
- यह दिवस संविधान के महत्त्व तथा संविधान के मुख्य निर्माता बी.आर.अंबेडकर के विचारों एवं सुझावों के विस्तार करने के लिये मनाया जाता है।
भारत के संविधान के संदर्भ में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- भारत का संविधान विश्व के किसी भी संप्रभु देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
- भारत का संविधान मूल रूप से अंग्रेज़ी और हिंदी में लिखा गया था।
- भारत का संविधान प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा द्वारा सुलेख फॉन्ट में हस्तलिखित था और प्रत्येक पृष्ठ को नंदलाल बोस के मार्गदर्शन में शांतिनिकेतन के कलाकारों द्वारा अलंकृत किया गया था।
- संविधान के निर्माण में 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन लगे।
- भारतीय संविधान की मूल संरचना भारत सरकार अधिनियम, 1935 पर आधारित है।
- भारत का संविधान भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है जो अपने नागरिकों को न्याय, समानता एवं स्वतंत्रता का आश्वासन देता है तथा बंधुत्व को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
- भारत के संविधान का प्रारूप सात सदस्यों की एक समिति द्वारा तैयार किया गया था, जिसके अध्यक्ष डॉ. बी.आर. अंबेडकर थे, जिन्हें भारतीय संविधान का जनक माना जाता है।
- भारत का संविधान कई अन्य संविधानों से प्रेरित था, जैसे कि अमेरिकी संविधान, यूके संविधान, आयरिश संविधान, फ्राँसीसी संविधान, कनाडाई संविधान, ऑस्ट्रेलियाई संविधान और जापानी संविधान।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. संविधान दिवस के बारे में निम्नलिखित कथनों पर कीजिये: (2023)
उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है? (a) कथन-I और कथन-II दोनों सही हैं तथा कथन-II कथन-I की सही व्याख्या है। उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन किसी देश के 'संविधान' के मुख्य प्रयोजन को सर्वोत्तम रूप से प्रतिबिंबित करता है? (2023) (a) यह आवश्यक विधियों के निर्माण के उद्देश्य को निर्धारित करता है। उत्तर: (c) व्याख्या: किसी भी संविधान का मुख्य उद्देश्य सरकार के मौलिक सिद्धांतों, संरचना एवं कार्यों को स्थापित करना और एक देश के भीतर व्यक्तियों के अधिकारों एवं स्वतंत्रता को परिभाषित करना है। संविधान पृथ्वी के सर्वोच्च कानून (supreme law of the land) के रूप में कार्य करता है और शासन हेतु एक रूपरेखा प्रदान करता है, शक्ति संतुलन सुनिश्चित करता है, व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करता है तथा राज्य के कामकाज या कार्यप्रणाली का मार्गदर्शन करता है। अतः विकल्प (c) सही है। प्रश्न. 26 जनवरी, 1950 को भारत की वास्तविक संवैधानिक स्थिति क्या थी? (2021) (a) एक लोकतांत्रिक गणराज्य उत्तर: B व्याख्या:
अतः विकल्प B सही उत्तर है। मेन्स:प्रश्न. स्वतंत्र भारत के लिये संविधान का मसौदा केवल तीन साल में तैयार करने के ऐतिहासिक कार्य को पूर्ण करना संविधान सभा के लिये कठिन होता, यदि उसके पास भारत सरकार अधिनियम, 1935 से प्राप्त अनुभव नहीं होता। चर्चा कीजिये। (2015) |
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 27 नवंबर, 2023
गर्म तापमान के कारण असम में बड़े पैमाने पर कीटों का हमला
लंबे समय तक लगातार गर्म तापमान के कारण असम में गंभीर कीट (अर्थात् मिथिम्ना सेपरेटा) का प्रकोप हो सकता है, जिसने कम-से-कम 15 ज़िलों में लगभग 28,000 हेक्टेयर धान की फसल को नुकसान पहुँचाया है।
- कीट (मिथिम्ना सेपरेटा) को कान काटने वाली इल्ली, धान की बाली काटने वाली इल्ली या आर्मीवर्म के नाम से जाना जाता है। यह पत्तियों को खाता है और फसल के पौधे के तने से बालियों को काटता है, जिससे खेत अक्सर ऐसा दिखता है मानो इसे मवेशियों ने चर लिया हो।
- उष्ण वातावरण में रोगों और कीटों के वितरण तथा संचरण में परिवर्तन को प्रभावित करने वाले दो मुख्य कारक वर्षा एवं तापमान में भिन्नता है।
- वैश्विक तापमान में हर छोटी वृद्धि से कीड़ों का जीवनचक्र कम हो जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप कीटों की संख्या में वृद्धि होगी, पीढ़ियों में वृद्धि होगी, भौगोलिक सीमा और वृद्धि के मौसम का विस्तार होगा, प्रवासी कीटों का आक्रमण एवं शीतकाल के उच्च जोखिम होंगे।
और पढ़ें… आर्मीवर्म का हमला, सफेद मक्खी
गाज़ा में मानवीय विराम
कतर ने इज़रायल और हमास के बीच सफलतापूर्वक मध्यस्थता की, जिससे कतर, मिस्र और संयुक्त राज्य अमेरिका की सहायता से चार दिन का मानवीय विराम लगा। हालाँकि यह युद्धविराम नहीं है, इस समझौते का उद्देश्य संभावित विस्तार के अधीन गाज़ा को राहत पहुँचाना है।
- संयुक्त राष्ट्र "मानवीय विराम" को "मानवीय उद्देश्यों के लिये शत्रुता की अस्थायी समाप्ति" के रूप में परिभाषित करता है। इस तरह के ठहराव सामान्यतः एक परिभाषित अवधि और एक विशिष्ट क्षेत्र तक सीमित होते हैं जहाँ मानवीय गतिविधियाँ की जानी होती हैं।
- दूसरी ओर, युद्धविराम लंबे समय तक जारी रहता है। संयुक्त राष्ट्र इसे "संघर्ष के पक्षों द्वारा सामान्यतः एक राजनीतिक प्रक्रिया के हिस्से के रूप में सहमत लड़ाई के निलंबन" के रूप में परिभाषित करता है, जिसका लक्ष्य "स्थायी राजनीतिक समाधान तक पहुँचने की संभावना सहित विभिन्न पक्षों को वार्त्ता में शामिल होने की अनुमति देना" है।
और पढ़ें… इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष, गाज़ा पट्टी पर UNSC का प्रस्ताव
गिरीश चंद्र मुर्मू बाह्य लेखापरीक्षकों के संयुक्त राष्ट्र पैनल के उपाध्यक्ष चुने गए
भारत के वर्तमान नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (CAG) गिरीश चंद्र मुर्मू को वर्ष 2024 के लिये बाह्य लेखापरीक्षकों के संयुक्त राष्ट्र पैनल का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जो वैश्विक लेखापरीक्षा प्रशासन में भारत की भागीदारी में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
- यह पद न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित बाह्य लेखापरीक्षकों के पैनल के बासठवें सत्र के दौरान प्रदान किया गया था।
- वैश्विक स्तर पर 12 सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थानों (Supreme Audit Institutions- SAI) के प्रमुखों से गठित बाह्य लेखापरीक्षकों का पैनल, संयुक्त राष्ट्र सचिवालय, वित्तीयन एवं कार्यक्रमों तथा विशेष अभिकरणों के बाह्य लेखापरीक्षा का अनुवीक्षण करता है।
- उनकी ज़िम्मेदारियों में वित्तीय तथा दक्षता लेखापरीक्षा समेत संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं के अंतर्गत अनुपालन सुनिश्चित करने जैसे व्यापक उत्तरदायित्व शामिल हैं।
- इसमें कनाडा, चिली, चीन, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, फिलीपींस, रूस, स्विट्ज़रलैंड तथा यूनाइटेड किंगडम के प्रतिनिधि शामिल हैं।
और पढ़ें…नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (CAG)
प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिये ज़ीरो ड्राफ्ट टेक्स्ट
हाल ही में अंतर-सरकारी वार्ता समिति (INC-3) का तीसरा सत्र केन्या के नैरोबी में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) मुख्यालय में संपन्न हुआ।
- यह सत्र समुद्री पर्यावरण से संबंधित चिंताओं को शामिल करते हुए प्लास्टिक प्रदूषण पर एक अंतर्राष्ट्रीय वैधानिक बाध्यकारी उपकरण के विकास पर केंद्रित था।
- हालाँकि प्रगति के दौरान चुनौतियाँ उभरी हैं क्योंकि INC-3 को प्लास्टिक प्रदूषण पर अंतर्राष्ट्रीय कानूनी रूप से बाध्यकारी उपकरण के ज़ीरो ड्राफ्ट टेक्स्ट पर आम सहमति तक पहुँचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
- INC-3 का ज़ीरो ड्राफ्ट समुद्री पर्यावरण पर ज़ोर देते हुए प्लास्टिक प्रदूषण पर अंतर्राष्ट्रीय वैधानिक बाध्यकारी उपकरण के लिये प्रस्तावित तत्त्वों की रूपरेखा तैयार करता है।
- इसका उद्देश्य प्रभावी कार्यान्वयन के लिये महत्त्वपूर्ण तकनीकी, नियामक, संस्थागत और प्रक्रियात्मक तत्त्वों को शामिल करते हुए रोकथाम, विनियमन तथा शमन सुनिश्चित करना है।
- भारत सक्रियता के साथ इस विकास का समर्थन करता है और INC प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेता है।
- INC-4 और INC-5 की मेज़बानी अब से कुछ महीने बाद क्रमशः ओटावा, कनाडा द्वारा और नवंबर 2024 में बुज़ान, दक्षिण कोरिया द्वारा की जानी है।
और पढ़ें… वर्ष 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण का उन्मूलन, अंतर-सरकारी वार्ता समिति
गुरु नानक जयंती
भारत के राष्ट्रपति ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर नागरिकों को शुभकामनाएँ दीं।
- गुरु नानक जयंती, जिसे गुरुपर्व के नाम से भी जाना जाता है, सिख धर्म के प्रथम गुरु और संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती के रूप में मनाई जाती है।
- यह त्योहार कार्तिक महीने के पंद्रहवें चंद्र दिवस पर मनाया जाता है, जो आमतौर पर नवंबर में पड़ता है।
- गुरु नानक देव (1469-1539) का जन्म लाहौर के पास तलवंडी राय भो नामक गाँव में हुआ था (बाद में इसका नाम बदलकर ननकाना साहिब कर दिया गया)।
- गुरु नानक देव ने 16वीं शताब्दी में अंतर-धार्मिक संवाद की शुरुआत की थी और अपने समय के अधिकांश धार्मिक संप्रदायों के साथ वार्ता की थी।
- गुरु नानक देव द्वारा लिखी गई रचनाओं को पाँचवें सिख गुरु, गुरु अर्जन (1563-1606) द्वारा आदि ग्रंथ में एकीकृत किया गया था।
- बाद में 10वें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह (1666-1708) द्वारा इसे बढ़ाया गया, यह गुरु ग्रंथ साहिब के रूप में विकसित हुआ।
- गुरु नानक देव की समानता के प्रति प्रतिबद्धता उन सामाजिक संस्थाओं में स्पष्ट है, जिनका उन्होंने समर्थन किया था: लंगर (सामूहिक रूप से भोजन पकाना और साझा करना), पंगत (ऊँची और नीची जाति के भेदभाव के बिना भोजन में भाग लेना) तथा संगत (सामूहिक निर्णय लेना)।
- उन्होंने जाति, पंथ और लिंग के भेदभाव से परे समानता का समर्थन किया।
और पढ़ें… गुरु नानक देव जयंती, गुरु नानक देव
लचित दिवस
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने लचित दिवस (24 नवंबर वार्षिक) पर लचित बोरफुकन को श्रद्धांजलि अर्पित की।
- लचित बोरफुकन भारत के वर्तमान असम में स्थित अहोम साम्राज्य में एक सेनापति तथा बोरफुकन (वायसराय) थे।
- उन्हें वर्ष 1671 में सरायघाट के युद्ध में उनके नेतृत्व के लिये जाना जाता है, जहाँ उन्होंने असम को जीतने के लिये औरंगज़ेब द्वारा भेजी गई मुगल सेना को हराया था।
- उनका जन्म 24 नवंबर, 1622 को अहोम प्रशासन के एक उच्च पदस्थ अधिकारी मोमई तामुली बोरबरुआ के यहाँ हुआ था।
- उन्हें असम की ऐतिहासिक स्वायत्तता तथा सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
- उनकी जयंती प्रत्येक वर्ष 24 नवंबर को राज्य भर में लचित दिवस के रूप में मनाई जाती है।
- वर्ष 1999 में स्थापित लचित बोरफुकन गोल्ड मेडल राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के सर्वश्रेष्ठ कैडेट को प्रदान किया जाता है।