शासन व्यवस्था
ग्रेट निकोबार का विकास
- 22 Nov 2022
- 10 min read
प्रिलिम्स के लिये:ग्रेट निकोबार द्वीप समूह, बंगाल की खाड़ी, इंडो-पैसिफिक, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, कोरल रीफ। मेन्स के लिये:ग्रेट निकोबार का विकास और इसका महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण ग्रेट निकोबार द्वीप पर 72,000 करोड़ रुपए की महत्त्वाकांक्षी विकास परियोजना के लिये पर्यावरणीय मंज़ूरी दी है।
- इस परियोजना को अगले 30 वर्षों में तीन चरणों में लागू किया जाना है।
प्रस्ताव:
- इसमें ग्रीनफील्ड शहर प्रस्तावित किया गया है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांस-शिपमेंट टर्मिनल (ICTT), ग्रीनफील्ड अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और बिजली संयंत्र शामिल हैं।
- बंदरगाह को भारतीय नौसेना द्वारा नियंत्रित किया जाएगा, जबकि हवाई अड्डे के दोहरे सैन्य-नागरिक कार्य के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
- द्वीप के दक्षिण-पूर्वी और दक्षिणी तटों के साथ-साथ कुल 166.1 वर्ग किमी. की पहचान 2 किमी. और 4 किमी. के बीच चौड़ाई वाली तटीय पट्टी के साथ परियोजना के लिये की गई है।
- करीब 130 वर्ग किमी. के जंगलों को डायवर्ज़न के लिये मंज़ूरी दी गई है, जहाँ 9.64 लाख पेड़ों के काटे जाने की संभावना है।
द्वीप को विकसित करने का उद्देश्य:
- आर्थिक कारण:
- ग्रेट निकोबार कोलंबो से दक्षिण-पश्चिम और पोर्ट क्लैंग एवं सिंगापुर से दक्षिण-पूर्व में समान दूरी पर है तथा पूर्व-पश्चिम अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग कॉरिडोर के करीब स्थित है, जिसके माध्यम से दुनिया के शिपिंग व्यापार का एक बहुत बड़ा हिस्सा संचालित होता है।
- प्रस्तावित ICTT संभावित रूप से इस मार्ग पर यात्रा करने वाले मालवाहक जहाज़ों के लिये एक केंद्र बन सकता है।
- नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार प्रस्तावित बंदरगाह कार्गो ट्रांसशिपमेंट में एक प्रमुख खिलाड़ी बनकर ग्रेट निकोबार को क्षेत्रीय और वैश्विक समुद्री अर्थव्यवस्था में भाग लेने की अनुमति देगा।
- रणनीतिक कारण:
- ग्रेट निकोबार को विकसित करने का प्रस्ताव पहली बार वर्ष 1970 के दशक में पेश किया गया था, और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा हिंद महासागर क्षेत्र के समेकन के लिये इसके महत्त्व को बार-बार रेखांकित किया गया है।
- बंगाल की खाड़ी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दावे ने हाल के वर्षों में इस अनिवार्यता को और बढ़ा दिया है।
संबंधित चिंताएँ:
- पारिस्थितिक रूप से महत्त्वपूर्ण और नाजुक क्षेत्र में प्रस्तावित बड़े पैमाने पर बुनियादी ढाँचे के विकास ने कई पर्यावरणविदों को चिंतित कर दिया है।
- वृक्षावरण की क्षति न केवल द्वीप पर वनस्पतियों और जीवों को प्रभावित करेगा बल्कि इससे समुद्र में अपवाह और तलछट जमाव में भी वृद्धि होगी जिससे क्षेत्र में प्रवाल भित्तियाँ प्रभावित होंगी।
- पर्यावरणविदों ने विकास परियोजना के परिणामस्वरूप द्वीप पर मैंग्रोव के नुकसान को भी चिह्नित किया है।
चिंताओं को दूर करने हेतु सरकार के कदम:
- भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण (ZSI) वर्तमान में यह आकलन करने की प्रक्रिया में है कि परियोजना के लिये कितनी प्रवाल भित्ति को स्थानांतरित करना होगा।
- भारत ने इससे पहले मन्नार की खाड़ी से कच्छ की खाड़ी में एक प्रवाल भित्ति का सफलतापूर्वक स्थानांतरण किया है।
- लेदरबैक कछुए के लिये एक संरक्षण योजना भी बनाई जा रही है।
- सरकार के अनुसार परियोजना स्थल कैंपबेल खाड़ी और गलाथिया राष्ट्रीय उद्यान के पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्रों के बाहर है।
ग्रेट निकोबार द्वीप समूह:
- परिचय:
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सबसे दक्षिणी भाग ग्रेट निकोबार का क्षेत्रफल 910 वर्ग किमी. है।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह बंगाल की पूर्वी खाड़ी में लगभग 836 द्वीपों का एक समूह है, जिसके दो समूह 150 किलोमीटर चौड़े दस डिग्री चैनल द्वारा अलग किये गए हैं।
- चैनल के उत्तर में अंडमान द्वीप और दक्षिण में निकोबार द्वीप समूह स्थित हैं।
- ग्रेट निकोबार द्वीप के दक्षिणी सिरे पर स्थित इंदिरा पॉइंट भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु है, जो इंडोनेशियाई द्वीपसमूह के सबसे उत्तरी द्वीप से 150 किमी. से भी कम दूरी पर है।
- इसमें 1,03,870 हेक्टेयर अद्वितीय और संकटग्रस्त उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन पारिस्थितिकी तंत्र शामिल हैं।
- यह एक बहुत समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र है, जिसमें एंजियोस्पर्म, फ़र्न, जिम्नोस्पर्म, ब्रायोफाइट्स की 650 प्रजातियाँ शामिल हैं।
- जीवों के संदर्भ में यहाँ 1800 से अधिक प्रजातियाँ हैं, जिनमें से कुछ इस क्षेत्र के लिये स्थानिक हैं।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सबसे दक्षिणी भाग ग्रेट निकोबार का क्षेत्रफल 910 वर्ग किमी. है।
- पारिस्थितिक विशेषताएँ:
- ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिज़र्व पारिस्थितिक तंत्र के एक विस्तृत स्पेक्ट्रम को आश्रय देता है जिसमें उष्णकटिबंधीय गीले सदाबहार वन, समुद्र तल से 642 मीटर (माउंट थुलियर) की ऊंचाई तक पहुँचने वाली पर्वत शृंखलाएँ और तटीय मैदान शामिल हैं
- ग्रेट निकोबार में दो राष्ट्रीय उद्यानों, एक बायोस्फीयर रिज़र्व हैं
- राष्ट्रीय उद्यान: कैंपबेल बे नेशनल पार्क और गैलाथिया नेशनल पार्क
- बायोस्फीयर रिज़र्व: ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिज़र्व।
- जनजाति:
- लगभग 200 की संख्या में मंगोलॉयड शोम्पेन जनजाति, विशेष रूप से नदियों और नालों के किनारे बायोस्फीयर रिज़र्व के जंगलों में रहते हैं।
- एक अन्य मंगोलियाई जनजाति, निकोबारी, लगभग 300 की संख्या में, पश्चिमी तट के साथ बस्तियों में रहती थी।
- वर्ष 2004 में सुनामी ने जिन पश्चिमी तट की बस्तियों को तबाह कर दिया था, उन्हें उत्तरी तट और कैम्पबेल खाड़ी में अफरा खाड़ी क्षेत्र में पुनःस्थापित कर दिया गया था।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से किनमें प्रवाल-भित्तियाँ हैं? (2014)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये: (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन सा द्वीप युग्म 'दस डिग्री चैनल' द्वारा एक-दूसरे से विभाजित होता है? (2014) (a) अंडमान और निकोबार उत्तर: (a) |