मछली की नई प्रजाति की खोज
स्रोत: डाउन टू अर्थ
हाल ही में भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) के वैज्ञानिकों ने पश्चिम बंगाल के दीघा मोहना से गहरे पानी में चमकीले नारंगी रंग की समुद्री मछली की एक नई प्रजाति की खोज की है।
खोजी गई मछली की प्रजाति:
- परिचय:
- यह नई प्रजाति, जिसे आमतौर पर गर्नार्ड्स या सी-रॉबिन्स के नाम से जाना जाता है, ट्राइग्लिडे परिवार से संबंधित है।
- मछली का नाम प्टेरीगोट्रिग्ला इंटरमेडिका (Pterygotrigla Intermedica) है, इसके लक्षण Pterygotrigla hemistictus जैसी प्रजाति से काफी मिलते-जुलते हैं। विश्व भर में ट्राइग्लिडे परिवार की कुल 178 प्रजातियाँ मौजूद हैं।
- विशिष्टताएँ:
- आतंरिक सतह पर काली झिल्लियों वाला एक विशिष्ट पेक्टोरल-फिन, पिछला सफेद किनारा और फिन के मध्य भाग में तीन छोटे सफेद धब्बे इसे औरों से अलग बनाते हैं।
- इस खोज का महत्त्व:
- यह नई समुद्री मछली भारत में पाई की जाने वाली "प्टेरीगोट्रिग्ला" जीनस की चौथी प्रजाति है।
- यह भारत में अद्वितीय समुद्री पारिस्थितिक तंत्र की हमारी समझ को बेहतर बनाने में मदद करेगी तथा समुद्री जैवविविधता के मामले में देश की मज़बूत स्थिति को रेखांकित करेगी।
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI):
- यह पर्यावरण और वन मंत्रालय का एक अधीनस्थ संगठन है, इसे वर्ष 1916 में स्थापित किया गया था।
- यह देश की असाधारण समृद्ध जीव विविधता पर ज्ञान की उन्नति हेतु अग्रणी संसाधनों के सर्वेक्षण और अन्वेषण के लिये एक राष्ट्रीय केंद्र है।
- इसका मुख्यालय कोलकाता में और 16 क्षेत्रीय स्टेशन देश के विभिन्न भौगोलिक स्थानों पर स्थित हैं।
UPSC सिविल सेवा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. हाल ही में हमारे वैज्ञानिकों ने केले के पौधे की नई और भिन्न जाति की खोज की है जिसकी ऊँचाई लगभग 11 मीटर तक होती है और उसके फल का गूदा नारंगी रंग का है। यह भारत के किस भाग में खोजी गई है? (2016) (a) अंडमान द्वीप उत्तर: (A) |
बीमा सुगम
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने अपने महत्त्वाकांक्षी 'बीमा सुगम' ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के निर्माण के लिये शीर्ष निर्णायक संस्था के रूप में कार्य करने के लिये एक संचालन समिति का गठन किया है।
- IRDAI का मानना है कि बीमा सुगम एक इलेक्ट्रॉनिक मार्केटप्लेस प्रोटोकॉल है जो भारत में बीमा का सार्वभौमिकीकरण करेगा। इस प्रोटोकॉल को इंडिया स्टैक से जोड़ा जाएगा।
बीमा सुगम:
- परिचय:
- यह एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जहाँ ग्राहक विभिन्न कंपनियों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न विकल्पों में से एक उपयुक्त योजना चुन सकते हैं।
- बीमा सुगम जीवन, स्वास्थ्य और सामान्य बीमा (मोटर व यात्रा सहित) सहित सभी बीमा ज़रूरतों को पूरा करने में सहायता करेगा।
- विशेषताएँ:
- यह बीमा बाज़ार को सरल एवं डिजिटलीकृत करेगा जिसमें पॉलिसी (बीमा) खरीदने से लेकर उसका नवीनीकरण, दावा निपटान और एजेंट तथा पॉलिसी पोर्टेबिलिटी आदि शामिल हैं।
- यह उपभोक्ताओं की बीमा संबंधी सभी समस्याओं का हल करेगा।
- भूमिका:
- प्रस्तावित प्लेटफॉर्म पॉलिसीधारकों के लिये अपने बीमा कवरेज के प्रबंधन हेतु एकल खिड़की के रूप में कार्य करेगा।
- यह ग्राहकों की बीमा खरीद, सेवा और निपटान संबंधी संपूर्ण समाधान प्रदान करेगा।
- उपयोगिता:
- इससे बीमा कंपनियों के लिये विभिन्न टच पॉइंट्स से सत्यापित और प्रामाणिक डेटा तक वास्तविक समय में पहुँच प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
- प्लेटफॉर्म बिचौलियों और एजेंटों के लिये नीतियाँ बेचने एवं पॉलिसीधारकों को सेवाएँ प्रदान करने तथा कागज़ी कार्रवाई को कम करने के लिये इंटरफेस करेगा।
- हितधारक:
- बीमा सुगम प्लेटफॉर्म में जीवन बीमा एवं सामान्य बीमा कंपनियों की 47.5% हिस्सेदारी होगी, जबकि ब्रोकर और एजेंट निकायों की 2.5% हिस्सेदारी होगी।
IRDAI:
- IRDAI, वर्ष 1999 में स्थापित, बीमा ग्राहकों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से बनाई गई एक नियामक संस्था है।
- यह IRDA अधिनियम 1999 के तहत एक वैधानिक निकाय है और वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में है।
- यह बीमा-संबंधित गतिविधियों की निगरानी करते हुए बीमा उद्योग के विकास को नियंत्रित करता है।
- प्राधिकरण की शक्तियाँ एवं कार्य IRDAI अधिनियम, 1999 और बीमा अधिनियम, 1938 में निर्धारित हैं।
इंडिया स्टैक:
- परिचय:
- इंडिया स्टैक API (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) का एक सेट है जो सरकारों, व्यवसायों, स्टार्टअप और डेवलपर्स को उपस्थिति-रहित, कागज़ रहित एवं कैशलेस सेवा वितरण की दिशा में भारत की कठिन समस्याओं को हल करने के लिये एक अद्वितीय डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करने की अनुमति देता है।
- इसका उद्देश्य जनसंख्या पैमाने पर पहचान, डेटा और भुगतान की आर्थिक प्राथमिकताओं को अनलॉक करना है।
- विशेषताएँ:
- इंडिया स्टैक के माध्यम से डिजिटल लेनदेन में प्रायः पारंपरिक तरीकों की तुलना में लेनदेन लागत कम होती है। इससे विभिन्न लेनदेन करने की लागत कम होकर व्यवसायों, उपभोक्ताओं और सरकार को लाभ होता है।
- धन के अंतर को कम करना तथा एक कुशल और लचीली डिजिटल अर्थव्यवस्था का निर्माण करना जो आर्थिक एवं सामाजिक विकास को गति दे।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) व्याख्या:
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अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस 2023
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस (23 सितंबर) के अवसर पर भारत सरकार ने सुनने में अक्षम लोगों के लिये संचार और अभिगम्यता में सुधार हेतु कई पहलें शुरू की हैं।
- सुनने में अक्षम लोगों के लिये पहलों में ऑनलाइन भारतीय सांकेतिक भाषा (ISL) पाठ्यक्रम, ISL में वित्तीय क्षेत्र से संबंधित 267 संकेतों की शुरूआत, एक व्यापक ISL शब्दकोश, विशेष स्कूलों के लिये अनुकूलित पाठ्यक्रम तथा बेहतर संचार के लिये व्हाट्सएप-आधारित वीडियो रिले सेवा शामिल है।
अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस:
- परिचय:
- अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम है जो विश्व के बधिर समुदायों की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देता है।
- वर्ष 2017 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाने के आधिकारिक दिन के रूप में घोषित किया।
- यह बधिर समुदायों के जीवन में सांकेतिक भाषाओं के महत्त्व और मानव विविधता के एक अनिवार्य हिस्से के रूप में उनकी रक्षा करने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर है।
- विश्व में लाखों लोग संचार के प्राथमिक साधन के रूप में सांकेतिक भाषा का उपयोग करते हैं।
- वे अपने स्वयं के व्याकरण और वाक्यविन्यास के साथ जटिल दृश्य-संकेत संचार प्रणालियाँ हैं।
- 2023 की थीम:
- एक ऐसी दुनिया जहाँ बधिर लोग कहीं भी हस्ताक्षर कर सकते हैं।
- इतिहास:
- विश्व बधिर महासंघ (World Federation of the Deaf- WFD), जो बधिरों के 135 राष्ट्रीय महासंघों का एक संघ है, ने पूरे विश्व के अनुमानित 70 मिलियन बधिर लोगों की ओर से इस दिन के लिये विचार प्रस्तावित किया।
- संयुक्त राष्ट्र में एंटीगुआ और बारबुडा के स्थायी मिशन ने संयुक्त राष्ट्र के 97 अन्य सदस्य देशों के साथ मिलकर एक प्रस्ताव प्रायोजित किया, जिसे दिसंबर, 2017 में सर्वसम्मति से अपनाया गया।
- वर्ष 1951 में जब WFD की स्थापना हुई थी तो इस दिन का सम्मान करने के लिये 23 सितंबर की तारीख चुनी गई थी।
- वर्ष 2018 में, बधिरों के अंतर्राष्ट्रीय सप्ताह के एक हिस्से के रूप में, पहली बार अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाया गया।
- बधिर लोगों की वर्तमान स्थिति:
- विश्व बधिर महासंघ के अनुसार, वर्तमान में विश्व में लगभग 70 मिलियन से अधिक लोग बधिर हैं।
- उनमें से 80% से अधिक अविकसित देशों में रहते हैं। वे सामूहिक रूप से 300 से अधिक विभिन्न सांकेतिक भाषाओं का प्रयोग करते हैं।
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 25 सितंबर, 2023
मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान में तलाशी अभियान
हाल ही में वन विभाग तमिलनाडु के मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान और आसपास के वन क्षेत्रों में तलाशी अभियान चला रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों एवं शिकारियों की कोई अवैध आवाजाही न हो।
- मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान पश्चिमी घाट में तमिलनाडु के उत्तर-पश्चिमी कोने में स्थित है।
- यह मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य, बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान, वायनाड वन्यजीव अभयारण्य और साइलेंट वैली के साथ नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व (UNESCO विश्व धरोहर स्थल) का एक भाग है।
- कीस्टोन प्रजाति: उद्यान का निर्माण इसकी कीस्टोन प्रजाति, नीलगिरि तहर की रक्षा के लिये किया गया था।
- वन प्रकार: उद्यान की विशेषता उच्च वर्षा, लगभग शून्य तापमान एवं तेज़ वायु वाले अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्र में शोला वनों से घिरे पर्वतीय घास के मैदान और झाड़ियाँ हैं।
- शिखर/चोटियाँ: उद्यान मुकुर्थी पीक का भी क्षेत्र है, जो नीलगिरि पहाड़ियों की सबसे ऊँची चोटियों में से एक है।
- उद्यान के क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाली जनजातियाँ: टोडा (नीलगिरि पहाड़ियों की एक देहाती जनजाति)।
और पढ़ें …राष्ट्रीय उद्यान, वायनाड वन्यजीव अभयारण्य
उत्तर प्रदेश में नवजात टीकाकरण की निगरानी
हाल ही में उत्तर प्रदेश में नवजात टीकाकरण (पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिये) की नियत तारीखों की गणना करने में फ्रंट-लाइन स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं की सहायता हेतु टीकाकरण चक्र नामक एक उपकरण लॉन्च किया गया है।
- इम्युनाइज़ेशन व्हील जिसे हिंदी में टीकाकरण चक्र कहा जाता है, क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनिशिएटिव (CHAI) के तहत क्लिंटन फाउंडेशन द्वारा विकसित और वित्त पोषित एक साधारण प्लास्टिक लेमिनेटेड कार्डबोर्ड निर्माण है।
- इसमें दो डिस्क होती हैं, एक को दूसरे के ऊपर रखा जाता है, जिसमें एक डिस्क दूसरे से बड़ी होती है और एक कील से जुड़ी होती है। छोटी डिस्क में टीकों और तीरों के डिटेल्स बने हैं; बड़ी डिस्क में दिनों व महीनों वाला एक कैलेंडर होता है।
- स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता बच्चे के जन्म को आशा डायरी (ASHA diary) में दर्ज़ करते हैं। वे प्रथम टीके से जन्मतिथि का मिलान करने के लिये चक्र का उपयोग करते हैं और अन्य तिथियाँ तद्नुसार संरेखित हो जाती हैं।
और पढ़ें: मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
भारत, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला त्रिपक्षीय समुद्री अभ्यास
- भारतीय नौसेना के युद्धपोत, आई.एन.एस. सह्याद्रि ने 20-21 सितंबर, 2023 तक रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना (RAN) और इंडोनेशियाई नौसेना के साथ आयोजित पहले त्रिपक्षीय समुद्री साझेदारी अभ्यास में भाग लिया।
- इस अभ्यास से तीनों देशों के मध्य साझेदारी को मज़बूत करने और एक स्थिर, शांतिपूर्ण एवं सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिये सामूहिक क्षमता में सुधार हुआ।
- आई.एन.एस. सह्याद्रि, स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किया गया और निर्मित प्रोजेक्ट-17 श्रेणी के मल्टीरोल स्टील्थ फ्रिगेट्स का तीसरा जहाज़ है, इसका निर्माण ‘मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स
- लिमिटेड’ (मुंबई) में किया गया था।
- प्रोजेक्ट 17 श्रेणी, जिसे शिवालिक श्रेणी के नाम से भी जाना जाता है। ये भारत में निर्मित पहले स्टील्थ युद्धपोत थे।
- शिवालिक रूसी, भारतीय और पश्चिमी हथियार व सेंसर सिस्टम का मिश्रण है।
काओबल गली-मुश्कोह घाटी
- कभी कारगिल युद्ध के दौरान रणभूमि रही काओबल गली-मुश्कोह घाटी को पर्यटकों के लिये खोल दिया गया है। इसका पूरा श्रेय भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी युद्धविराम समझौते को दिया जाता है, ऐसे में यह आशा है कि इस क्षेत्र में पर्यटन-संचालित वाणिज्य में वृद्धि देखी जा सकेगी।
- उत्तरी कश्मीर में स्थित गुरेज़ घाटी, जहाँ कभी पाकिस्तान की ओर से अक्सर गोलाबारी के मामले सामने आते रहते थे, कारगिल के द्रास सेक्टर (लद्दाख) में स्थित मुश्कोह घाटी से जुड़ने के लिये पूरी तरह तैयार है।
- 130 किलोमीटर लंबी सड़क पर्यटकों और ‘काओबल गली’ के लिये खोल दी गई है। गुरेज़ में 4,166.9 मीटर की ऊँचाई वाला सबसे ऊँचा दर्रा इन दो घाटियों को जोड़ता है।
- गुरेज़ घाटी नियंत्रण रेखा (LoC) के करीब है और किशनगंगा नदी कई स्थानों पर इस रेखा का सीमांकन करती है।
- गुरेज़ घाटी में बसे गाँव-बस्तियाँ उनमें से एक है जहाँ केवल लॉग हाउस, अर्थात् लकड़ी से बने घर पाए जाते हैं, इसके निर्माण में शहरी क्षेत्रों में प्रयोग किये जाने वाले कंक्रीट सामग्री का बिल्कुल प्रयोग नहीं किया जाता है।